Wednesday 12 April 2017

इंसान

Divyansh Jyotish Kendra
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इंसान के जीवन में ग्रहों का खेल                   पार्ट-2
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मेरे प्रिय मित्रों,मैंने पिछले दिनों"इंसान के जीवन मे ग्रहों का खेल "नामक लेख आप के समक्ष अति सरल भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया ताकि आप "ज्योतिष् विज्ञान "के अनुसार इस समाज के बारे में जान सकें।
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उक्त लेख से संबंधित बहुत से सवाल मित्रों ने व्यक्तिगत रूप से पूछा  जिसमे से एक कॉमन सवाल का संछिप्त विवरण आपके समक्ष रखना चाहूँगा।
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प्रश्न न 1-
यदि ज्योतिष् में   सभी सामस्या का इलाज होता तो हर इंसान अपनी प्रतिकूल परिस्थिति को अनुकूल बना लेता एवं अपनी समस्या दूर कर लेता । कोई समस्या मे पड़ता क्यों?ज्योतिष् खुद अपनी समस्या दूर कर लेता।
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उत्तर-
मित्रों आपको यह जानकारी देनी आवश्यक है की ज्योतिष विज्ञान यह नहीं कहता की हर समस्या का इलाज संभव है ,मेडिकल साइंस की तरह ही ज्योतिष विज्ञान में भी या तो इलाज है या नहीं है,ये ज्योतिषी ही बता सकता है।ग्रहों की केमेस्ट्री बता देती है की अमुक व्यक्ति अमुक समस्या से ग्रसित है या होगा । उदाहरण के लिए यदि विवाह योग नहीं है या विलंब है या द्विभारया योग है इत्यादि।
यदि उस कमजोर ग्रह की केमेस्ट्री उसे मजबूत करने से ठीक हो जाती है तो विवाह अवश्य होगा परंतु विवाह का योग नहीं है और हम उस कमजोर ग्रह का पूजा-पाठ,रत्न से उपचार कर रहे हैं तो भी विवाह नहीं होगा यह तय है।
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इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति बीमार पड़ने वाला है या उसका ऐक्सिडेंट होने वाला है तो उस घटना का योग आएगा परन्तु यदि समय रहते उसका इलाज/उपचार कर लिया जाय तो वह घटना हल्के मे निपट सकती है ।
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इसके लिए मैं एक सच्ची घटना बताता हूँ।
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वर्ष-2007 में  फैज़ाबाद के एक इंजीनियर श्री ए के सक्सेना के सुपुत्र का जुलाई मांह मे मारकेस की दशा लगने वाली थी, जिस कारण उन्होंने मेरे कहने पर कुछ ज़रूरी उपाय एवं जाप कराया। पूजा के आखिरी दिन भोज रक्खा गया।  भोज से संबंधित कुछ सामान लाने हेतु उनका लड़का साईकिल से बाज़ार गया परंतु काफी समय तक वापस नहीं आया।
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तब उनके पिता उसे ढूढ़ने निकले तो आगे सब्जी/फलमंडी के पास भीड़ लगी देख कर श्री सक्सेना दिल थम कर भीड़ के बीच मे जाकर देखा की उनके सुपुत्र जिस साइकिल से गए थे,वह साइकिल ट्रक के नीचे बुरी तरह कुचली पड़ी है परंतु उनका लड़का उनको नहीं दिखा। उन्होंने डरते हुए वहां उपस्थित लोगों से पूछा तो लोग उनको वही पास मे पड़े पुवाल( घास-फुस)की तरफ उनको ले गए जहां उनके सुपुत्र को कुछ पुरुष-महिलाएं बैठ कर हवा कर रहे थे परंतु उसे एक खरोंच तक नही आई थी। दरअसल हुआ यूँ की जब लड़का चौराहा पार कर रहा था तभी अचानक तेज गति से एक ट्रक सामने से लड़के को धक्का मारती हुई तेज ब्रेक की आवाज़ से घिसटती हुई तिरछे खड़ी हो गई थी।लड़का झटके के कारण दूर जा गिरा और साइकिल ट्रक के नीचे आ गई।
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मित्रों यहां यही कहना है की उस घटना का योग आया, घटना हुई,परंतु लड़का बच गया इसे आप क्या कहेंगे .........संयोग। यदि समय रहते उपचार नहीं हुआ होता या इंजीनियर साहब मेरी बात नही माने होते तो ना जाने क्या होता।
मित्रों वैसे भी इंसान जब बीमार होता है तभी  डॉक्टर के पास जाता है और  डॉक्टर के द्वारा लिखे हर दवा को करता है क्योंकि उसको डॉक्टर पर पूरा विश्वास होता है इसलिए उनके इलाज से ठीक हो जाता है किन्तु कुछ लोग ज्योतिषी द्वारा पर्चे पर लिखे गए उपचार/उपाय को नही करते क्योंकि शायद  उनको ज्योतिषी पर विष्वास नहीं होता है।

मित्रों मुझे उम्मीद है की आपके मन-मस्तिस्क मे उठ रहे सवाल का जवाब मिल गया होगा।क्रमशः  पार्ट तीन
  कोटि-कोटि प्रणाम ,
                       जय माता की,
              टीम दिव्यांश ज्योतिष्           फोन-9454320396/7607718546
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