आने वाला सूर्य ग्रहण क्या इस पृथ्वी पर होने वाले किसी अनहोनी का संकेत तो नहीं....! क्या कलयुग की एक पूर्ण आहुति इसी वर्ष में है ?
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सूर्यग्रहण का ज्योतिषीय कारण :-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक साल में तीन या उससे अधिक ग्रहण शुभ नहीं माने जाते हैं। 21 जून 2020 को लाग्ने वाले सूर्य ग्रहन क्या पृथ्वी पर कोई विध्वंसक घटना का संकेत है ?
इस ग्रहण का कुप्रभाव मानव जीवन को काफी विचलित कर सकते हैं. इस ग्रहणकाल में 6-6 ग्रहों (बुद्ध,गुरु,शुक्र,शनि और राहु - केतु) के वक्री होने से तूफान, भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं, गृह युद्ध, अग्नि की घटनाओं,अनहोनी की संभावना बढ़ जाती है. इस पृथ्वी के अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
इस ग्रहण का सूतक काल करीब 12 घंटे पहले लग जाएगा. सूर्यग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10 बजकर 20 मिनट से लग जाएगा और जो सूर्यग्रहण के साथ खत्म होगा
सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक कारण
विज्ञान के अनुसार, सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब चंद्रमा घूमते-घूमते सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है तो सूर्य की चमकती रोशनी चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती। चंद्रमा के कारण सूर्य पूर्ण या आंशिक रूप से ढकने लगता है और इसी को सूर्यग्रहण कहा जाता है।
21 जून को दो बड़ी खगोलीय घटनाएं होने वाली हैं।
पहली घटना सूर्यग्रहण है।
दूसरी घटना, 21 को ही साल का सबसे बड़ा दिन भी होगा। ये सदी का दूसरा ऐसा सूर्यग्रहण है, जो 21 जून को हो रहा है। इससे पहले 2001 में 21 जून को सूर्य ग्रहण हुआ था।
ज्योतिष के नजरिये से 21 जून, यानी रविवार को होने वाले सूर्य ग्रहण पर ग्रहों की ऐसी स्थिति बन रही है, जो 500 सालों में नहीं बनी। इस सूर्य ग्रहण के समय 6 ग्रह वक्री रहेंगे। यह स्थिति देश और दुनिया के लिए ठीक नहीं है।
6 ग्रहों के वक्री होने से ग्रहण खास होगा
मिथुन राशि में राहु सूर्य-चंद्रमा को पीड़ित कर रहा है। मंगल मीन राशि में है और मिथुन राशि के ग्रहों पर दृष्टि डाल रहा है। इस दिन बुध, गुरु, शुक्र और शनि वक्री रहेंगे। राहु और केतु हमेशा वक्री ही रहते है।
आगजनी, विवाद और तनाव , प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध, विभिन्न नई बीमारियां होने के हालात बन सकते हैं
वराहमिहिर के ज्योतिष ग्रंथ बृहत्संहिता के अनुसार इस ग्रहण पर मंगल की दृष्टि पड़ने से देश में आगजनी, विवाद और तनाव की स्थितियां बन सकती हैं। आषाढ़ महीने में ये ग्रहण होने से नदी के किनारे बसे शहरों पर भी इसका अशुभ असर पड़ेगा। वहीं अफगानिस्तान और चीन के लिए भी ग्रहण अशुभ रहेगा।
सूर्य ग्रहण कब और कहां दिखेगा
रविवार यानी 21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण सुबह करीब 10.20 बजे शुरू होगा और दोपहर 1.49 बजे खत्म होगा। इसका सूतक 12 घंटे पहले यानी 20 जून को रात 10.20 पर शुरू हो जाएगा। जो कि ग्रहण के साथ ही खत्म होगा। ये ग्रहण भारत, नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई, इथियोपिया और कांगो में दिखाई देगा।
12 में से 8 राशियों के लिए अशुभ
अशुभ - वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन
सामान्य - मेष, मकर, कन्या और सिंह
क्या करें और क्या नहीं ----
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ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलें।
ग्रहण से पहले स्नान करें।
तीर्थों पर न जा सकें तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाएं।
ग्रहण के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। श्रद्धा के अनुसार दान करना चाहिए।
मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सोना, यात्रा करना, किसी भी वस्तु में छेद करना, तिनका तोड़ना, लकड़ी काटना, फूल तोड़ना, बाल और नाखून काटना, कपड़े धोना और सिलना, दांत साफ करना, भोजन करना, शारीरिक संबंध बनाना, घुड़सवारी, हाथी की सवारी करना और जनवरी का दूध निकालना वर्जित है।
आचार्य राजेश कुमार
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