ज्योतिषीय गड़ना के अनुसार कर्ज़ के मुख्य कारण / कर्ज़ मुक्ति के अचूक उपाय
तीन चीजें कभी- कभी इंसान को तबाह कर देती हैं वो हैं “कर्ज़,बीमारी और मुकदमा”
चाहें गरीब हो या अमीर ,हम अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कभी न कभी कर्ज़ जरूर लेते
हैं आज लगभग सभी व्यक्ति कम या अधिक कर्ज़ से ग्रस्त हैं।यहाँ तक की बड़े से बड़ा करोड़ पति भी कर्ज़ जरूर
लेता है। कई बार ऐसा देखा गया है की लाख चाहने के बावजूद भी कर्ज़ से मुक्ति नहीं मिल पति है ।
ज्योतिष शास्त्र में षष्ठम, अष्टम, द्वादश स्थान एवं मंगल ग्रह को कर्ज का कारक ग्रह माना जाता है। मंगल के
कमजोर होने पर या पापग्रह से संबंधित होने पर, अष्टम, द्वादश, षष्ठम स्थान पर नीच या अस्त स्थिति में होने
पर व्यक्ति सदैव ऋणी बना रहता है। ऐसे में यदि उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़े तो कर्ज तो होता है पर वह
बड़ी मुश्किल से उतर जाता है। शास्त्रों में मंगलवार और बुधवार को कर्ज के लेन-देन के लिए निषेध किया है।
मंगलवार को कर्ज लेने वाला जीवनभर कर्ज नहीं चुका पाता ।
यहाँ आपको इस बात की जानकारी दी जा रही है की आप कर्ज़ कब लें और कब न लें -
1-कर्ज़ कभी भी मंगलवार को या मंगल के नक्षत्र(चित्रा, मृगा और धनिष्ठा ) मे न लें। आप जो भी कर्ज़ लें उसकी
प्रथम किस्त मंगलवार से ही वापस करना प्रारम्भ करें।
2-बृद्धि नामक योग मे लिया गया कर्ज़ कभी समाप्त नहीं होगा अतः “बृद्धि योग” मे कभी भी कर्ज़ न लें ।
3-स्थिर लग्न (वृष,सिंह ,वृश्चिक एवं कुम्भ ) मे भी कभी कर्ज़ नहीं लेना चाहिए। वरना चाह कर भी कर्ज़ अदा
नहीं होगा। संभव हो तो चर लग्न मेष,कर्क,तुला और मकर) मे ही कर्ज़ लें ।
4-बुद्धवार के दिन आप किसी अन्य को कर्ज़ कभी मत दें अन्यथा वह पैसा डूब सकता है ।
5-चौकी पर डेढ़ मीटर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं। पूर्व दिशा की ओर मुंह रखें और पांच गुलाब के फूल लें।
अब लक्ष्मी मंत्र का जाप करते हुए एक-एक करके गुलाब का फूल सफेद कपड़े पर रखें। इसके पश्चात् कपड़े को
बांध कर किसी बहते जल में प्रवाहित कर दें। यह उपाय सात शुक्रवार को करें ।
ऋण मुक्ति के अचूक उपाय
अ-मंगलवार को शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर मसूर की दाल “ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः”मंत्र बोलते
हुए चढ़ाएं।
ब-शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद अपनी लंबाई के बराबर काल धागा लेकर उसे एक नारियल के ऊपर
लपेट लें। फिर अपनी नियमित पूजा के साथ इसका भी पूजन करें, पूजा के बाद इस नारियल को भगवान से ऋण
मुक्त के लिए प्रार्थना करते हुए बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस छोटे से उपाय से आपको अपनी मेहनत के
श्रेष्ठ फल मिलने के योग बनेगे और आप के ऊपर शीघ्र ही कर्ज का भार कम होने लगेगा ।
स-कर्ज़ से मुक्ति का रामबाण उपाय गजेंद्र मोक्ष का पाठ । शनिवार को ऋणमुक्तेश्वर महादेव का पूजन करें ।
आचार्य राजेश कुमार “ दिव्यान्श ज्योतिष केंद्र “
तीन चीजें कभी- कभी इंसान को तबाह कर देती हैं वो हैं “कर्ज़,बीमारी और मुकदमा”
चाहें गरीब हो या अमीर ,हम अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कभी न कभी कर्ज़ जरूर लेते
हैं आज लगभग सभी व्यक्ति कम या अधिक कर्ज़ से ग्रस्त हैं।यहाँ तक की बड़े से बड़ा करोड़ पति भी कर्ज़ जरूर
लेता है। कई बार ऐसा देखा गया है की लाख चाहने के बावजूद भी कर्ज़ से मुक्ति नहीं मिल पति है ।
ज्योतिष शास्त्र में षष्ठम, अष्टम, द्वादश स्थान एवं मंगल ग्रह को कर्ज का कारक ग्रह माना जाता है। मंगल के
कमजोर होने पर या पापग्रह से संबंधित होने पर, अष्टम, द्वादश, षष्ठम स्थान पर नीच या अस्त स्थिति में होने
पर व्यक्ति सदैव ऋणी बना रहता है। ऐसे में यदि उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़े तो कर्ज तो होता है पर वह
बड़ी मुश्किल से उतर जाता है। शास्त्रों में मंगलवार और बुधवार को कर्ज के लेन-देन के लिए निषेध किया है।
मंगलवार को कर्ज लेने वाला जीवनभर कर्ज नहीं चुका पाता ।
यहाँ आपको इस बात की जानकारी दी जा रही है की आप कर्ज़ कब लें और कब न लें -
1-कर्ज़ कभी भी मंगलवार को या मंगल के नक्षत्र(चित्रा, मृगा और धनिष्ठा ) मे न लें। आप जो भी कर्ज़ लें उसकी
प्रथम किस्त मंगलवार से ही वापस करना प्रारम्भ करें।
2-बृद्धि नामक योग मे लिया गया कर्ज़ कभी समाप्त नहीं होगा अतः “बृद्धि योग” मे कभी भी कर्ज़ न लें ।
3-स्थिर लग्न (वृष,सिंह ,वृश्चिक एवं कुम्भ ) मे भी कभी कर्ज़ नहीं लेना चाहिए। वरना चाह कर भी कर्ज़ अदा
नहीं होगा। संभव हो तो चर लग्न मेष,कर्क,तुला और मकर) मे ही कर्ज़ लें ।
4-बुद्धवार के दिन आप किसी अन्य को कर्ज़ कभी मत दें अन्यथा वह पैसा डूब सकता है ।
5-चौकी पर डेढ़ मीटर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं। पूर्व दिशा की ओर मुंह रखें और पांच गुलाब के फूल लें।
अब लक्ष्मी मंत्र का जाप करते हुए एक-एक करके गुलाब का फूल सफेद कपड़े पर रखें। इसके पश्चात् कपड़े को
बांध कर किसी बहते जल में प्रवाहित कर दें। यह उपाय सात शुक्रवार को करें ।
ऋण मुक्ति के अचूक उपाय
अ-मंगलवार को शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर मसूर की दाल “ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः”मंत्र बोलते
हुए चढ़ाएं।
ब-शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद अपनी लंबाई के बराबर काल धागा लेकर उसे एक नारियल के ऊपर
लपेट लें। फिर अपनी नियमित पूजा के साथ इसका भी पूजन करें, पूजा के बाद इस नारियल को भगवान से ऋण
मुक्त के लिए प्रार्थना करते हुए बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस छोटे से उपाय से आपको अपनी मेहनत के
श्रेष्ठ फल मिलने के योग बनेगे और आप के ऊपर शीघ्र ही कर्ज का भार कम होने लगेगा ।
स-कर्ज़ से मुक्ति का रामबाण उपाय गजेंद्र मोक्ष का पाठ । शनिवार को ऋणमुक्तेश्वर महादेव का पूजन करें ।
आचार्य राजेश कुमार “ दिव्यान्श ज्योतिष केंद्र “
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