Sunday 13 January 2019


मकर संक्रांति विशेष: क्या है धार्मिक महत्वजानिए क्या है आपकी राशि  के अनुसार से क्या करें दान?

काशी पंचांग के अनुसार भगवान्  भास्कर दिनांक 14 जनवरी 2019 दिन सोमवार को रात्रि 7 बजकर 35 मिनट पर धनु राशी से मकर राशी में प्रवेश कर जायेंगे I धर्मशास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद लगने वाली संक्रांति का पुण्यकाल दुसरे दिन मध्यान्ह काल तक रहता है अतः मकरसंक्रांति दिनांक 15जनवरी 2019 को सर्वत्र अपनी अपनी विविध परम्पराओं के साथ मनाया जायेगा. इसीदिन भगवान् भास्कर उत्तरापथ्गामी हो जायेंगे I 

पुण्य काल मुहूर्त - 07:14 से 12:36 तक

सामान्यत: सूर्य सभी राशियों को प्रभावित करते हैंकिन्तु कर्क व मकर राशियों में सूर्य का प्रवेश धार्मिक दृष्टि से अत्यन्त फलदायक है। यह प्रवेश अथवा संक्रमण क्रिया छ:-छ: माह के अन्तराल पर होती है। भारत देश उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। मकर संक्रान्ति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में होता है अर्थात् भारत से अपेक्षाकृत अधिक दूर होता है। इसी कारण यहाँ पर रातें बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं तथा सर्दी का मौसम होता है। किन्तु मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की ओर आना शुरू हो जाता है। अतएव इस दिन से रातें छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं तथा गरमी का मौसम शुरू हो जाता है। दिन बड़ा होने से प्रकाश अधिक होगा तथा रात्रि छोटी होने से अन्धकार कम होगा। अत: मकर संक्रान्ति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है। प्रकाश अधिक होने से प्राणियों की चेतनता एवं कार्य शक्ति में वृद्धि होगी। ऐसा जानकर सम्पूर्ण भारतवर्ष में लोगों द्वारा विविध रूपों में सूर्यदेव की उपासना,आराधना एवं पूजन करउनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की जाती है।
इस दिन दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है
माघे मासे महादेव: यो दास्यति घृतकम्बलम।
स भुक्त्वा सकलान भोगान अन्ते मोक्षं प्राप्यति॥

पौराणिक बातें
·         मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उनके  घर जाते हैं।
·         द्वापर युग में महाभारत युद्ध के समय भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति के दिन को ही चुना था।
·         उत्तरायण का महत्व बताते हुए गीता में कहा गया है कि उत्तरायण के छह मास के शुभ काल मेंजब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है।
·         इसी दिन भागीरथ के तप के कारण गंगा मां नदी के रूप में पृथ्वी पर आईं थीं। और राजा सगर सहित भागीरथ के पूर्वजों को तृप्त किया था।
·         वेदशास्त्रों के अनुसारप्रकाश में अपना शरीर छोड़नेवाला व्यक्ति पुन: जन्म नहीं लेताजबकि अंधकार में मृत्यु प्राप्त होनेवाला व्यक्ति पुन: जन्म लेता है। यहाँ प्रकाश एवं अंधकार से तात्पर्य क्रमश: सूर्य की उत्तरायण एवं दक्षिणायन स्थिति से ही है। संभवत: सूर्य के उत्तरायण के इस महत्व के कारण ही भीष्म ने अपना प्राण तब तक नहीं छोड़ाजब तक मकर संक्रांति अर्थात सूर्य की उत्तरायण स्थिति नहीं आ गई। सूर्य के उत्तरायण का महत्व उपनिषद में भी किया गया है।


    करें घर में धन लक्ष्मीके  स्थाई निवास हेतु विशेष पूजन

मकर संक्रांति के दिन या दीपावली के दिन सर्वत्र विद्यमानसर्व सुख प्रदान करने वाली माता महाँ लक्ष्मी जीका पूजन पुराने समय में हिन्दू राजा महाराजा करते थे । हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम चाहते हैं की आप सभी मित्र अपने-अपने घरों में सपरिवार इस पूजा को करके माँ को श्री यंत्र के रूप में अपने घर में पुनः विराजमान करें।यह पूजन समस्त ग्रहों की महादशा या अन्तर्दशा के लिए लाभप्रद होता है।
|इस विधि से माता लक्ष्मी की पूजा करने से सहस्त्ररुपा सर्व व्यापी लक्ष्मीजी सिद्ध होती हैं|
इस पूजा को सिद्ध करने का समय दिनांक 14 जनवरी 2018 को रात्रि 11.30 बजे  से सुबह 02.57बजे  के मध्य किया जायेगा।  इस पूजन का विस्तृत विशेष पूजन अग्रिम लेख में प्राप्त होगा I

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      मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व

·         मकर संक्रांति के समय नदियों में वाष्पन क्रिया होती है। इससेतमाम तरह के रोग दूर हो सकते हैं। इसलिए इस दिन नदियों में स्नान करने का महत्व बहुत है।
·         मकर संक्रांति में उत्तर भारत में ठंड का समय रहता है। ऐसे में तिल-गुड़ का सेवन करने के बारे में विज्ञान भी कहता है। ऐसा करने पर शरीर को ऊर्जा मिलती है। जो सर्दी में शरीर की सुरक्षा के लिए मदद करता है।
·         इस दिन खिचड़ी का सेवन करने के पीछे भी वैज्ञानिक कारण है। खिचड़ी पाचन को दुरुस्त रखती है। इसमें अदरक और मटर मिलाकर बनाने पर यह शरीर को रोग-प्रतिरोधक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है।
·         वेदशास्त्रोंके अनुसार, प्रकाश में अपना शरीर छोड़नेवाला व्यक्ति पुन: जन्म नहीं लेता, जबकि अंधकार में मृत्यु प्राप्त होनेवाला व्यक्ति पुन: जन्म लेता है। यहाँ प्रकाश एवं अंधकार से तात्पर्य क्रमश: सूर्य की उत्तरायण एवं दक्षिणायन स्थिति से ही है। संभवत: सूर्य के उत्तरायण के इस महत्व के कारण ही भीष्म ने अपना प्राण तब तक नहीं छोड़ा, जब तक मकर संक्रांति अर्थात सूर्य की उत्तरायण स्थिति नहीं आ गई। सूर्य के उत्तरायण का महत्व छांदोग्य उपनिषद में भी किया गया है।
·         इसप्रकार स्पष्ट है कि सूर्य की उत्तरायण स्थिति का बहुत ही अधिक महत्व है। सूर्य के उत्तरायण होने पर दिन बड़ा होने से मनुष्य की कार्य क्षमता में भी वृद्धि होती है जिससे मानव प्रगति की ओर अग्रसर होता है। प्रकाश में वृद्धि के कारण मनुष्य की शक्ति में भी वृद्धि होती है
·         वेदशास्त्रोंके अनुसार, प्रकाश में अपना शरीर छोड़नेवाला व्यक्ति पुन: जन्म नहीं लेता, जबकि अंधकार में मृत्यु प्राप्त होनेवाला व्यक्ति पुन: जन्म लेता है। यहाँ प्रकाश एवं अंधकार से तात्पर्य क्रमश: सूर्य की उत्तरायण एवं दक्षिणायन स्थिति से ही है। संभवत: सूर्य के उत्तरायण के इस महत्व के कारण ही भीष्म ने अपना प्राण तब तक नहीं छोड़ा, जब तक मकर संक्रांति अर्थात सूर्य की उत्तरायण स्थिति नहीं आ गई। सूर्य के उत्तरायण का महत्व छांदोग्य उपनिषद में भी किया गया है।
·         पंजाबऔर हरियाणा में इस समय नई फसल का स्वागत किया जाता है और लोहड़ी पर्व मनाया जाता है, वहीं असम में बिहू के रूप में इस पर्व को उल्लास के साथ मनाया जाता है।
·         इसलिएइस दिन से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। दिन बड़ा होने से सूर्य की रोशनी अधिक होगी और रात छोटी होने से अंधकार कम होगा। इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है। आंध्रप्रदेश, केरल और कर्नाटक में इसे संक्रांति कहा जाता है|

 
अपनी राशि  के अनुसार करें दान

मकर संक्रांति परसूर्य का प्रवेश मकर राशी  में होता है औरइसका हर राशि पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आपके द्वारा किया जाने वाला कौन सा दान फलदायी साबित होगाI
 मेष- राशि के लोगों को गुड़, चिक्की , तिल का दान देना चाहिए।
वृषभ- राशि के लोगोंके लिए सफेद कपड़े और सफ़ेद तिल का दान करना उपयुक्त रहेगा।
 मिथुन -राशि के लोग मूंग दाल, चावल और कंबल का दान करें।
 कर्क -राशि के लोगों के लिए चांदी, चावल और सफेद वस्त्र का दान देना उचित है।
 सिंह- राशि के लोगों को तांबा और सोने के मोतीदान करने चाहिए।
कन्या -राशि केलोगों को चावल, हरे मूंग या हरे कपड़े का दान देना चाहिए।
तुला- राशि केजातकों को हीरे, चीनी या कंबल का देना चाहिए।
 वृश्चिक राशि के लोगों को मूंगा, लाल कपड़ा और काला   तिल दान करना चाहिए।
धनु राशि के जातकोंको वस्‍त्र, चावल, तिल और गुड़ का दान करना चाहिए।
 मकर -राशि के लोगों को गुड़, चावल और तिल दान करने चाहिए।
 कुंभ राशि के जातकों के लिए काला कपड़ा, काली उड़द, खिचड़ी और तिल का दान चाहिए।
मीन- राशि के लोगोंको रेशमी कपड़ा, चने की दाल, चावल और तिल दान देने चाहिए।
आचार्य राजेश कुमार
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Friday 4 January 2019




ज्योतिषीय गड़ना  के आधार पर अयोध्या मे राम मंदिर के बनने का संभावित योग कब से प्रारम्भ होगा -
गृह निर्माण का कारक गृह प्रायः शनि को माना जाता है । यदि चतुर्थेश ,चतुर्थ भाव और कारक गृह शनि शुभ प्रभाव के साथ विराजमान हो जाय तो व्यक्ति घर बनाने या खरीदने मे सफल हो जाता है इसके साथ कुंडली के अन्य भावों का भी योग गृह निर्माण के लिए देखि जाती है।
            जैसे चतुर्थ भाव ,चतुर्थेश और शुक्र की स्थिति शुभ होने पर व्यक्ति को घर प्रॉपर्टी का अच्छा सुख मिलता है इसके विपरीत यदि ये भाव कमजोर हैं तो उस व्यक्ति को घर संपत्ति प्रपट करने के लिए बहुत परिश्रम तथा संघर्ष करना पड़ता है । वैसे चतुर्थ भाव मे शनि हो तथा शुभ युति या दृष्टि न हो तो घर /भवन निर्माण मे संघर्ष की स्थिति बनाएगा ।
अब अयोध्या मे मंदिर निर्माण के लिए भगवान श्री राम की कुंडली / ग्रह गोचर पर विचार करना पड़ेगा ।
भगवान श्री राम की कुंडली कर्क लग्न की है लग्न भाव मे उच्चस्थ गुरु चन्द्रमाँ दोनों विराजमान हैं
कुंडली के चतुर्थ भाव मे उच्चस्थ शनि पर दशम भाव के उच्चस्थ सूर्य की दृष्टि के कारण इन्हे घर और माता का सुख कम ही प्राप्त हुआ  उनका चतुर्थ भाव शनि पर सूर्य की दृष्टि के कारण पीड़ित होने के साथ चतुर्थेश शुक्र नवांश  भाव मे केतू की युति एवं राहू की दृष्टि के कारण पीड़ित होने के कारण राम मंदिर निर्माण को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है ।
 यह सत्य है की चतुर्थ भाव पर गोचर शनि की दृष्टि भवन निर्माण करा सकती है। इस समय गोचर शनि धनु राशि अर्थात इनके छठे भाव पर गोचर कर रहा है ।   जब शनि  प्रभु श्री राम के सप्तम भाव मकर राशि मे गोचर करेंगे तब सप्तम दृष्टि से लग्न को एवं दशम दृष्टि से चतुर्थ भाव को देखेंगे और तब ही चतुर्थ भाव का फल भी सक्रिय होगा अर्थात तब अयोध्या मे राम मंदिर निर्माण अवश्य होगा । यह संभावित समय वर्ष 2020 का जनवरी - फरवरी होगा, इसके पूर्व मार्च -2019 मे राहू मिथुन राशि मे जाएंगे अतः धनु राशि के गोचरस्थ शनि की दृष्टि राहू पर पड़ेगी तब मंदिर निर्माण पर राजनीति अवश्य होगी किन्तु परिणाम सामने नहीं आयेगा ।
आचार्य राजेश कुमार
Mail id:-rajpra.infocom@gmail.com




नया साल-2019, मंगलवार को प्रारम्भ होकर मंगलवार को ही समाप्त  हो रहा है        आपके लिए  यह साल मंगलकारी होगा .........?

इस सप्ताह यानी 1 जनवरी 2019 दिन मंगलवार को को बुध का धनु राशि में गोचर होने से इस सप्ताह का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। बुद्धि, वाणी, तर्क शक्ति, गणित, व्यापार और अनुसंधान आदि का कारक मानें जाने वाले बुध ग्रह को नवग्रहों में युवराज ग्रह भी कहा जाता है। बुध वर्ष 2019 की शुरुआत करते हुए 1 जनवरी, मंगलवार को 09.38 बजे वृश्चिक राशि से धनु में गोचर कर रहा है। जो इस राशि में 20 जनवरी दिन  रविवार को 20.54 तक रहेगा  तत्पश्चात  धनु से मकर राशि में 20:55 बजे गोचर कर जाएगा।

वर्ष 2019 की शुरुआत में भी शनि धनु राशि में गोचर कर रहा है और गुरु वृश्चिक राशि और राहु 6 मार्च, 2019 तक कर्क राशि में विराजमान रहेंगें तथा केतु का गमन मकर राशि में हो रहा है  और गुरु राशि परिवर्तन कर 30 मार्च को धनु राशि और इसके बाद 25 अप्रैल को वृश्चिक राशि में गोचर कर 5 नवंबर को वापिस धनु राशि में गोचर करेंगें। गुरु 10 अप्रैल को वक्री होकर 11 अगस्‍त को मार्गी हो जाएंगें। 30 अप्रैल को शनि वक्री होकर 18 सितंबर को मार्गी हो जाएंगें।
ग्रहों के राशि परिवर्तन से सभी राशियों के जातकों पर क्या प्रभाव होगा आइए देखते हैं .........

मेष राशि:-
   मेष राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। साथ ही कॅरियर की दृष्टि से भी यह वर्ष मिलाजुला साबित होने वाला है, नौकरी में पदोन्नति की संभावन तो है लेकिन साथ ही आपको मेहनत भी बहुत ज्यादा करनी होगी। साल की शुरुआत में आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी लेकिन खर्च बढ़ जाने के कारण आपको कुछ समस्याएं भी झेलनी पड़ सकती हैं। कारोबारियों को वर्ष के मध्य में लाभ प्राप्त होगा। प्रेमी या जीवनसाथी के साथ रिश्ते मधुर रखने के लिए आपको उन्हें अपनी भावनाएं बतानी होंगी।


वृषभ राशि:-
2019 में शनि का ढैय्या पूरे प्रभाव में रहेगा। सफलता मिलने में विलंब हो सकता है। वृषभ राशि के जातकों को 2019 में अपनी सेहत को लेकर ज्यादा गंभीर रहने के आवश्यकता है। आपको अपने खानपान को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता है, इसलिए बाहर का भोजन इस वर्ष ज्यादा ना करें। आपको कोई दीर्घकालिक रोग भी हो सकता है, इसलिए विशेष सावधानी रखें। आप अपने कॅरियर को लेकर ज्यादा गंभीर रहेंगे। अगर खर्चों पर विराम ना लगाया गया तो समस्याएं आ सकती हैं। आर्थिक उन्नति के लिए आय के स्रोत प्राप्त होंगे।

मिथुन राशि:-
मिथुन राशि के जातक इस वर्ष  स्वास्थ्य की दृष्टि से परेशान नहीं रहेंगे। लेकिन फिर भी जनवरी फरवरी में आपको अपनी सेहत को लेकर थोड़ा गंभीर होना चाहिए। आपको त्वचा संबंधी कोई परेशानी हो सकती है इसलिए पहले से ही सचेत रहें। यह साल कॅरियर के मद्देनजर बेहद सामान्य रहने वाला है, लेकिन अगर आप अपनी मेहनत पर ज्यादा जोर देंगे तो यह कुछ अच्छे परिणाम भी ला सकता है। आपको कुछ बड़े आर्थिक लाभ प्रप्त हो सकते हैं, उनके लिए पहले से ही तैयार रहें। कोई बड़ी उपलब्धि भी हासिल हो सकती है। व्यापारी अगर नए-नए आइडिया आजमाएंगे तो उन्हें लाभ प्राप्त होगा।

कर्क राशि:-
कर्क राशि के जातकों के लिए यह वर्ष शानदार रहने वाला है, नौकरी में संलित लोगों को पदोन्नति मिल सकती है और कारोबारियों को आर्थिक मुनाफा भी मिल सकता है। फरवरी से मार्च और नवंबर से दिसंबर के बीच आपको नौकरी और व्यवसाय में शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है। वहीं मार्च के बाद व्यवसायी जातक किसी नए बिजनेस की शुरुआत भी कर सकते हैं। इस वर्ष धन लाभ के कई योग बन रहे हैं, लेकिन अगर समझदारी से काम नहीं लिया तो धन लाभ के साथ-साथ हानि भी उठानी पड़ सकती है।

सिंह राशि:-
2019 राशिफल के अनुसार इस साल सिंह राशि के जातकों का स्वास्थ्य बेहद अच्छा रहेगा, हां सर्दी के मौसम में सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं रह सकती हैं। आपको कॅरियर में सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार परिश्रम करना होगा, कार्यक्षेत्र में भी आपको पहचान मिलेगी,। अगर नई नौकरी ढूंढ़ रहे हैं तो वह मनोकामना भी पूर्ण हो सकती है। फरवरी-मार्च और अप्रैल में आपको धन हानि की संभावना है, सावधान रहें। लव लाइफ से संबंधित कुछ समस्याएं आ सकती हैं, पार्टनर के साथ किसी बात पर कुछ अनबन हो सकती है।

कन्या राशि:-
कन्या राशि के जातकों के लिए यह वर्ष मिले जुले परिणाम वाला साबित हो सकता है, आपको स्वस्थ्य लाभ तो मिलेगा लेकिन सेहत से संबंधित कुछ समस्याएं भी आ सकती हैं। आपका आर्थिक जीवन सामान्य से थोड़ा बेहतर बेहतर रहेगा और साल की शुरुआत से ही आपको इसका आभास हो जाएगा। जनवरी-फरवरी और मार्च में आपको विभिन्न स्रोतों से आमदनी प्राप्त होगी, साथ ही खर्चों में भे वृद्धि हो जाएगी। अगर विवाह करने जा रहे हैं या किसी को प्रपोज करना है तो साल की शुरुआत में ऐसा ना करें।



तुला राशि:-
2019
में तुला राशि के जातक अपने जीवन को लेकर काफी संतुष्ट रहेंगे। आपको बीमारियों से छुटकारा मिलेगा और कार्यक्षेत्र में भी बेहतर परिणाम हासिल होंगे। आपको सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त होफा लेकिन उनके भरोसे अपना काम छोड़ना आपकी गलती साबित हो सकती है। जीवनसाथी के साथ बढ़िया तालमेल रहेगा, आप किसी ट्रिप पर भी जा सकते हैं। घर की ख़ुशियों से आप आनंदित रहेंगे। साल के मध्य में घर में कोई बड़ी ख़ुशी दस्तक दे सकती है।

वृश्चिक राशि:-
शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण इस राशि पर रहेगा। साल के उत्तरार्द्ध में सफलताएं शुरू होंगी। शनि की उतरती साढ़ेसाती आपके लिए लाभ की स्थितियों का निर्माण कर सकती है। हेल्थ को लेकर थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता रहेगी। वाहनादि का उपयोग सावधानी से करें। इस वर्ष आपको सेहत के मामले में थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है। अगर सेहत में गिरावट आती दिखे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। फ़रवरी- मार्च का महीना आपकी सेहत के लिए थोड़ा नाजुक रह सकता है, जबकि कॅरियर के हिसाब से यह समय काफी अच्छा रहेगा। किसी अच्छी कंपनी से आपको नौकरी का प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। आपके ख़र्चे और आमदनी में अंतर देखने को मिलेगा, इसलिए अपने आर्थिक जीवन में ख़र्च और आमदनी के बीच तालमेल बनाकर चलें।

धनु राशि:-
धनु राशि वालों के लिए बहुत खास रहेगा। शनि की साढ़ेसाती अपने पूरे प्रभाव में रहेगी। मेहनत के दम पर सफलताएं हासिल करने का समय होगा। आय के नए साधन मिलेंगे। कुछ मामलों में असफलता मिल सकती है। लोग आश्वासन देकर पूरे नहीं करेंगे, सो पूरे साल आपको अपने पुरुषार्थ से काम करना होगा। पिता से संबंधों में थोड़ा मनमुटाव की स्थिति बनेगी। विरोधी भी सक्रिय रहेंगे। धनु राशि के जातकों के यह साल आपकी सैलेरी में वृद्धि दायक साबित होगा। आपको कुछ लंबी यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं जो मानसिक रूप से आपको कफी थका देंगी। आपकी पैतृक संपत्ति में वृद्धि होगी और आपका आर्थिक पक्ष भी मजबूत रहेगा। अपने प्रेम जीवन को लेकर आप इस वर्ष कुछ ज़्यादा ही गंभीर रहेंगे। यदि साथी से किसी तरह का विवाद हो जाता है तो विवाद को आगे न बढ़ाएं, बल्कि उसे बातचीत के माध्यम से निबटाएं। घर में परिजनों का स्वास्थ्य एक दम दुरुस्त रहेगा। माता-पिताजी को स्वास्थ्य संबंधी छोटी-मोटी तकलीफ़ हो सकती है, लेकिन परेशान होने की कोई जरूरत नहीं।

मकर राशि:-
मकर राशि के जातकों के लिए 2019 अच्छा रहने की उम्मीद है। मकर राशि पर साल 2019 में शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण रहेगा। परिस्थितियां थोड़ी विपरीत रहेंगी । कुछ कारणों की वजह से आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन ज्यादा परेशानी की कोई बात नहीं है। अप अपनी लव लाइफ को काफी एंजॉय़ करेंगे और आपका विवाहित जीवन भी बहुत अच्छा बीतने वाला है। अगर आप अपने प्रेमी से विव्हा करना चाहते हैं तो यह इच्छा बेहे आपकी पूर्ण हो जाएगी।


कुंभ राशि:-
कुंभ राशि वालों के लिए साल 2019 अच्छा रहेगा। कुंभ राशि के जातकों को इस साल स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ज्यादा नहीं सताएंगी। साथ ही आपका आर्थिक जीवन भी शानदार रहेगा। आमदनी के कई नए रास्ते आपको नजर आएंगे। इसके अलावा आपकी लव लाइफ भी सामान्य से ज्यादा बेहतर रहने जी उम्मीद है। आपको अपने जीवनसाथी पर पूरा भरोसा रखना होगा और उनके विश्वास को भी बरकरार रखने की कोशिश करें।

मीन राशि:-
आय के मामले में 2019 अच्छा रहेगा। पुराने अटके या डूब चुके पैसे की वसूली के प्रबल योग बनेंगे। मीन राशि के जातकों को वर्ष 2019 में स्वास्थ्य के लिए ज्यादा गंभीर रहना होगा। आपको अपनी दिनचर्या पर भी विचार करना होगा। कार्यक्षेत्र में आपको एक नई पहचान मिलेगी, आपकी छवि एक परिश्रमी, मेहनती और ईमानदार कर्मी की बनने जा रही है। आपको आर्थिक मोर्चे पर कुछ चुनौतियां झेलनी पड़ सकती है लेकोइन ये समय भी कट जाएगा। ज़ोखिम भरे क़दम उठाने से पहले उस पर विचार करें, आपको धन हानि भी हो सकती है। इस वर्ष आप अपने प्रेम जीवन को लेकर थोड़े भ्रम की स्थिति में रह सकते हैं। अपनी रिलेशनशिप को लेकर आपके मन में किसी प्रकार की शंका रहेगी। प्रेमी के साथ थोड़ी बहुत कहा सुनी हो सकती है।
आचार्य राजेश कुमार
Mail id:-rajpra.infocom@gmail.com