Friday 28 April 2017

अक्षय तृतीया का विशेष महत्व

              "दिव्यांश ज्योतिष् केंद्र"
                   अक्षय तृतीया
प्रत्येक वर्ष यह पर्व बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में पूरे भारत वर्ष में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। यह त्योहार प्रमुखता से हिन्दू और जैन धर्म के लोग मानते हैं।

दिनांक 28 अप्रैल -2017 को सुबह 10.31 के पश्चात तृतीया तिथि लगेगी, एवं दोपहर  1.40  से रोहिणी नक्षत्र  प्रारंभ होगा। अतः 28 अप्रैल को ही अक्षय तृतीया मनाई जाएगी।
 जो लोग उदया तिथि को लेकर चलते हैं वे लोग  इस पर्व को 28 व 29 दोनों दिन मनाएंगे। क्योकि शास्त्रों के अनुसार जो तिथि सूर्योदय के समय मिले वही तिथि पूरे दिन मानी जायेगी।  अतः दिनांक 29 अप्रैल 2017 को सूर्योदय के समय तृतीय तिथि व रोहिणी नक्षत्र दोनों रहेगी अतः काशी पंचांग के अनुसार यह त्योहार 29- अप्रैल -2017 को दानपुण्य , शुभ कार्य अत्यन्त शुभफलदाई होगा।

आज ही के दिन कई महापुरुषों का जन्म भी हुआ था । अक्षय तृतीया पर्व को कई नामों से जाना जाता है. इसे अखतीज और वैशाख तीज भी कहा जाता है. . इस पर्व को भारतवर्ष के खास त्यौहारों की श्रेणी में रखा जाता है.  इस दिन स्नान, दान, जप, होम आदि अपने सामर्थ्य के अनुसार जितना भी किया जाएं, अक्षय रुप में प्राप्त होता है.

अक्षय तृतीया कई मायनों से बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है. बिना पंचांग देखे किसी भी शुभ कार्य की शुरुवात,  जिनके अटके हुए काम नहीं बन पाते हैं,या व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है अथवा किसी कार्य के लिए कोई शुभ मुहुर्त नहीं मिल पा रहै हो तो उनके लिए कोई भी नई शुरुआत करने के लिए अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ माना जाता है.  अक्षय तृतीया में सोना खरीदना बहुत शुभ माना गया है. इस दिन स्वर्णादि आभूषणों की ख़रीद-फरोख्त को भाग्य की शुभता से जोडा़ जाता है.

इस पर्व से अनेक पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं. इसके साथ महाभारत के दौरान पांडवों के भगवान श्रीकृष्ण से अक्षय पात्र लेने का उल्लेख आता है. इस दिन सुदामा भगवान श्री कृष्ण के पास मुट्ठी - भर भुने चावल प्राप्त करते हैं. इस तिथि में भगवान के नर-नारायण, परशुराम, हयग्रीव रुप में अवतरित हुए थे. इसलिये इस दिन इन अवतारों की जयन्तियां मानकर इस दिन को उत्सव रुप में मनाया जाता है. एक पौराणिक मान्यता के अनुसार त्रेता युग की शुरुआत भी इसी दिन से हुई थी. इसी कारण से यह तिथि युग तिथि भी कहलाती है.

 इसी दिन प्रसिद्ध तीर्थस्थल बद्रीनारायण के कपाट भी खुलते हैं.  वृन्दावन स्थित श्री बांके बिहारी जी के मन्दिर में केवल इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं, अन्यथा वे पूरे वर्ष वस्त्रों से ढके रहते हैं.

अक्षय तृतीया में पूजा, जप-तप, दान स्नानादि शुभ कार्यों का विशेष महत्व तथा फल रहता है. इस दिन गंगा इत्यादि पवित्र नदियों और तीर्थों में स्नान करने का विशेष फल प्राप्त होता है. यज्ञ, होम, देव-पितृ तर्पण, जप, दान आदि कर्म करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

अक्षय तृ्तिया के दिन गर्मी की ऋतु में खाने-पीने, पहनने आदि के काम आने वाली और गर्मी को शान्त करने वाली सभी वस्तुओं का दान करना शुभ होता है. इस्के अतिरिक्त इस दिन जौ, गेहूं, चने, दही, चावल, खिचडी, ईश (गन्ना) का रस, ठण्डाई व दूध से बने हुए पदार्थ, सोना, कपडे, जल का घडा आदि दें. इस दिन पार्वती जी का पूजन भी करना शुभ रहता है.

अक्षत तृतीया व्रत एवं पूजा | Fast and rituals for Akshaya Tritya



इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान इत्यादि नित्य कर्मों से निवृत होकर व्रत या उपवास का संकल्प करें. पूजा स्थान पर विष्णु भगवान की मूर्ति या चित्र स्थापित कर पूजन आरंभ करें भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं, तत्पश्चात उन्हें चंदन, पुष्पमाला अर्पित करें.

पूजा में में जौ या जौ का सत्तू, चावल, ककडी और चने की दाल अर्पित करें तथा इनसे भगवान विष्णु की पूजा करें. इसके साथ ही विष्णु की कथा एवं उनके विष्णु सस्त्रनाम का पाठ करें.  पूजा समाप्त होने के पश्चात भगवान को भोग लाएं ओर प्रसाद को सभी भक्त जनों में बांटे और स्वयं भी ग्रहण करें. सुख शांति तथा सौभाग्य समृद्धि हेतु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती जी का पूजन भी किया जाता है.

धर्म शास्त्रों में इस पुण्य शुभ पर्व की कथाओं के बारे में बहुत कुछ विस्तार पूर्वक कहा गया है. इनके अनुसार यह दिन सौभाग्य और संपन्नता का सूचक होता है.  अक्षय तृतीया  को  सर्वसिद्धि मुहूर्त भी कहा जाता है. क्योंकि इस दिन किसी भी शुभ कार्य करने हेतु पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती. अर्थात इस दिन किसी भी शुभ काम को करने के लिए आपको मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता  नहीं होती. अक्षय अर्थात कभी कम ना होना वाला इसलिए मान्यता अनुसार इस दिन किए गए कार्यों में शुभता प्राप्त होती है. भविष्य में उसके शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं.

पूरे भारत वर्ष में अक्षय तृतीया की खासी धूम रहती है. हए कोई इस शुभ मुहुर्त के इंतजार में रहता है ताकी इस समय किया गया कार्य उसके लिए अच्छे फल लेकर आए. मान्यता है कि इस दिन होने वाले काम का कभी क्षय नहीं होता अर्थात इस दिन किया जाने वाला कार्य कभी अशुभ फल देने वाला नहीं होता. इसलिए किसी भी नए कार्य की शुरुआत से लेकर महत्वपूर्ण चीजों की खरीदारी व विवाह जैसे कार्य भी इस दिन बेहिचक किए जाते हैं.

नया वाहन लेना या गृह प्रेवेश करना, आभूषण खरीदना इत्यादि जैसे कार्यों के लिए तो लोग इस तिथि का विशेष उपयोग करते हैं. मान्यता है कि यह दिन सभी का जीवन में अच्छे भाग्य और सफलता को लाता है. इसलिए लोग जमीन जायदाद संबंधी कार्य, शेयर मार्केट में निवेश रीयल एस्टेट के सौदे या कोई नया बिजनेस शुरू करने जैसे काम भी लोग इसी दिन करने की चाह रखते हैं.

 इस तिथि के दिन महर्षि गुरु परशुराम का जन्म दिन होने के कारण इसे "परशुराम तीज" या "परशुराम जयंती" भी कहा जाता है. इस दिन गंगा स्नान का बडा भारी महत्व है. इस दिन स्वर्गीय आत्माओं की प्रसन्नाता के लिए कलश, पंखा, खडाऊँ, छाता,सत्तू, ककडी, खरबूजा आदि फल, शक्कर आदि पदार्थ ब्राह्माण को दान करने चाहिए. उसी दिन चारों धामों में श्री बद्रीनाथ नारायण धाम के पाट खुलते है. इस दिन भक्तजनों को श्री बद्री नारायण जी का चित्र सिंहासन पर रख के मिश्री तथा चने की भीगी दाल से भोग लगाना चाहिए. भारत में सभी शुभ कार्य मुहुर्त समय के अनुसार करने का प्रचलन है अत: इस जैसे अनेकों महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इस शुभ तिथि का चयन किया जाता है, जिसे अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है।इस त्योहार का वर्णन भविष्य पुराण एवं पद्म पुराण में प्रमुखता से मिलता है।
    सधन्यवाद,
                   जय माता की,
                   आचार्य राजेश कुमार
                   9454320396

Friday 21 April 2017

आपके जीवन में ग्रहों का खेल-2

https://youtu.be/yn8mS9utN9E

Dear friends, kindly see this video for yourself and please share it to your nearer and dearer.
Lot of thanks.

Sunday 16 April 2017

Importance of gravity of planets in your life

"Divyansh Jyotish Kendra"
  🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥           ----------------------------Importance of Gravity of planets  in your life:~
🌞🌞🌞🌞🐚🐚🌞🌞🌞                                              
Dear friends ,
      As per my view the gravity of gems Stones r very important to give positive effects to your planets.
U know very well there r too much difference in the man to man's gravities of planets.  Just I want to explain about it.
🐠🐟🐟🐠🐟🐟🐠🐟🐟                                                         Horoscope of every persons have same planetes(9), same rashi(12)  and same nakshatra(27+1) but there life activities,financial positions, career family extra are not same . Do u know why.....that is due to differentiation of gravity of their planets which r situated in their horoscope.
🌺🌻🌺🌻🌺🌻🌺🌻🌺
 Low & high gravity may be loses your lives activities while Equal gravity will be 100%  perfect gems for u.
  🌼🌷🌹🌻🌺🌸🌸🌼
     This formula is invented by me that is  the  Gravity is calculated by the combination of digrees of yr planets, nakshatra, charan, planet is situated in which rashi. etc
🌏🌍🌎🌍🌏🌎🌍🌏🌎
Each and every planets have there own responsibilities given by the nature to your life.
Why Astrologer advise to wear gems stone because of weakness of your planets.
🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘
 If The dasha-antardasha-pratyantar dasha will be weak it means that time duration of your life will be panic, tension ful life etc, it means the gravity of that planet is not perfect. But it is the subject of verification that is how much gravity is needed to your planets in horoscope.
 🐎🐎🐎🐎🐎🐎🐎🐎
 In the last it is my humble request that before purchasing the gems,u must verify  it's gravity by the perfect Astrologer.
 🌙🌙⭐🌙🌙⭐🌙🌙
 Note:- it's fact that shopkeeper knows only prize and originality of stone but he can't verify the gravity of your planet which r situated in your horoscope.
 🌞🌞🌞👨‍👨‍👧‍👦👨‍👨‍👧‍👦🌞🌞🌞
 There r so many people get benefited by this way and they r enjoying their life.
  Sadhanywad,
 Team divyansh jyotish kendra
🙏🙏🍁🙏🙏

Wednesday 12 April 2017

अब पछताने से क्या हुआ जब चिड़िया चुग गई खेत -----पार्ट-1

"Divyansh Jyotish
Kendra"
🌎🌍🌎🌍🌏🌍🌎🌍🌎
अब पछताने से क्या हुआ जब चिड़िया चुग गई खेत  -----पार्ट-1
🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘     ------------------------------------------------------------
मेरे प्रिय मित्रों,

     हमने अपने जीवन के कार्यकाल में अनगिनत लोगों की कुंडली देखी, उनकी समस्या का ईलाज किया । उनमे से 80-85% लोगों की समस्या का समाधान भी हुआ।
🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢🐢
     दूसरी बात मेरे पास आने वालों में 90% लोग अपने या अपनों की ऐसी समस्या लेकर आये जिसका समाधान समाज के अन्य प्रतिष्ठानों पर नहीं मिला और उन्होंने अंतिम मुकाम के तौर पर एस्ट्रोलॉजी को चुना जबकि वो चाहते तो एस्ट्रोलॉजी को प्रथम विकल्प के रूप में रखकर सही समय पर उस समस्या का समाधान कर सकते थे।  उदाहरण के तौर पर
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
     1-यदि  किसी के बच्चे का उसकी शिक्षा के अनुरूप उसका चयन बार-बार नहीं हो पा रहा है तब  उस बच्चे का स्वर्णिम अवसर निकल जाने के बाद उनको astrology याद् आयी। पता चला तब तक उसकी उम्र तय सीमा से अधिक हो गई अथवा अत्यदिक विलम्ब के कारण उसकी समस्या जटिल हो गई।

     2-इसी प्रकार किसी की शादी नहीं हो पा रही है तो कई वर्ष तक भटकने  के बाद अथवा काफी विलम्ब से शादी कर देने के पश्चात् तलाक हो गया तब मेरे पास आए।

     3-इसी तरह किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति उस बीमारी के क्रोनिक (असाध्य रोग) बनाने के बाद अंतिम विकल्प के रूप में एस्ट्रोलॉजी को चुना ।

     4-अपने मन से कोई व्यापार में लाखों करोडो रूपये लगा कर सब कुछ गंवा कर क़र्ज़ में हो जाने के बाद हमसे तुरंत इलाज की उम्मीद लेकर आते हैं।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
     तो प्रिय मित्रों उपरोक्त जैसे हालात में एस्ट्रोलॉजर के सामने चुनौती हो जाती है कि वो क्या करे क्योंकि ऐसे व्यक्तियों को एस्ट्रोलॉजर से तुरंत समाधान की उम्मीद भी होती  हैं भले वह तीन वर्षों तक समय बर्बाद कर दिए  हों । लेकिन अस्ट्रोलोगेर को तीन माह भी नहीं दे सकते।
 🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬  
     ऊपर से एस्ट्रोलॉजर द्वारा बताये गए ईलाज को करने में भी उनको तरह-तरह की भ्रम भय एवं भ्रांतियां उत्पन्न होती हैं जिसका भरपूर फायदा कम या अधूरा/ पुराना ज्ञान रखने वाले  अस्ट्रोक्लोजर उठा लेते हैं।
       क्रमशः----पार्ट-2
🙏🙏🌺🙏🙏🌺🙏🙏🌺🙏🙏
आचार्य राजेश कुमार
मोब न. 9454320396/7607718546

अब पछताने से क्या हुआ जब चिड़िया चुग गई खेत -----पार्ट-2

"Divyansh Jyotish Kendra"
🌎🌍🌏🌎🌍🌏🌎🌍🌏
अब पछताने से क्या हुआ जब चिड़िया चुग गई खेत  -----पार्ट-2
       ------------------------------
🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬
मेरे प्रिय मित्रों,

मेरा 22 वर्ष का व्यक्तिगत अनुभव यह है कि जो  इंसान अपनी ज़िंदगी में  चारो तरफ से मुसीबत एवं  समस्याओं से घिर जाता है एवं जब चारो तरफ के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं उसकी गाड़ी बिल्कु रुक जाती है तब उसे आखिरी रास्ता ऐस्ट्रोलॉजी दिखाई पड़ती है । ऐसे लोगों को हमारे यहाँ जल्दी या थोड़ा विलम्ब से 100% सफलता मिली है।
👨👨👨👩🏻👩🏻👥👥👱🏻‍♀
  उसका मुख्य कारण यह है कि वह व्यक्ति हमारे द्वारा बताये गए ईलाज/उपाय को बड़ी ही आत्मिक संलग्नता के साथ और बड़ी ही ईमानदारी से करता है यहाँ तक की किसी अन्य व्यक्ति का उस इलाज में दख़ल भी उसे बर्दाश्त नहीं होता अर्थात वह वही करता है जो पर्चे में लिखा होता है जिस कारण वह 100% सफल होता है।
👪👨‍👩‍👧👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👧‍👧👨‍👨‍👧‍👦👩‍👩‍👧👩‍👩‍👦‍👦
 मैंने अक्सर देखा है कि बड़े ही संभ्रांत परिवार के  लोग  बड़े अभिमान के साथ कहते हैं कि मैं तो ये सब नहीं मानता ये सब बकवास ,बेवकूफी इत्यादि शब्दो से एस्ट्रोलॉजी को पुकारा जाता है। लेकिन मित्रो आपको बता दूं कि  मनुष्य का जीवनचक्र  अधिकतर बड़ा होता है। जिस कारण हर इंसान को जीवन के किसी ना किसी मोड़ पर सारे रास्ते बंद ज़रूर मिलते हैं  चाहें वो समय कुछ ही छण के लिए आये मगर आता ज़रूर है।
🌙🌞⭐🌟🌝🌞🔥☀🌦
 तब उनको वही बकवास,बेवकूफी वाली एस्ट्रोलॉजी याद आती है।
 उदाहरण के लिए जैसे आम इंसान किसी गंभीर बीमारी या कोर्ट,कचहरी,मुकदमें के बारे में कभी नहीं सोचता है लेकिन जब उसके ऊपर उक्त समस्या पड़ती है तो डॉक्टर या वकील से कंसल्ट करना पड़ता है।
 मित्रो एस्ट्रोलॉजी के सम्बन्ध में मेरे द्वारा लिखा गया लेख" इंसान के जीवन में ग्रहों का खेल " का पार्ट-1 एवं पार्ट -2  आप् सभी को अवश्य पढ़ना चाहिए जो google पर search करने से  या मेरे ब्लॉग पर मिल जायेगा।
🐪🐫🐘🐐🐎🐎🐎🐎🐎
 दूसरी बात आप सभी को यह बात बताना आवश्यक समझता हूँ की अन्य मेडिकल साइंस की तरह ही अस्ट्रोलॉजिक्ल साइंस( ज्योतिष् विज्ञानं) भी एक बहुत ही अहम् विषय है जिसका अध्ययन भारत वर्ष की विभिन्न  यूनिवर्सिटीज कराती हैं। इन्डियन एस्ट्रोलॉजर का विदेशो में अधिक डिमांड के कारण बहुत से युवा इसे अपना कैरियर बना कर अग्रिम दिशा की और बढ़ रहे हैं।

       ज्योतिष् विज्ञान के माध्यम से सभी प्राणियों के जीवन चक्र के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होती है एवं किसी भी समस्य का सटीक इलाज भी किया जाता है क्योंकि मनुष्य का शरीर 5 तत्वों  तथा ग्रह-नक्षत्रो से मिलकर बना है यह सबसे पुराना विषय एवं अथाह समुन्दर है। आज भी इस पर लगातार खोज हो रही है। इस क्षेत्र में वही एस्ट्रोलॉजर सफल होता  है जो निरंतर अध्ययन ,सेमिनार में लगा हुआ है।
       अतः आप सभी मित्रों से निवेदन है कि किसी विद्वान ज्योतिष् से समय समय पर अपने एवं अपनों का अस्ट्रोलोजीकल विश्लेषण अवश्य कराते रहें।
यादरखें वाह्यआडंबर,अधिकउम्र ,तिलक ,पोशाक से ज्योतिष् विद्वान नहीं होता है बल्कि आतंरिक व्यक्तित्व ,संपूर्ण ज्ञान  निरंतर अध्ययन से ही वह विद्वान होता है।
🙏🙏🍁🙏🙏🍁🙏🙏🍁🙏🙏
       आचार्य राजेश कुमार
 Mob no-9454320396/7607718546

इंसान

Divyansh Jyotish Kendra
🎄🍃🌼🌸💐🍄🍁🍁
इंसान के जीवन में ग्रहों का खेल                   पार्ट-2
------------------------------
मेरे प्रिय मित्रों,मैंने पिछले दिनों"इंसान के जीवन मे ग्रहों का खेल "नामक लेख आप के समक्ष अति सरल भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया ताकि आप "ज्योतिष् विज्ञान "के अनुसार इस समाज के बारे में जान सकें।
💥💥💥💥💥💥💥💥💥
उक्त लेख से संबंधित बहुत से सवाल मित्रों ने व्यक्तिगत रूप से पूछा  जिसमे से एक कॉमन सवाल का संछिप्त विवरण आपके समक्ष रखना चाहूँगा।
🌺🌞🍁🔥🌓🌞🍄🌼🐬🐟
प्रश्न न 1-
यदि ज्योतिष् में   सभी सामस्या का इलाज होता तो हर इंसान अपनी प्रतिकूल परिस्थिति को अनुकूल बना लेता एवं अपनी समस्या दूर कर लेता । कोई समस्या मे पड़ता क्यों?ज्योतिष् खुद अपनी समस्या दूर कर लेता।
🌼🍄🌺🍁🍄🌺🍁🔥🔥
उत्तर-
मित्रों आपको यह जानकारी देनी आवश्यक है की ज्योतिष विज्ञान यह नहीं कहता की हर समस्या का इलाज संभव है ,मेडिकल साइंस की तरह ही ज्योतिष विज्ञान में भी या तो इलाज है या नहीं है,ये ज्योतिषी ही बता सकता है।ग्रहों की केमेस्ट्री बता देती है की अमुक व्यक्ति अमुक समस्या से ग्रसित है या होगा । उदाहरण के लिए यदि विवाह योग नहीं है या विलंब है या द्विभारया योग है इत्यादि।
यदि उस कमजोर ग्रह की केमेस्ट्री उसे मजबूत करने से ठीक हो जाती है तो विवाह अवश्य होगा परंतु विवाह का योग नहीं है और हम उस कमजोर ग्रह का पूजा-पाठ,रत्न से उपचार कर रहे हैं तो भी विवाह नहीं होगा यह तय है।
🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति बीमार पड़ने वाला है या उसका ऐक्सिडेंट होने वाला है तो उस घटना का योग आएगा परन्तु यदि समय रहते उसका इलाज/उपचार कर लिया जाय तो वह घटना हल्के मे निपट सकती है ।
🌝🌝🌝🌝🌝🌝🌝🌝🌝
इसके लिए मैं एक सच्ची घटना बताता हूँ।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐
वर्ष-2007 में  फैज़ाबाद के एक इंजीनियर श्री ए के सक्सेना के सुपुत्र का जुलाई मांह मे मारकेस की दशा लगने वाली थी, जिस कारण उन्होंने मेरे कहने पर कुछ ज़रूरी उपाय एवं जाप कराया। पूजा के आखिरी दिन भोज रक्खा गया।  भोज से संबंधित कुछ सामान लाने हेतु उनका लड़का साईकिल से बाज़ार गया परंतु काफी समय तक वापस नहीं आया।
🌓🌓🌓🌓🌓🌓🌓🌓🌝
तब उनके पिता उसे ढूढ़ने निकले तो आगे सब्जी/फलमंडी के पास भीड़ लगी देख कर श्री सक्सेना दिल थम कर भीड़ के बीच मे जाकर देखा की उनके सुपुत्र जिस साइकिल से गए थे,वह साइकिल ट्रक के नीचे बुरी तरह कुचली पड़ी है परंतु उनका लड़का उनको नहीं दिखा। उन्होंने डरते हुए वहां उपस्थित लोगों से पूछा तो लोग उनको वही पास मे पड़े पुवाल( घास-फुस)की तरफ उनको ले गए जहां उनके सुपुत्र को कुछ पुरुष-महिलाएं बैठ कर हवा कर रहे थे परंतु उसे एक खरोंच तक नही आई थी। दरअसल हुआ यूँ की जब लड़का चौराहा पार कर रहा था तभी अचानक तेज गति से एक ट्रक सामने से लड़के को धक्का मारती हुई तेज ब्रेक की आवाज़ से घिसटती हुई तिरछे खड़ी हो गई थी।लड़का झटके के कारण दूर जा गिरा और साइकिल ट्रक के नीचे आ गई।
🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞
मित्रों यहां यही कहना है की उस घटना का योग आया, घटना हुई,परंतु लड़का बच गया इसे आप क्या कहेंगे .........संयोग। यदि समय रहते उपचार नहीं हुआ होता या इंजीनियर साहब मेरी बात नही माने होते तो ना जाने क्या होता।
मित्रों वैसे भी इंसान जब बीमार होता है तभी  डॉक्टर के पास जाता है और  डॉक्टर के द्वारा लिखे हर दवा को करता है क्योंकि उसको डॉक्टर पर पूरा विश्वास होता है इसलिए उनके इलाज से ठीक हो जाता है किन्तु कुछ लोग ज्योतिषी द्वारा पर्चे पर लिखे गए उपचार/उपाय को नही करते क्योंकि शायद  उनको ज्योतिषी पर विष्वास नहीं होता है।

मित्रों मुझे उम्मीद है की आपके मन-मस्तिस्क मे उठ रहे सवाल का जवाब मिल गया होगा।क्रमशः  पार्ट तीन
  कोटि-कोटि प्रणाम ,
                       जय माता की,
              टीम दिव्यांश ज्योतिष्           फोन-9454320396/7607718546
🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏