पति की लंबी उम्र और सदा सुहागिन रहने का व्रत- करवा चौथ 2017
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कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ के व्रत का पूर्ण विवरण वामन पुराण में किया गया है।
वर्ष 2017 में करवा चौथ का व्रत 08 अक्टूबर को किया जाएगा । पूजा का समय शाम 5 बजकर 58 मिनट से रात्रि 8 बजकर 9 मिनट होगा ।
करवा चौथ पूजा का तरीका:-
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नारद पुराण के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। करवा चौथ की पूजा करने के लिए बालू या सफेद मिट्टी की एक वेदी बनाकर भगवान शिव- देवी पार्वती, स्वामी कार्तिकेय , चंद्रमा एवं गणेश जी को स्थापित कर उनकी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
पूजा के बाद करवा चौथ की कथा सुननी चाहिए तथा चंद्रमा को अर्घ्य देकर छलनी से अपने पति को देखना चाहिए। पति के हाथों से ही पानी पीकर व्रत खोलना चाहिए। इस प्रकार व्रत को सोलह या बारह वर्षों तक करके उद्यापन कर देना चाहिए।
पूजा की कुछ अन्य रस्मों में सास को बायना देना, मां गौरी को श्रृंगार का सामान अर्पित करना, मेंहदी लगाना आदि शामिल है।
चन्द्रोदय समय:-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के दिन शाम के समय चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है। इस दिन बिना चन्द्रमा को अर्घ्य दिए व्रत तोड़ना अशुभ माना जाता है।
यद्यपि हर शहर का चंद्रोदय का समय अलग-अलग होगा किन्तु शाम 08:11 pm से 8.14 pm तक लगभग सभी जगह चंद्रोदय होने का संकेत है ।
आचार्य राजेश कुमार
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कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ के व्रत का पूर्ण विवरण वामन पुराण में किया गया है।
वर्ष 2017 में करवा चौथ का व्रत 08 अक्टूबर को किया जाएगा । पूजा का समय शाम 5 बजकर 58 मिनट से रात्रि 8 बजकर 9 मिनट होगा ।
करवा चौथ पूजा का तरीका:-
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नारद पुराण के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। करवा चौथ की पूजा करने के लिए बालू या सफेद मिट्टी की एक वेदी बनाकर भगवान शिव- देवी पार्वती, स्वामी कार्तिकेय , चंद्रमा एवं गणेश जी को स्थापित कर उनकी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
पूजा के बाद करवा चौथ की कथा सुननी चाहिए तथा चंद्रमा को अर्घ्य देकर छलनी से अपने पति को देखना चाहिए। पति के हाथों से ही पानी पीकर व्रत खोलना चाहिए। इस प्रकार व्रत को सोलह या बारह वर्षों तक करके उद्यापन कर देना चाहिए।
पूजा की कुछ अन्य रस्मों में सास को बायना देना, मां गौरी को श्रृंगार का सामान अर्पित करना, मेंहदी लगाना आदि शामिल है।
चन्द्रोदय समय:-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के दिन शाम के समय चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है। इस दिन बिना चन्द्रमा को अर्घ्य दिए व्रत तोड़ना अशुभ माना जाता है।
यद्यपि हर शहर का चंद्रोदय का समय अलग-अलग होगा किन्तु शाम 08:11 pm से 8.14 pm तक लगभग सभी जगह चंद्रोदय होने का संकेत है ।
आचार्य राजेश कुमार
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