Thursday 6 July 2017

Guru purnima ka mahatva

               गुरु पूर्णिमा का महत्व
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आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को Guru Purnima कहा जाता है। यह पर्व महर्षि वेद व्यास को प्रथम गुरु मानते हुए उनके सम्मान में मनाया जाता है। महर्षि वेद व्यास ही थे जिन्होंने सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) के चारों वेदों की व्याख्या की थी।  इस बार गुरु पूर्णिमा 8 जुलाई को सुबह 7:32 से प्रारंभ होकर 9 जुलाई को सुबह 9:37 मिनट तक रहेगी।
 मान्यता:-

माना जाता है कि आषाढ़ पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। चूंकि गुरु वेद व्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेद का ज्ञान दिया था इसलिए वे सभी के प्रथम गुरु हुए। इसलिए उनके जन्मदिवस के दिन उनके सम्मान में यह पर्व मनाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
कैसे करे गुरु पूर्णिमा के दिन पूजन:----

1- प्रातः घर की सफाई, स्नानादि के बाद घर के किसी पवित्र स्थान पर पाटे पर सफेद वस्त्र बिछाएं व उस पर 12-12 रेखाएं बनाकर व्यास-पीठ बनाएं।

2- संकल्प:-इसके बाद दाहिने हाथ मे जल,अक्षत व पुष्प लेकर गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये मंत्र पढ़कर पूजा का संकल्प लें।

3-उसके बाद दसों दिशाओं में अक्षत छोड़े।

4- इसके बाद व्यासजी, ब्रह्माजी, शुक्रदेवजी, गोविंद स्वामीजी और शंकराचार्यजी के नाम, मंत्र से पूजा का आवाहन करें।

5- फिर अपने गुरु की या उनकी फोटो रखकर पूजा करें व उन्हें वस्त्र, फल, फूल व माला अर्पण कर यथा योग्य दक्षिणा दें और उन्हें प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
  आचार्य राजेश कुमार

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