Saturday 20 January 2018

ऋतुओं का राजा बसंत ऋतू प्रारंभ होने का समय बसंत पंचमी


ऋतुओं का राजा बसंत ऋतू प्रारंभ होने का समय बसंत पंचमी
                      किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने का दिन


काशी पंचांग के अनुसार वसंन्त पंचमी का दिन माघ मास के पंचमी तिथि को दिनांक २२ जनवरी २०१८ को सुबह ७.१७ से दोपहर १२.३२ बजे के मध्य मनाया जायेगा .वसंत पंचमी के दिन किसी भी समय मां सरस्वती की पूजा की जा सकती हैं लेकिन पूर्वान्ह का समय पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है. सभी प्रतिष्ठानों ,शिक्षा केन्द्रों, विद्यालयो में पूर्वान्ह के समय ही सरस्वती पूजा कर माता सरस्वती का आशीर्वाद ग्रहण किया जता है.

पर्व  का महत्व-

वसंत पंचमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेशनेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन स्त्रियाँ पीले वस्त्र धारण करती हैं।

 ऋग्वेद में भगवती सरस्वती का वर्णन करते हुए कहा गया है-
प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु।
अर्थात ये परम चेतना हैं। सरस्वती के रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं। हममें जो आचार और मेधा है उसका आधार भगवती सरस्वती ही हैं। इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है। पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण ने सरस्वती से ख़ुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन तुम्हारी भी आराधना की जाएगी और यूँ भारत के कई हिस्सों में वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा होने लगी जो कि आज तक जारी है।पतंगबाज़ी का वसंत से कोई सीधा संबंध नहीं है। लेकिन पतंग उड़ाने का रिवाज़ हज़ारों साल पहले चीन में शुरू हुआ और फिर कोरिया और जापान के रास्ते होता हुआ भारत पहुँचा।

पौराणिक महत्व

इसके साथ ही यह पर्व हमें अतीत की अनेक प्रेरक घटनाओं की भी याद दिलाता है। सर्वप्रथम तो यह हमें त्रेता युग से जोड़ती है। रावण द्वारा सीता के हरण के बाद श्रीराम उसकी खोज में दक्षिण की ओर बढ़े। इसमें जिन स्थानों पर वे गये, उनमें दंडकारण्य भी था। यहीं शबरी नामक भीलनी रहती थी। जब राम उसकी कुटिया में पधारे, तो वह सुध-बुध खो बैठी और चख-चखकर मीठे बेर राम जी को खिलाने लगी। प्रेम में पगे झूठे बेरों वाली इस घटना को रामकथा के सभी गायकों ने अपने-अपने ढंग से प्रस्तुत किया। दंडकारण्य का वह क्षेत्र इन दिनों गुजरात और मध्य प्रदेश में फैला है। गुजरात के डांग जिले में वह स्थान है जहां शबरी मां का आश्रम था। वसंत पंचमी के दिन ही रामचंद्र जी वहां आये थे। उस क्षेत्र के वनवासी आज भी एक शिला को पूजते हैं, जिसके बारे में उनकी श्रध्दा है कि श्रीराम आकर यहीं बैठे थे। वहां शबरी माता का मंदिर भी है।

भारतीय पंचांग में छह ऋतुएं होती हैं. इनमें से बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है. बसंत फूलों के खिलने और नई फसल के आने का त्यौहार है. ऋतुराज बसंत का बहुत महत्व है. ठंड के बाद प्रकति की छटा देखते ही बनती है. इस मौसम में खेतों में सरसों की फसल पीले फूलों के साथ, आमों के पेड़ों पर आये फूल, चारों तरफ हरियाली और गुलाबी ठंड मौसम को और भी खुश्नुमा बना देती है. यदि सेहत की दृष्टि से देखा जाये तो यह मौसम बहुत अच्छा होता है. इंसानों के साथ पशु-पक्षियों में नई चेतना का संचार होता है. इस ऋतु को काम बाण के लिए भी अनुकूल माना जाता है. यदि हिन्दु मान्याओं के मुताविक देखा जाये तो इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था यही कारण है कि यह त्यौहार हिन्दुओं के लिए बहुत खास है. इस त्यौहार पर पवित्र नदियों में लोग स्नान आदि करते हैं इसके साथ ही बसंत मेला आदि का भी आयोजन किया जाता है.
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती की पूजा क्यों की जाती है-

सृष्टि की रचना करते सय ब्रम्हा ने मनुष्य और जीव-जन्तु योनि की रचना की

 इसी बीच उन्हे महसूस हुआ कि कुछ कमी रह गयी है जिसके कारण सभी जगह सन्नाटा छाया रहता है. जिस पर ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे चार हाथों वाली एक सुन्दर स्त्री जिसके एक हाथ में वीणा दूसरे में हाथ वर मुद्रा में था तथा अन्य दोनों हाथों में पुस्तक और माला थी प्रटक हुई. व्रह्मा जीन ने वीणा वादन का अनुरोध किया जिस पर देवी ने वीणा का मधुरनाद किया, जिस पर संसार के समस्त जीव जन्तुओं को वाणी, जल धारा कोलाहर करने लगी, हवा सरसराहट करने लगी. तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती का नाम दिया. मां सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणा वादनी और वाग्देवी आदि कई नामों से भी जाना जाता है. ब्रह्मा जी ने माता सरस्वती की उत्पत्ति बसंत पंचमी के दिन की थी यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती का जन्म दिन मानकर पूजा अर्चना की जाती है.

सरस्वती व्रत की विधि

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। प्रात: काल सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के उपरांत मां भगवती सरस्वती की आराधना का प्रण लेना चाहिए। इसके बाद दिन के समय यानि पूर्वाह्नकाल में स्नान आदि के बाद भगवान गणेश जी का ध्यान करना चाहिए। स्कंद पुराण के अनुसार सफेद पुष्प, चन्दन, श्वेत वस्त्रादि से देवी सरस्वती जी की पूजा करना चाहिए । सरस्वती जी का पूजन करते समय सबसे पहले उनका स्नान कराना चाहिए इसके पश्चात माता को सिन्दूर व अन्य श्रंगार की सामग्री चढ़ायें इसके बाद फूल माला चढ़ायें.

देवी सरस्वती का मंत्र

मिठाई से भोग लगाकर सरस्वती कवच का पाठ करें. मां सरस्वती जी के पूजा के वक्त इस मंत्र का जान करने से असीम पुण्ड मिलता है
श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा



मां सरस्‍वती का श्‍लोक

मां सरस्वती की आराधना करते वक्‍त इस श्‍लोक का उच्‍चारण करना चाहिए:-

ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।वन्दे भक्तया वन्दिता च

विशेष उपाय
आपका बच्चा यदि पढ़ने में कमजोर है तो वसन्त पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करें एवं उस पूजा में प्रयोग की हल्दी को एक कपड़े में बांध कर बच्चे की भुजा में बांध दे।
मां सरस्वती को वाणी की देवी कहा माना जाता है, इसलिए मीडिया, ऐंकर, अधिवक्ता, अध्यापक व संगीत आदि के क्षेत्र से जुड़े लोगों को वसन्त पंचमी के दिन मां सरस्वती पूजा जरूर करनी चाहिए।
माता सरस्वती की पूजा-अर्चना आदि करने से मन शान्त होता है व वाणी में बहुत ही अच्छा निखार आता है.
यदि आप चाहते है कि आपके बच्चे परीक्षा में अच्छे नम्बर लायें तो आप-अपने बच्चे के कमरे में मां सरस्वती की तस्वीर अवश्य लगायें।
जो लोग बहुत ही तीखा बोलते हैं जिस कारण उनके बने-बनाये काम भी बिगड़ जाते हैं. उन लोग को मां सरस्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
Achary Rajesh Kumar  rajpra.infocom@gmail.com



Friday 19 January 2018

क्या आप करोड़पति बनना चाहते हैं ? आपका वर्त्तमान कार्य क्या आपको समय रहते करोडपति बना सकता है ? How to become rich ?

क्या आप करोड़पति बनना चाहते हैं ? आपका वर्त्तमान कार्य क्या आपको समय रहते करोडपति बना सकता है ?  How to become rich ?

चलिए, पहले एक छोटी से अभ्यास  करते हैं। आप अपने शहर के किन्ही पांच करोड़पतियों की list मन में सोचिये….. 

अब बताइये इस लिस्ट में क्या कोई ऐसा भी है जो नौकरी पेशा है? मेरी लिस्ट में तो नहीं है, मेरे दिमाग में जो नाम आये वो मै आपको बताना चाहूँगा। मैं Gorakhpur  का रहने वाला हूँ और ये लोग वहीँ के हैं:
कालोनी के चेतना मसाले वालेडॉ. अग्रवाल, जिनका खुद का Hospital है Mr. Jalan-  सरिया वाले, मेरे colony के ठाकुर साहब जिनके Engineering College चलते हैं, और बरनवाल जी , जिनके यहाँ से हम लोग jewellery खरीदते हैं।

इन सभी में एक बात common है। लोग इनके यहाँ नौकरी करते हैं पर ये किसी के यहाँ नौकरी नहीं करते। ये सभी उद्यमी हैं, Entrepreneurs हैं, Businessmen हैं पर employee नहीं हैं।

मैंने कुछ दोस्तों से भी ये प्रश्न किया उनकी सूची में भी किसी नौकरी करने वाले का नाम नहीं था । अब ये बात और है कि आप दीमाग पे जोर डालेंगे तो कुछ ऐसे लोग मिल जायेंगे पर इनमे से ज्यादातर के बाल या तो सफ़ेद हो चुके होंगे या फिर पूरी फसल ही साफ़ हो चुकी होगी।  अगर बाल सफ़ेद करा कर Crorepati बनना है तो नौकरी  बुरी नहीं है।तीन-चार  promotion  और  15- 20 साल  में Crorepati बन ही जायेंगे… पर ऐसे बने तो बच्चों के लिए बनेंगे अपने लिए नहींऔर मज़ा तो अपने लिए बनने में हैक्यों? और अगर अपने लिए Crorepati बनना है तो खुद बनना होगा एक Entrepreneur.

यहाँ एक बात कहना चाहूँगा कुछ लोग ज्यादा पैसा कमाने कि इच्छा रखने वालों को उतनी respect  से नहीं देखते हैं, पर मुझे लगता है कि इस मंहगाई को देखकर उनके विचार में भी बदलाव आ चुका होगा….कितना कमाना ज्यादा कमाना है इसकी परिभाषा बड़ी तेजी से बदल रही हैमेरी नज़र मैं ज्यादा पैसे कमाने की इच्छा रखना एक अच्छी बात हैबशर्ते उसे कमाने के लिए गलत काम न किये जाएँ। और शायद इस article  को भी वही लोग पढ़ रहे होंगे जो ऐसी इच्छा रखते होंगे वरना  article का title पढ़ने के बाद ही वो किसी और topic  पर चले गए होते। चलिए अब आते हैं main मुद्दे पर :



पर नौकरी छोडें कैसे ?

सवाल बिलकुल ठीक है। पर उससे भी बड़ा एक सवाल है:, “नौकरी छोड़ी तो करेंगे क्या?” अगर आपके मन में ये दुसरा सवाल आ रहा है तो उसका मेरे पास कोई जवाब नहीं है। क्योंकि ये तो आपके अंदर से आने वाली आवाज़ है कि आप क्या करना चाहते हैं। और यदि यह नहीं आ रही है तो अभी आप इस तरह के step के लिए बिलकुल तैयार नहीं हैंपर ये बात पक्की है कि यदि आप चाहें तो समय के साथ खुद को तैयार कर सकते हैं।

लेकिन यदि आप उनमे से हैं जिनका कोई सपना हैजो कुछ बड़ा, कुछ महान, कुछ अपना  करना चाहते हैं तो आपको पहले प्रश्न के बारे में सोचना ही होगा। क्योंकि अगर आप अभी नहीं सोचेंगे तो आगे आपके लिए ये सोचना और भी मुश्किल हो सकता है भविष्य में:

आपकी जिम्मेदारियां बढ़  जायेंगी यानी आपकी risk  लेने की क्षमता घट जायेगी।हो सकता ही आपकी  salary  बढ़ जाए और आप खुद को समझा लें। कि चल भाई पैसे आ तो रहे हैंअब और क्या चाहिए।

कुछ लोग सोच सकते हैं कि lecture देना आसान है पर करना बहुत मुश्किल है। बात सच हैपर ये भी सच है कि ये करना मुश्किल ज़रूर है पर असंभव नहीं।

अगर Dheerubhai Ambani ने petrol pump की नौकरी नहीं छोड़ी होती तो क्या आज Reliance जैसी company होती? अगरNarayan Murthy ने Patni Computers की अपनी नौकरी नहीं छोड़ी होती तो क्या आज Infosys का कोई वजूद होता? Amitabh Bachchan ने भी पहले  Shaw Wallace और बाद में Bird & Co, नाम की  एक shipping firm में काम किया, अगर उन्होंने भी अपने दिल कि आवाज़ नहीं सुनी होती तो भला भारत को कहाँ मिलता इतना बड़ा महानायक?

ये बहुत बड़े-बड़े उदाहरण हैं, जिन्हें हम सब जानते हैं पर यकीन जानिए कि ऐसी हजारों success stories हैं, जहाँ पर लोगों ने अपनी सोच को हकीकत में बदल कर दिखाया हैगांव की गलियों से निकल कर शहर की बुलंदियों को अपना बनया है। खुद बने हैं Crorepati और कईयों को लखपति बनाया है।

पर अभी भी हमारा जो पहला सवाल था कि पर नौकरी छोडें कैसे?”वो वहीँ का वहीँ बना हुआ है। कहने की बात नहीं है कि ये एक एक बहुत ही बड़ा step है, और बस यूँहीं नहीं लिया जा सकता है। इस क्रांतिकारी कदम को वही उठा सकता है जिसके मन में कुछ अपना करने की तीव्र इच्छा हो और वो अपने plan  को execute करने के लिए बहुत ज्यादा passionate हो। जिनके अंदर वाकई में कुछ कर गुजरने की दीवानगी होती है, वो इधर-उधर की बातें ज्यादा नहीं सोचते और बस लग जाते हैं अपने प्रयासों में। (कैसे छोड़ें नौकरी ? जानने के लिए पढ़ें पढ़ें ये लेख :  जेल से निकलना है तो सुरंग बनाइये !)




पर हममें  से ज्यादातर लोग (including me) कुछ करना तो चाहते हैं, पर हमारे अंदर एक डर सा लगा होता है कि कहीं हम fail  हो गए तो जो है वो भी चला जायेगा। ये डर वाजिब भी है। इसीलिए मेरी समझ से एक बीच का रास्ता निकालना अच्छा साबित हो सकता है, जैसे कि कोई Side-Business शुरू कर के। ये एक पुराना अजमाया हुआ तरीका है, जो आपने अपने आस-पास देखा भी होगा। Office timing के बाद और छुट्टी के दिनों में लोग अपने साइड-बिजनेस को करते हैं और जब धीरे-धीरे बिजनेस ट्रैक पर आ जाता है तो अपनी नौकरी छोड़ कर पूरा समय business  में लगाते हैं। एक छोटा सा उदहारण देना चाहूँगा जो मैंने Rashmi Bansal जी की “Connect The Dots” book में पढ़ा था।

N Mahadevan 
के अंदर एक Hotelier बनने की चाहत थी पर भाग्य ने उन्हें एक Professor बना दिया था, पर उन्होंने भाग्य के इस फैसले को चुनौती दी और Madras University में अपनी Professor की prestigious job  छोड़ कर उन्होंने multi-million dollar Food Empire खड़ा कर दिया।

सुबह 9 बजे से शाम को 4:30 बजे तक पढाने के बाद इन्होने काम समझने के लिए एक और जॉब पकड़ ली, वो रोजाना शाम 6 से रात 12 बजे तक एक hotel में duty  करने लगे।जब काम समझ आ गया और कुछ पैसे इकठ्ठा हो गए तो उन्होंने खुद का एक Chinese restaurant शुरू कर दिया।आज उनके restaurants 16 देशों में हैं, जिनमे कुल 3000 employee  काम करते हैं। इन्होने खुद तो MBA  नहीं किया है पर IIM-Ahmedabad से pass-out बंदे को business सँभालने के लिए रखा हुआ है।

मेरा plan :

शायद आप जानते होंगे कि मैं भी  job कर रहा हूँ, और मैंने भी अपने लिए एक रास्ता चुना है, जो मैं आपको बताना चाहूँगा, हो सकता है आपके लिए भी इसमें से कुछ idea  निकल आये।

मेरा idea, दर-असल मेरा और मेरी wife Padmaja  का idea है । शादी से पहले वो job करती थी, पर हमने decide किया कि शादी के बाद  husband और wife दोनों का  job करना एक बेवकूफी  है। क्योंकि ऐसा करके हम हर महीने अपनी income में 10-20 हज़ार रुपये extra तो जोड़ सकते हैं पर Crorepati नहीं बन सकते। इसलिए उसने job  छोड़ दी।अब आगे कुछ करना था।

चूँकि शुरू से ही उसका मन beauty related चीजों में ज्यादा लगता था इसलिए हमने decide  किया कि हम अपने एक बहुत ही standard beauty parlour खोलेंगे, और धीरे-धीरे इसकी branches आस-पास के अन्य शहरों में खोलेंगे। वो parlour की अंदरूनी चीजों का ध्यान रखेगी और मैं promotional activities और expansion के लिए काम करूँगा। खुशी की बात ये है कि हमने इस प्लान को execute करने की शुरुआत भी कर दी है।पहला step इस business को करीब से समझने का था, इसीलिए फिलहाल Padmaja  VLCC से Beauty से related एक formal certification course कर रही है और part –time एक जान-पहचान के parlour में practice करके अपनी skills को और भी निखार रही है। इसके बाद कुछ चीजें और करनी होंगी और हमारा plan implement हो जायेगा। अब इसमें हमें सफलता मिलेगी या नहीं ये हम नहीं जानतेपर अगर हमने try भी नहीं किया तो ये बिना match  खेले ही हार मान लेना होगा। और हमें तो जीतना है।

मेरे कुछ दोस्तों ने भी ऐसा ही कुछ किया है, मेरे friend Vaibhav Srivastava ने job करते हुए एक tuition center की franchisee ली है और कुछ partners की मदद से उसे profitable  बनाने में लगे हुए हैं। मेरे एक अन्य मित्र Rahul Sahay ने भी Reliance Life Insurance में काम करते हुए कुछ दोस्तों साथ मिलकर एक Vocational Training Centre, NIPS और एक शानदार restaurant खोल लिया है।

बहुत सारे लोग बहुत सारी ideas के साथ अपने-अपने सपनो को साकार करने में लगे हुए है, और कर रहे हैं,हम इंसानों में यही तो खास बात है,हम जो सपने देखते हैं उन्हें साकार भी कर सकते हैं।

अंत में यही कहना चाहूँगा कि कोई risk ना लेना ही जिंदगी का सबसे बड़ा risk हैऔर ये risk  आप नहीं उठा सकते इसलिए अपने दिल की आवाज़ सुनिए और अपने सपनो को साकार कीजिये।

आचार्य राजेश कुमार