दीपावली पूजन पूजन विधी
मुहूर्त 27/10/2019 :-
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त –
शाम -7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक
प्रदोश काल- शाम 6 बजकर 4 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक
वृषभ काल- शाम 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर15 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा चौघड़िया-
2019 दोपहर शुभ पूजा मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर
48 से 3 बजकर 13 मिनट तक शाम शुभ,
अमृत, खडोपचार पूजा मुहूर्त – शाम 6 बजकर 04
मिनट से 10 बजकर 48 तक
दिवाली की पूजा विधि -
दिवाली के दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी तथा कुबेर जी की
पूजा का विधान है।
गृहस्थ के लोगो को वृषभ काल स्थिर लग्न में पूजा करनी चाहिए ।
दिवाली की शाम को पूजा स्थल पर एक
चौकी बिछांए। इसके बाद गंगाजल डालकर चौकी
को साफ करें। इसके बाद भगवान गणेश और मां
लक्ष्मी तथा कुबेर जी की प्रतिमा को स्थापित करें।
पूजा स्थल पर गणेश जी के सामने दाहिनी तरफ आटे से
नवग्रह बनाए और पास में जल से भरा कलश रखें
। उस कलश में कुछ कौड़ियां,गोमती चक्र, सिक्के
सुपारी, शहद ,गंगा जल इत्यादि डालें।
उस कलश पर रोली
से स्वस्तिक बना लें और मोली से कलश को 5 बार लपेट दें।
उस पर आम के पत्ते लगाकर बड़ी दियाली से
कलश को ढक दें । उस दीयाली में चावल रखें
चावल के ऊपर लाल कपड़े में लपेट कर जटा
नारियल
रखें।
इसके बाद पूजा स्थल पर किसी लाल कपड़े की थैली में
कौड़ियां5, गोमती चक्र5, हल्दी की गांठें5, सबूत बादाम 21 रखें ।
,पंच मेवा, गुड़ फूल , मिठाई,घी , कमल
का फूल ,खील बतासे आदि भगवान गणेश और मां
लक्ष्मी के आगे रखें। धनतेरस में खरीदे गए समान भी पूजा स्थान पर ही रखें ।
भगवान गणेश और मां लक्ष्मीजी एवं कुबेर जी के
आगे घी का दीपक 5 या 11 जलाएं और
आवश्यकतानुसार कड़ू तेल के
दीपक तैयार कर रखे। पूजा समाप्ति पर अन्य
दीपक को मूर्ति के सामने के दीपक से प्रज्ज्वलित
कर घर में सभी स्थान पर रखवाएं।
अब अपने दाहिने हाथ में जल अक्षत पुष्प लेकर
गणेश लक्ष्मी जी का ध्यान करते हुए संकल्प लेकर
जमीन पर छोड़ दें। अब सभी मूर्तियों को तिलक
कर घर के सदस्यों को तिलक लगाएं। अब समस्त
सामग्रियों पर गंगा जल छिड़क दें।
अब विधिवत गणेश और मां लक्ष्मी जी के साथ ही
कुबेर
जी की पूजा करें अर्थात गणेशअथर्व शिष और मां
लक्ष्मी जी का श्री सूक्तम का पाठ तथा कुबेर जी
का पूजन करें।
पूजन के पश्चात आरती करें। दूसरे दिन सुबह लाल
थैले को पूजा स्थान या लाकर में रख दें।
दिवाली के दिन लोग आपने गहनों ,पैसों और बहीखातों की भी पूजा करते हैं।
माना जाता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में
वास होता है और धन की कभी भी कोई कमीं नही
रहती है।
आचार्य
राजेश कुमारलक्ष्मी पूजा मुहूर्त –
शाम -7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक
प्रदोश काल- शाम 6 बजकर 4 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक
वृषभ काल- शाम 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर15 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा चौघड़िया-
2019 दोपहर शुभ पूजा मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर
48 से 3 बजकर 13 मिनट तक शाम शुभ,
अमृत, खडोपचार पूजा मुहूर्त – शाम 6 बजकर 04
मिनट से 10 बजकर 48 तक
दिवाली की पूजा विधि -
दिवाली के दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी तथा कुबेर जी की
पूजा का विधान है।
गृहस्थ के लोगो को वृषभ काल स्थिर लग्न में पूजा करनी चाहिए ।
दिवाली की शाम को पूजा स्थल पर एक
चौकी बिछांए। इसके बाद गंगाजल डालकर चौकी
को साफ करें। इसके बाद भगवान गणेश और मां
लक्ष्मी तथा कुबेर जी की प्रतिमा को स्थापित करें।
पूजा स्थल पर गणेश जी के सामने दाहिनी तरफ आटे से
नवग्रह बनाए और पास में जल से भरा कलश रखें
। उस कलश में कुछ कौड़ियां,गोमती चक्र, सिक्के
सुपारी, शहद ,गंगा जल इत्यादि डालें।
उस कलश पर रोली
से स्वस्तिक बना लें और मोली से कलश को 5 बार लपेट दें।
उस पर आम के पत्ते लगाकर बड़ी दियाली से
कलश को ढक दें । उस दीयाली में चावल रखें
चावल के ऊपर लाल कपड़े में लपेट कर जटा
नारियल
रखें।
इसके बाद पूजा स्थल पर किसी लाल कपड़े की थैली में
कौड़ियां5, गोमती चक्र5, हल्दी की गांठें5, सबूत बादाम 21 रखें ।
,पंच मेवा, गुड़ फूल , मिठाई,घी , कमल
का फूल ,खील बतासे आदि भगवान गणेश और मां
लक्ष्मी के आगे रखें। धनतेरस में खरीदे गए समान भी पूजा स्थान पर ही रखें ।
भगवान गणेश और मां लक्ष्मीजी एवं कुबेर जी के
आगे घी का दीपक 5 या 11 जलाएं और
आवश्यकतानुसार कड़ू तेल के
दीपक तैयार कर रखे। पूजा समाप्ति पर अन्य
दीपक को मूर्ति के सामने के दीपक से प्रज्ज्वलित
कर घर में सभी स्थान पर रखवाएं।
अब अपने दाहिने हाथ में जल अक्षत पुष्प लेकर
गणेश लक्ष्मी जी का ध्यान करते हुए संकल्प लेकर
जमीन पर छोड़ दें। अब सभी मूर्तियों को तिलक
कर घर के सदस्यों को तिलक लगाएं। अब समस्त
सामग्रियों पर गंगा जल छिड़क दें।
अब विधिवत गणेश और मां लक्ष्मी जी के साथ ही
कुबेर
जी की पूजा करें अर्थात गणेशअथर्व शिष और मां
लक्ष्मी जी का श्री सूक्तम का पाठ तथा कुबेर जी
का पूजन करें।
पूजन के पश्चात आरती करें। दूसरे दिन सुबह लाल
थैले को पूजा स्थान या लाकर में रख दें।
दिवाली के दिन लोग आपने गहनों ,पैसों और बहीखातों की भी पूजा करते हैं।
माना जाता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में
वास होता है और धन की कभी भी कोई कमीं नही
रहती है।