Monday 18 December 2017

2018 में कौन कौन राशियां होंगी माला माल :-

2018 में कौन कौन राशियां होंगी माला माल :-

किन राशी वालों का खुलने वाला है किस्मत का ताला !

प्रिय मित्रों ये तो सब जानते है कि बहुत ही जल्द 2017 खत्म होने वाला है और ऐसे में हर कोई नए साल का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा है. वही अगर आपको ये पता चल जाए कि आने वाला साल आपके लिए खुशिया लेकर आने वाला है, तो जश्न का मजा दोगुना हो जाता है. जी हां आज हम आपको बताएंगे कि आने वाले साल में ऐसी कौन सी राशियां है, जिनकी किस्मत खुलने वाली है.


नए साल में ग्रहों की चाल भी बदलेगी और बदले हुए ग्रह कुछ राशियों के लोगों को मालामाल बना सकते हैं। आज हम आपको उन राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन पर 2018 में खूब पैसा बरसने वाला है।

राशियाँ जिनको 2018 में खूब धन लाभ होगा

मेष राशि

मेष राशि के लोगों को इस साल अपनी क्रिएटिविटी की वजह से बहुत फायदा होने वाला है। शत्रु परास्‍त होंगें और धन का लाभ होगा लेकिन इस साल आपको अपनी सेहत का खास ख्‍याल रखना है।

वृषभ राशि

आपके लिए 2018 का साल ज्‍यादा अच्‍छा तो साबित नहीं होगा लेकिन आर्थिक रूप से आपको बहुत फायदा मिलने वाला है। संतान सुख की प्राप्‍ति भी हो सकती हैं। परेशानियां आएंगीं लेकिन आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लोगों का मान-सम्‍मान बढ़ेगा और लोगों के बीच उनकी तारीफ होगी। इस साल रोज़गार के नए अवसर तलाश कर रहे हैं तो आपको इस काम में सफलता मिलेगी। आय के साधन बढ़ेंगें जिससे खूब पैसा आएगा।

कर्क राशि

कर्क रा‍शि के लोगों के उत्‍साह में इस साल वृद्धि होगी। काम में ज्‍यादा मन लगेगा जिससे खूब पैसा कमाने का मौका भी मिलेगा। व्‍यापार में भी मुनाफा होगा और सैलरी बढ़ने की भी उम्‍मीद है।






सिंह राशि

अगर सिंह राशि के लोग लंबे समय से किसी कोर्ट केस में फंसे थे तो 2018 में आपको उस केस में जीत हासिल हो सकती है। भाग्‍योन्‍नति के मार्ग प्रशस्‍त होंगें।

तुला

तुला राशि वाले जातकों के लिए 2018 बेहद शुभ साबित होने वाला है. हर बिगड़े हुए काम बनेंगे. 2018 में मंगल राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं, इस गोचर से सबको लाभ होगा. मगर तुला राशि को कुछ खास लाभ होगा I 2018 में तुला राशि के लोगों पर मां लक्ष्‍मी की कृपा रहेगी। रुका हुआ धन वापिस मिल सकता है। किसी को भी पैसे उधार ना दें।

मकर राशी

मकर राशि के लाभेश भी मंगल ही है. और इसी वजह से इस राशि के जातक भी लाभान्वित होंगे . इन राशि वालों के लिए उत्तम लाभ बनेगा. इन राशि के लोगों के लिए नए साल में मित्रों और विदेश यात्रा के योग हैं.

तुला और मकर राशी के लिए वर्ष 2018 में व्यापार के भी बहुत अच्छे योग हैं. अगर इन दोनों के जातक व्यापार की शुरुआत करना चाहे तो कदम पीछे न हटाएं क्योंकि सफलता के 100 फीसदी चांस है

धनु राशि

कहीं विदेश यात्रा पर जाने का योग बन रहा है। व्‍यवसाय और नौकरी में धन कमाने के नए अवसर प्राप्‍त होंगें।

मीन राशि

2018
में आपकी संपत्ति में इजाफा होगा। दुश्‍मनों से सावधानी बरतें वरना नुकसान हो सकता है। मेहनत से खूब पैसा कमाने में सफल होंगें।

ये है वो राशियाँ हैं जिनको 2018 में अपेक्षाकृत खूब धन लाभ होगा किन्तु जीवन के कुछ क्षेत्र में परेशानी का सामना भी करनापड़ सकता है I
आचार्य राजेश कुमार( दिव्यांश ज्योतिष केंद्र )                                                                                               Mail id :-rajpra.infocom@gmail.com



वर्ष 2018 में ये दो राशि वालों के घर में होगी खूब धन की बरसात

वर्ष 2018 में ये दो राशि वालों के घर में होगी खूब  धन की बरसात

इस बार 2018 कुछ खास है. क्योंकि किसी भी राशि के जातक के लिए आने वाला साल खराब नहीं है. नई उमंगों के साथ नया साल शुरु होगा.
हम आपको आज वो दो राशियां बताने वाले है जिनके लिए नया साल फायदेमंद होगा. तो ये हैं दो राशियां जो 2018 में मालामाल होंगी. ये राशियां बहुत ही भाग्यशाली होंगी, सफलता इनके कदम चूमेंगी
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तुला राशी

तुला राशि वाले जातकों के लिए 2018 बेहद शुभ साबित होने वाला है. हर बिगड़े हुए काम बनेंगे. 2018 में मंगल राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं, इस गोचर से सबको लाभ होगा. मगर तुला राशि को कुछ खास लाभ होगा i तुला राशि की धन में वृद्धि होगी.

मकर राशी

दूसरी सौभाग्यशाली राशि है मकर राशि..इस राशि के लाभेश भी मंगल ही है. और इसी वजह से इस राशि के जातक भी स्व राशि होकर काम करेंगे. इन राशि वालों के लिए उत्तम लाभ बनेगा. इन राशि के लोगों के लिए नए साल में मित्रों और विदेश यात्रा के योग हैं.

    इन दोनों के लिए अगले साल यानि 2018 व्यापार के भी बहुत अच्छे योग हैं. अगर इन दोनों के जातक व्यापार की शुरुआत करना चाहे तो कदम पीछे न हटाएं क्योंकि सफलता के 100 फीसदी चांस है.

आचार्य राजेश कुमार( दिव्यांश ज्योतिष केंद्र )                                                                                               Mail id :-rajpra.infocom@gmail.com


Saturday 16 December 2017

दिव्यांश ज्योतिष केंद्र को "Top Three Rated of 2017 Award" प्राप्त हुआ जिसका प्रशस्तिपत्र आपके समस्त प्रेषित

दिव्यांश ज्योतिष केंद्र को "Top Three Rated of 2017 Award" प्राप्त हुआ जिसका प्रशस्तिपत्र आपके समस्त प्रेषित
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Thursday 14 December 2017

16 दिसम्बर 2017 से धनु राशि में सूर्य-शनि की युति का जनमानस एवं देश विदेश की कार्यप्रणाली,अर्थव्यवस्ता तथा प्राकृतिक संतुलन पर अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ने वाला है:- खरमांस प्रारम्भ

16 दिसम्बर 2017 से  धनु राशि में सूर्य-शनि की युति का जनमानस एवं देश विदेश की कार्यप्रणाली,अर्थव्यवस्ता तथा प्राकृतिक संतुलन पर अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ने वाला है:- खरमांस प्रारम्भ
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प्रत्येक वर्ष की भांति सूर्य के  वृश्चिक राशि से धनु राशि में दिनांक 16 दिसम्बर -2017 को दोपहर 12.04 पर  प्रवेश करते ही "खरमांस " प्रारम्भ होगा। जिस कारण शादी -विवाह,गृह- प्रवेश, नया व्यापार, मुंडन संस्कार जनेऊ संस्कार इत्यादि नही होंगे किन्तु धार्मिक कार्य,अनुष्ठान यथावत चलते रहेंगे।
जब सूर्य  बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है तो खरमास प्रारंभ हो जाता है। यह 16 दिसंबर को 12.04 मिनट पर सूर्यदेव के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास प्रारंभ हो जाएगा ।  14 जनवरी -2018 तक सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने तक यह खरमांस जारी रहेगा। 

  धनु राशि मे पूर्व से ही शनि का गोचर हो  रहा है तथा  दिनांक 16 दिसम्बर-2018 को दोपहर 12.04 पर सूर्य के भी  धनु राशि मे पहुचने से सूर्य-शनि की  युति प्रारम्भ हो रही है। इस युति पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि भी नही पड़ रही है ।
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  ‎ सूर्य-शनि की युति से भारत का राजनीतिक समीकरण, अर्थव्यवस्ता, विदेश नीति, महंगाई, पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।किसी प्रकरण पर  न्याय पालिका का शख्त रुख  हो सकता है। विदेशों में युद्ध के भी आसार हैं। प्राकृतिक आपदा के भी आसार हैं। पहाड़ी इलाको में भयंकर हिमपात, मैदानी इलाकों में ओलावृष्टि, भारीबारिश , बर्फीली हवाएं चल सकती हैं। जानमाल का नुकसान हो सकता है। किसी मशहूर शख्स का अंत भी होने के संकेत मिल रहे हैं।
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   अग्रिम एक माह की  संक्रांति में  दान-पुण्य,पूजा-पाठ पित्र की पूजा अवश्य करनी चाहिए। दान-पुण्य पूजा-पाठ से पितृलोक में पितर भी प्रसन्न होकर शुभाशीष प्रदान करते हैं बिगड़े कार्य बनाते हैं। इसके साथ ही साथ सूर्य भी प्रसन्न होकर निरोगता प्रदान करते हैं। 

                          आचार्य राजेश कुमार
                          ‎दिव्यांश ज्योतिष केंद्र

भारत वर्ष के वर्त्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र कुमार दामोदर दास मोदी जी के जन्मविवरण को लेकर भ्रम एवं भ्रांतियां :-

भारत वर्ष के वर्त्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र कुमार दामोदर दास मोदी जी के जन्मविवरण को लेकर भ्रम एवं भ्रांतियां :-
ज्योतिष विज्ञान के आधार पर ज्योतिषीय सटीक विश्लेषण :-

विगत वर्षों  में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर चल रहे विवादों में कांग्रेस ने उनकी जन्म तिथि में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया.था


पार्टी ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा मोदी की पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की जानकारी साझा करने के समय पर भी सवाल उठाया. विश्वविद्यालय ने पहले जानकारी साझा करने से इंकार कर दिया था.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, ‘एमएन कॉलेज के छात्र रजिस्टर (जिसमें मोदी ने प्री-साइंस यानी 12वीं में दाखिला लिया था) में श्री नरेंद्र मोदी की जन्म तिथि 29 अगस्त, 1949 है. उनके चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी जन्म तिथि नहीं बताई है बल्कि अपनी उम्र लिखी है. सार्वजनिक रूप से उपलब्ध उनकी औपचारिक जन्म तिथि 17 सितंबर, 1950 है.उन्होंने स्कूल रजिस्टर की प्रति दिखाई, जिसमें प्रधानमंत्री का नाम नरेंद्रकुमार दामोदरदास मोदी और उनकी उक्त जन्म तिथि लिखी है.
     जबकि,मोदी जी के  वाह्य एवं आतंरिक व्यक्तित्व,क्रियाकलापों  ,उनके भाषण ,पारिवारिक परिस्थितियों एवं विगत  लगभग  दो  दशकों से प्रदेश एवं देश की सत्ता में रहकर किये गए कार्यो के आधार  पर गहन अध्ययन एवं ज्योतिषीय विश्लेशन के पश्चात् प्राप्त वास्तविक जनम तिथि १७ सितम्बर १९४९   ,जन्म समय सुबह १० .५५ जन्म स्थान वड नगर ,गुजरात होनी चाहिए I
इस जन्मतिथि के आधार पर प्राप्त विवरण से पूर्व मोदी जी के बहु चर्चित जन्म तिथि सितम्बर 17, 1950, जन्म समय ११ बजे से प्राप्त विवरण को समझना जरुरी है I

जानिए क्या कहती है नरेन्द्र मोदी की बहुचर्चित जन्म की तारीख सितम्बर 17, 1950, जन्म समय ११ बजे:--

सितम्बर 17, 1950, जन्म समय ११ बजे, मेहसाणा-गुजरात, जिसके अनुसार उनका जन्म लग्न वृश्चिक है और जन्म कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को विष्कुम्भ योग में हुआ है। विष्कुम्भ में जन्मा हुआ जातक कभी इतना उत्थान नहीं कर सकता इसके अलावा जो पहले की कुंडली में संदेह जनक पक्ष है वे हैं - 



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१. वृश्चिक लग्न में मंगल तो है परन्तु शुन्य अंश का है साथ में नीच का चन्द्रमा है, जिसके चलते रूचक और विष्णु लक्ष्मी योग तो बनते हैं परन्तु बहुत ही कमजोर , कम से कम इतने शक्तिशाली तो नहीं जितने मोदी हैं। 

२. वृश्चिक लग्न में दसम भाव का मालिक सूर्य है जो स्वयं एकादश भाव में केतु के साथ ग्रहण योग में बैठा है और दसम भाव में शत्रु के स्थान पर शनि विराजमान है जो कभी भी इतना तगड़ा राजयोग नहीं दे सकता बल्कि हमेशा अवरोध उत्पन्न करेगा। जबकि मोदी का पिछला जीवन देखा जाये तो मोदी निरंतर आगे बढे हैं और कभी भी उनके लिए कोई बड़ी समस्या नहीं खड़ा कर पाया। साथ ही यह भी इतना प्रबल राजयोग नहीं बना सकता जितना मोदी का है। 
३. गुरु भी केंद्र में है परन्तु शत्रु स्थान पर है और वक्री भी है, अतः यहाँ गुरु से भी किसी प्रकार का राजयोग नहीं बन पा रहा है।
४. बुध एकादश भाव में कन्या राशि में है परन्तु वक्री है, अतः बुधादित्य योग उतना प्रभावकारी नहीं हो सकता। 

५. पंचम में राहु विद्या में बाधक है और उस पर सूर्य - बुध - केतु की दृष्टि से व्यक्ति बहुत नकारात्मक बुद्धि वाला या विध्वंसक विचार का हो जायेगा, अतः यहाँ यह योग भी समझ से परे है। 

६. सन १९८५ से लेकर २००५ तक मोदी की शुक्र की महादशा रही है और जब अक्टूबर २००१ में मोदी मुख्यमंत्री बने तो शुक्र में शनि का अंतर था, वृश्चिक लग्न में शुक्र मारकेश है और बुध एवं शनि सहायक, तो उस समय मुख्यमंत्री कैसे बन सकते हैं मोदी

इन सभी कारणों को देखते हुए    हमने ,मोदी जी के  वाह्य एवं आतंरिक व्यक्तित्व,उनके क्रियाकलापों  ,उनके भाषण ,पारिवारिक परिस्थितियों एवं विगत  लगभग  दो  दशकों से प्रदेश एवं देश की सत्ता में रहकर किये गए कार्यो के आधार  पर गहन अध्ययन एवं ज्योतिषीय विश्लेशन के पश्चात् प्राप्त वास्तविक जनम तिथि १७ सितम्बर १९४९   ,जन्म समय सुबह १० .५५ जन्म स्थान वड नगर ,गुजरात के आधार पर विश्लेषण किया तो चौकाने वाले नतीजे प्राप्त  हुए जो निम्नवत हैं  I
अब जानिए क्या कहती है नरेन्द्र मोदी की वास्तविक जन्म की तारीख १७ सितम्बर १९४९   ,जन्म समय सुबह १० .५५ जन्म स्थान वड नगर ,गुजरात :--


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१. लग्न तुला है और तुला में ही शुक्र बैठा है - यह अपने आपमें जबरदस्त रोजयोग कारक है और व्यक्ति को कीचड में पैदा होने के बावजूद राजसिंहासन तक पहुँचाने की क्षमता रखता है और शायद यह बात जो भी ज्योतिष जानते हैं उन्हें बताने की आवश्यकता नहीं कि लग्न में तुला के शुक्र का क्या मतलब होता है।

२. दशम भाव में नीच का मंगल - जिसके कारण पिता के सुख में कमी परन्तु उच्च दृष्टि माँ के स्थान पर अतः माँ की आयु लम्बी और भरपूर आशीर्वाद, साथ ही शत्रुओं को परास्त करने की अद्भुत क्षमता। 

३. पराक्रम भाव अर्थात तृतीय भाव में अपनी ही राशि पर बैठा वक्री गुरु - यह भाई - बहनों के सुख को कमजोर करता है परन्तु अदभुत पराक्रम देता है, मोदी के बारे में ये दोनों ही बाते सर्वविदित हैं। 

४. राज्येश चन्द्रमा का भाग्य स्थान अर्थात नवम भाव में बैठना - यह एक अद्भुत राजयोग है। साथ ही गुरु और चन्द्रमा का दृष्टि योग जबरदस्त पराक्रम, राज क्षमता, सृजनात्मक विचार इन सबसे व्यक्ति को ओतप्रोत बनता है, और ये सभी गन मोदी में विद्यमान हैं। 

५. एकादश भाव में शनि - यहाँ बैठकर शनि लग्न, पंचम, और अष्टम भाव को सीधे देख रहे हैं, अतः देर से विद्या की प्राप्ति, लग्न पर उच्च दृष्टि के कारण निरोगी एवं आध्यात्मिक विचारधारा, दुखी लोगो के प्रति सेवा का भाव ये सभी गुण प्रदान कर रहा है, साथ ही जीवन में अत्यधिक यात्रा और यात्रा के और सेवा के द्वारा लाभ को दर्शाता है, और इन सभी बातों को मोदी के सन्दर्भ में बताने की आवश्यकता नहीं। 

६. छठवें भाव में राहु - कम से कम किसी ज्योतिष के विद्वान को इसका अर्थ बताने की आवश्यकता नहीं, शत्रुओं पर जबरदस्त प्रभाव, जिसने भी शत्रुता की वो गया और यही मैंने पहले भी लिखा था की संजय जोशी, केशुभाई पटेल, और शंकर सिंह बाघेला आज नेपथ्य में चले गए हैं और पूरी तरह से मोदी पर आश्रित हैं। वर्तमान में आडवाणी और सुषमा स्वराज को झुकना पड़ा और नितीश, मायावती, मुलायम, अरविन्द केजरीवाल, मणिशंकर अय्यर, सलमान खुर्शीद जैसे न जाने कितने लोग मोदी का विरोध करने की वजह से मोदी जी से परास्त   हुए । 
७. द्वादश भाव में केतु, सूर्य, और बुध - जो स्वयं कन्या यानी कि बुध की अपनी राशि में हैं एक साथ युति कर रहे हैं। ऐसा किसी भी व्यक्ति को जबरदस्त योजनाकार, भ्रमणशील, प्रखर वक्ता, धर्म रक्षक, तथा परोपकारी बनाता है। साथ ही यह योग पुनः किसी भी शत्रु के लिए अत्यंत घातक है। सूर्य शुन्य अंश का और पिता का कारक और ग्रहण योग में होने के कारण पिता के सुख में कमी और पैतृक सम्पत्ति तथा पैतृक स्थान के सुख में भारी कमी को दर्शाता है। 



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अब करते हैं दशाओं की बात :
मोदी का जन्म इस वर्ष के अनुसार गुरु की महादशा में हुआ, तुला लग्न में गुरु तीसरे और छठे भाव का स्वामी है , मोदी को जन्म से कितना दुःख झेलना पड़ा यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है।

1965
से - 1984 तक: यह शनि की दशा का समय था, शनि तुला लग्न में योगकारक तो हैं परन्तु राजयोगकारक नहीं। साथ ही सुख भाव(चतुर्थ ) से छठे भाव में बैठे हैं, अतः अत्यंत दुःख, खूब भ्रमण, आध्यात्मिक और नैतिक ज्ञान के साथ जीवन जीने को बाध्य किये, इस दौरान जैसा शनि का गुण है मोदी साधु संतों की सेवा में रहे और लगभग सन्यासी का जीवन यापन किये।

1984
से जुलाई 2001 तक: यह समय जहाँ से मोदी के राजनैतिक जीवन और अच्छे दिन की शुरुवात होती है, बुध इनकी कुंडली में भाग्येश है और अपनी उच्च राशि कन्या में द्वादश में बैठकर राजयोग भी बना रहा है और यही से मोदी के राजयोग की शरुवात हो जाती है। 

नरेन्द्र मोदी जी स्वतन्त्र भारत में जन्म लेने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जो सन २००१ से २०१४ तक लगभग १३ साल गुजरात के १४वें मुख्यमन्त्री रहे और हिन्दुस्तान के १५वें प्रधानमन्त्री बने। यद्यपि वर्ष २००८ से २०२८ तक लग्नेश शुक्र की महादशा समयांतराल में अधिकतर समय मोदी जी के लिए अच्छा  ही रहेगा किन्तु वर्त्तमान में शुक्र में राहू की अन्तर्दशा में गुजरात चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलना मुश्किल है  जबकि अन्य पार्टिओं को भी पूर्ण बहुमत मिलना आसान  नहीं है I उक्त के बावजूद इस देश की बहुमुखीय विकास के लिए मोदी जैसे शख्शियत की नितांत आवश्यकता है I
विशेष :
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मेरे दिए हुए जन्म तारीख अर्थात सितम्बर 17,1949, सुबह 10.50 के अनुसार मोदी का जन्म दिन शनिवार, वरियन योग, कृष्ण पक्ष, दशमी तिथि, पुनर्वसु नक्षत्र है, दशमी तिथि जाया तिथि होती है और इन सारे योग में पैदा हुआ व्यक्ति राजा नहीं बनेगा तो कौन बनेगा?

 सबसे ध्यान देने योग्य बात ये है कि मोदी ने गुजरात और वाराणसी दो जगह से अपना नामांकन दसमी तिथि को ही किया था। १७ और २६ दोनों का हे योग ८ है जो शनि का अंक है, मोदी १७ को शनिवार के दिन ही पैदा हुए हैं। 

यह मेरा प्रयास था तथ्यों का, पाठकों और ज्योतिषविदों से निवेदन  है कि अपना विचार रखें तो बेहतर होगा I

आचार्य राजेश कुमार( दिव्यांश ज्योतिष केंद्र )