Monday 27 March 2017

आज 27 मार्च2017 को सोमवती अमावस्या

"दिव्यांश ज्योतिष्  केंद्र"
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आज 27 मार्च-2017 को सोमवती अमावस्या का अति विशेष महत्व:-
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पंचाग के अनुसार हिंदू नववर्ष अर्थात संवत् 2074 की शुरुआत हो गई है। जिसमें पहली अमावस्या पड़ रही है। इस बार अमावस्या सोमवार, 27 मार्च 2017 को पड़ रही है। जिसके कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा गया है ।
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सोमवती अमावस्या को इस श्राद्ध पक्ष में दिवंगत पितरों को खुश रखने के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराने के साथ-साथ दान के महत्व को विशेष माना गया है। इसी साथ श्राद्ध पक्ष में ही सोमवती अमावस्या पड़ रही है जिसमें दान देने का एक अलग ही महत्व है। जानिए इसका महत्व।
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सोमवती अमवस्या का महत्व
वैसे तो सोमवती अमावस्या तीन साल में एक बार आती है, लेकिन इस बार सोमवती अमावस्या का विशेष पुण्य का महत्व है। इस अमावस्या में पितरों को विशेष रूप से तृप्त करने और उन्हें प्रसन्न करनें का सर्वश्रेष्ठ शुभ समय माना जाता है। इस दिन आप मौन रहकर स्नान-ध्यान करने से सहस्र गोदान का पुण्य फल प्राप्त होता है। हिन्दु धर्म शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गई है। अश्वत्थ यानि पीपल वृक्ष। इस दिन पीपल की सेवा, पूजा, परिक्रमा का अति विशेष महत्व है। श्राद्ध पक्ष में पितरों की पूजा करने के साथ-साथ ब्राह्मणों को पितरों के निमित भोजन करवाया जाता है। जिससे कि हमारें पितर खुश रहें और हमें आशीर्वाद दे।

टीम दिव्यांश ज्योतिष्
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Chaitra navratri ka din

"दिव्यांश ज्योतिष् केंद्र"
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चैत्र नवरात्रि का आरंभ 28 या 29 मार्च:-
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मंगलवार दिनांक 28.03.17 को प्रातः 08 घंटे 26 मि॰ पर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के प्रारम्भ के साथ ही विक्रम संवत 2074 अर्थात भारतीय नववर्ष (युगाब्द 5119) का प्रारंभ हो रहा है परंतु साल 2017 में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को लेकर पंचांगों में मतभेद हैं।
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शुद्ध ज्योतिष गणित के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि मंगलवार 28.03.17 को प्रातः 08 घंटे 26 मि॰ को प्रारंभ है परंतु सूर्योदय तिथि के अनुसार कई विद्वान इसे बुधवार दिनांक 29.03.17 प्रातः 06 घंटे 18 मि॰ से आरंभ बता रहे हैं।
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इस लेख में हम दोनों पहलुओं से आपको बता रहे हैं कि मंगलवार दिनांक 28.03.17 और बुधवार दिनांक 29.03.17 के अनुसार आने वाला विक्रम संवत 2074  कैसा रहेगा ,आईए जानते हैं।
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ज्योतिषशास्त्र के पंचांग के अनुसार वर्ष के आरंभ दिन को ज्योतिष में राजा माना जाता है। पूरे देश में पूर्व से पश्चिम तक सूर्योदय में लगभग 70 मिनट से अधिक का अंतर होता है। इसी कारण पूरे देश में सूर्योदय में मतभेद होते है। अतः तिथि भेद के अनुसार देश में कहीं मंगलवार 28.03.17 को तो कहीं बुधवार 29.03.17 को प्रतिपदा मनाई जाएगी। मंगलवार 28.03.17 के अनुसार इस संवत्सर का नाम साधारण होगा व इसके राजा मंगल व मंत्री गुरु हैं। बुधवार दिनांक 29.03.17 के अनुसार संवत्सर का नाम शुभ होगा इसके राजा बुध व मंत्री गुरु होने से यह मंगलकारी रहेगा। बुधवार दिनांक 29.03.17 के अनुसार नवरात्र 29 मार्च से 5 अप्रैल -2017 तक चलेगी अर्थात दूसरे मत के अनुसार नवरात्र 8 दिन की होगी।
             टीम दिव्यांश ज्योतिष्
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Wednesday 22 March 2017

Manushy ki kimat

एक आदमी ने भगवान बुद्ध  से पुछा : जीवन का मूल्य क्या है?

बुद्ध  ने उसे एक Stone दिया और कहा : जा और इस stone का
मूल्य पता करके आ , लेकिन ध्यान रखना stone को बेचना नही है I

वह आदमी stone को बाजार मे एक संतरे वाले के पास लेकर गया और बोला : इसकी कीमत क्या है?

संतरे वाला चमकीले stone को देखकर बोला, "12 संतरे लेजा और इसे मुझे दे जा"

आगे एक सब्जी वाले ने उस चमकीले stone को देखा और कहा
"एक बोरी आलू ले जा और इस stone को मेरे पास छोड़ जा"

आगे एक सोना बेचने वाले के
पास गया उसे stone दिखाया सुनार उस चमकीले stone को देखकर बोला,  "50 लाख मे बेच दे" l

उसने मना कर दिया तो सुनार बोला "2 करोड़ मे दे दे या बता इसकी कीमत जो माँगेगा वह दूँगा तुझे..

उस आदमी ने सुनार से कहा मेरे गुरू ने इसे बेचने से मना किया है l

आगे हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास गया उसे stone दिखाया l

जौहरी ने जब उस बेसकीमती रुबी को देखा , तो पहले उसने रुबी के पास एक लाल कपडा बिछाया फिर उस बेसकीमती रुबी की परिक्रमा लगाई माथा टेका l

फिर जौहरी बोला , "कहा से लाया है ये बेसकीमती रुबी? सारी कायनात , सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नही लगाई जा सकती ये तो बेसकीमती है l"

वह आदमी हैरान परेशान होकर सीधे बुद्ध  के पास आया l

अपनी आप बिती बताई और बोला "अब बताओ भगवान , मानवीय जीवन का मूल्य क्या है?

 बुद्ध  बोले :

संतरे वाले को दिखाया उसने इसकी कीमत "12 संतरे" की बताई l

सब्जी वाले के पास गया उसने इसकी कीमत "1 बोरी आलू" बताई l

आगे सुनार ने "2 करोड़" बताई lऔर जौहरी ने इसे "बेसकीमती" बताया l

अब ऐसा ही मानवीय मूल्य का भी है l

तू बेशक हीरा है..!!लेकिन, सामने वाला तेरी कीमत,
अपनी औकात - अपनी जानकारी -  अपनी हैसियत से लगाएगा।

Respect Yourself,
You are very Unique..👌👌👌👌👌





Friday 10 March 2017

Intrested knowledge About jupitar

" दिव्यांश ज्योतिष् केंद्र"

बृहस्पति ग्रह की  अत्यन्त रोचक जानकारी
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प्रिय मित्रो,
               आज मैं आपको हर इंसान के जीवन में अहम रोल निभाने वाले बृहस्पति ग्रह की कुछ रोचक जानकारी दे रहा हूँ ।शायद आपको यह नहीं मालूम होगा की जीवन के बहुत सी नेगेटिव परिस्थिति को बृहस्पति पोसिटिव बना देता है।
               उदाहरण -यदि आपकी शादी नहीं हो रही हो , नौकरी व्यवसाय में सफलता नही मिल रही हो, मुकदमें में विजय नहीं मिल रही हो।
               कोई बीमारी ठीक नही हो रही हो,घर ,प्रॉपर्टी ,गाड़ी  इत्यादि-इत्यादि काम में सफलता नहीं मिल रही हो ,तलाक की स्थिति बं रही हो। यदि इन पर बृहस्पति देव की दृष्ट पद जाय तो आपका काम तुरंत होगा। इसलिए इनके बारे में जानना अति आवश्यक है।
             
               आज मैं इन्हीं बृहस्पति देव की भौगोलिक स्थिति के बारे में बात रहा हूँ जो निम्नवत है।
             
बृहस्पति ग्रह सूर्य से 5वाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह हैं. इसे गैस का दानव भी कहते हैं. पीले रंग के इस ग्रह को अंग्रेजी में Jupiter कहते हैं.

1. बृहस्पति ग्रह 90% hydrogen, 10% helium और कुछ मात्रा में methane, water, amonia और चट्टानी कणों से मिलकर बना हुआ हैं.

2. बृहस्पति ग्रह को सौरमंडल का ‘वैक्युम क्लीनर’ भी कहा जाता हैं यह पृथ्वी को विनाशकारी हमलों से बचाता हैं.

3. बृहस्पति बहुत ही ठंडा ग्रह हैं. इसका Average Temp. हैं -145°C.

4. ब्रहस्पति ग्रह की कोई जमीन नहीं हैं यह पूरी तरह गैस के बादलों से बना हुआ ग्रह हैं.

5. बृहस्पति ग्रह पर आज तक 7 यान भेजा जा चुके हैं.

6. जुपिटर ग्रह सबसे पुराने ग्रहों में से एक है जुपिटर के जरिये पृथ्वी की उत्पति के बारे में पता लगाया जा सकता हैं.

7. जूपिटर का मैग्नेटिक फील्ड बहुत मजबूत होता हैं. यदि हम जूपिटर के सतह पर खड़े हो जाए तो हमारा वजन अपने असली वजन से 3 गुना ज्यादा होगा.

8. बृहस्पति ग्रह पृथ्वी से 11 गुना भारी और इसका द्रव्यमान 317 गुना ज्यादा हैं.

9. बृहस्पति ग्रह का चंद्रमा, गैनीमेडे, हमारे पूरे सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा हैं.

10. बृहस्पति के कम से कम 64 चन्द्रमा हैं इसके सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेडे पर एक भूमिगत समंदर हैं जिसमें पूरी पृथ्वी से ज्यादा पानी हैं.

11. 7वीं या 8वीं शताब्दी की प्रजातिBabylonians ने सबसे पहले इस ग्रह को देखा था। इसका नाम रोमन देवताओं के राजा के नाम पर रखा गया हैं.

12. बृहस्पति हमारी आकाश गंगा का सबसे बड़ा ग्रह है, यह इतना बड़ा है की यदि शेष सभी ग्रह को आपस में जोड़ दिया जाये तो वह संयुक्त ग्रह भी बृहस्पति से छोटा ही रहेगा.

13. अगर धरती का आकार एक मटर जितना कर दें तो बृहस्पति इससे 300 मीटर दूर होगा.

14. ब्रहस्पति ग्रह पर एक विशाल गड्ढा है जिसमें से आग की लपटे निकलती रहती है जिसमे यह विशाल लाल धब्बे जैसा दिखाई देता हैं.

15. जुपिटर पर पाए जानें वाला लाल धब्बा दरअसल एक बड़ा तूफान हैं जो कम से कम 350 सालों से ऊफान पर हैं. ये तूफान इतना ज्‍यादा बड़ा हैं कि इसमें तीन पृथ्‍वी समा सकती हैं.

16. सोलर सिस्‍टम का चौथा सबसे ज्‍यादा चमकने वाला ग्रह हैं. इसके अलावा जो अन्‍य ग्रह चमकते है वो हैं सूरज, चांद और वीनस.

17. जुपिटर पर सभी ग्रहों के मुकाबले सबसे छोटा दिन होता हैं. ये अपनी धुरी पर हर 9 घंटे 55 मिनट में घूमता हैं. जल्‍दी-जल्‍दी घूमने के चक्‍कर में ये थोड़ा चपटा नजर आता हैं.

18. बृहस्पति ग्रह को देखने के लिए किसी यंत्र की जरूरत नही होती. इसे हम खुली आंखो से देखा जा सकता हैं.
धन्यवाद,
            आचार्य राजेश कुमार
            मोब-9454320396

Monday 6 February 2017

आज गुरुदेव कन्या राशि में बक्री हुए

"दिव्यांश ज्योतिष् केंद्र"
            आज  कन्या राशि में गुरु वक्री हुए
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आज दिनांक 6 फ़रवरी 2017 को 12:12 बजे गुरु कन्या राशि में वक्री हो रहे हैं जो कि 9 जून 2017 को 19:35 बजे यहाँ से अग्रसर होंगे,  इस वक्री होने के दौरान गुरु का प्रभाव आपके जीवन पर कैसे पड़ेगी यह जानने के लिए अपनी राशिफल अवश्य पढ़े ।

मेष

वक्री के दौरान गुरु आपके छटे भाव में रहेगा। ऐसे में आप बेहतर परिणाम पाने के लिए बहुत मेहनत करेंगे। आपके स्वास्थ्य में भी वक्री के दौरान ज़बरदस्त सुधार देखने को मिलेगा। आप मोटापा के शिकार हो सकते हैं, लिहाज़ा इसका ख़्याल रखें। हालाँकि कुछ क़ानूनी मसले आपको परेशान कर सकते हैं, परंतु चिंता की कोई बात नहीं है उनका परिणाम आपके हित में होगा। वहीं जो छात्र उच्च शिक्षा का विचार कर रहे हैं किस्मत उनके साथ है। आप अपने जन्मस्थान को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। आप अपनी इनकम में वृद्धि को लेकर नए श्रोतों को खोजने में सफल रहेंगे, जो आपके भविष्य को संवारेगा। आपके पिता भी आप पर गर्व महसूस करेंगे।

उपाय: पानी में हल्दी डालकर नहाएँ।

वृषभ

वक्री के दौरान गुरु आपके पाँचवें भाव में रहेगा, जिससे आपको शिक्षाक्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। आर्थिक पक्ष के लिहाज से अचानक लाभ मिलेगा, जिससे आपकी आय में इज़ाफ़ा होगा, हालाँकि इसके लिए आपको कड़ी मेहनत भी करनी होगी। आपकी रुचि ज्ञान प्राप्त करने एवं कुछ सीखने के प्रति कुछ ज़्यादा होगी। पर्सनल रिलेशनशिप में आप बड़ा बदलाव पाएंगे। हो सकता है इस रिश्ते को आप शादी में बदलने का वादा करें। इस दौरान आप किसी विवाद आदि में न पड़े अन्यथा आपके लिए यह बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। बच्चों को लाभ मिलेगा। छात्र भी शिक्षा क्षेत्र में अपने लक्ष्यों को भेदेंगे। बड़े भाई-बहन से आपको निश्चित ही कोई लाभ मिलने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में यदि आपको कोई दिक़्क़त आएगी तो सीनियर्स की सहायता वह समस्या दूर हो जाएगी। आध्यात्म में आपकी रुचि बढ़ेगी।

उपाय: अपने दाहिने हाथ में सरसों के सात बीज पकड़ें और मुख को सात बार घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाएँ और बाद में बीज फेंक दें।

मिथुन

वक्री के दौरान गुरु की कृपा आपके चौथे भाव में होगी। ऐसे में आपके वैवाहिक जीवन में इसका सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। आप किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। पेशेवर जीवन में लाभ मिलेगा। साथ ही यदि आप साझेदारी में व्यवसाय कर रहे हैं तो आपको व्यापार में मुनाफ़ा देखने को मिलेगा। कार्यक्षेत्र में भी आपको बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। घर में सामंजस्य की स्थिति बनी रहेगी और प्रेम जीवन में तो और भी प्रगाढ़ता देखी जा सकती है। प्रोफ़ेशनल प्रयासों में भी आपको जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा और ससुराल पक्ष से भी रिश्ता मजबूत होगा। गुरु के आशीर्वाद से आपके घर पर कोई शुभ कार्य भी हो सकता है। स्वास्थ्य लाभ मिलने के योग हैं।

उपाय: जिस अंगुली में आप अंगूठी पहनते हैं उसके द्वारा केसर का तिलक लगाएँ। तिलक को पहले नाभी में फिर गले में, उसके बाद दोनों कानों में, फिर माथे में और अंत में जीभ पर लगाएँ।

कर्क

वक्री के दौरान गुरु आपके तीसरे भाव में विराजमान होगा। इससे आपकी किस्मत चमकेगी। धार्मिक क्रिया-क्लापों में आपका मन अधिक लगेगा। हो सकता है इस दरम्यान आप तीर्थ यात्रा पर भी निकल जाएँ। वैवाहिक जीवन भी सुख शांति दिख रही है। परंतु आप अपने ठाठ-बाट के कारण कुछ आलसी भी हो सकते हैं। इसके विपरीत देखा जाए तो आय आगमन के भी अच्छे योग हैं। समाज में पहचान तो मिलेगी ही उसके साथ सम्मान भी प्राप्त होगा। पेशेवर जीवन में उन्नति दिख रही है। पिताजी आपके प्रयासों में मदद करेंगे। भाई-बहन भी हरसंभव मदद को तैयार रहेंगे। ध्यान रखिए, आपके विरोधी इस दौरान आप पर हावी होने के बारे में सोचेंगे। यदि आप अपने आलसीपन को दूर करेंगे तो निश्चित ही सफलता आपके क़दम चूमेगी। मौज-मस्ती के लिए आप छोटी यात्रा पर भी निकल सकते हैं।

उपाय: भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी जी की आराधना करें। साथ ही उन्हें चंदन की लकड़ी और पीत पुष्प भेंट करें।

सिंह

वक्री के दौरान गुरु आपके दूसरे भाव में रहेंगे। ऐसे में धन संचयी हेतु आप कड़ी मेहनत करेंगे। नौकरी-पेशा में लाभ प्राप्त होगा। घर में कोई धार्मिक आयोजन भी हो सकता है। गुरु की कृपा से कोई पैतृक संपत्ति भी प्राप्त हो सकती है। ससुराल पक्ष से लाभ पाने का कोई ज़रिया सामने आएगा। शिक्षा क्षेत्र में भी अच्छे परिणामों की प्राप्ति संभव है। बच्चे अपने मार्ग पर आगे बढ़ेंगे, हालाँकि स्वास्थ्य को लेकर आपको थोड़ी चिंता हो सकती है। मिष्ठान आदि न खाएँ। कोई पुराना उधार आप चुक्ता कर सकते हैं। घर में ख़ुशियों का माहौल देखने को मिलेगा। वहीं जो लोग शिक्षा एवं फ़ाइनेंस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उन्हें बेतहाशा लाभ होने की उम्मीद है।

उपाय: प्रतिदिन भगवान राम की आराधना करें।

कन्या

वक्री के दौरान बृहस्पति कन्या राशि पर विराजमान रहेगा। ऐसे में आपके रिश्ते जीवनसाथी के साथ मधुर होंगे। आप एक-दूसरे की बख़ूबी मदद करेंगे, हालाँकि इस रिश्ते में किसी प्रकार की अनबन की भी गुंजाइश रहेगी। ख़र्च पर वृद्धि की संभावना है। रुके हुए क़ानूनी मसलों पर आपका समय व्यय हो सकता है, गुरु की कृपा से आपकी बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी। धार्मिक क्रिया-क्लाप की ओर आपका झुकाव हो सकता है। माताजी के स्वास्थ्य पर भी सुधार देखने को मिलेगा। पेशेवर जीवन में साझेदारी को थोड़ा रोकें। आपके विदेश यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं। अपने लक्ष्य को पाने के लिए आप कठिन परिश्रम से नहीं चूकेंगे।

उपाय: गुरुवार के दिन ज़रुरतमंदों को नमक वितरण करें।

तुला

गुरु की कृपा आपके 12वें भाव में बरसेगी। ऐसे में आपके ख़र्च पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। जेब से पैसा अधिक ख़र्च होगा, हालाँकि इसके साथ ही इनकम में वृद्धि होगी। कई श्रोतों से आय का आगमन संभव है। अपने व्यक्तिगत ख़र्चे के चलते हो सकता है आपको लोन लेने की आवश्यकता पड़े। ध्यान रखिए, आपके विरोधी आप पर हावी होने की फ़िराक़ में होंगे। स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है, लिहाज़ा अपने खाने-पीने की चीज़ों पर विशेष ग़ौर कीजिए। यदि कोर्ट-कचहरी का मामला है तो शायद आपको इसमें आशानुरुप परिणाम प्राप्त न हो पाए। धार्मिक क्रिया-क्लाप की ओर आपका झुकाव हो सकता है। भाई-बहन को लाभ प्राप्ति के संकेत हैं। विदेश श्रोत मुनाफ़ा हो सकता है।

उपाय: केले के वृक्ष अथवा भगवान विष्णु के मंदिर पर आलू चढ़ाएँ।

वृश्चिक

गुरु के कन्या में वक्री के दौरान बृहस्पति आपके ग्यारहवें भाव में होगा। इससे नौकरी-पेशा में आपको लाभ मिलेगा। घरेलू जीवन में भी शांति एवं सामंजस्य बना रहेगा। हाँ, ऑफ़िस आदि में सीनियर्स के साथ बहसबाज़ी करने से बचेंगे तो परिणाम आपके हित में होगा। बस अपने काम पर आपका ध्यान रहना चाहिए। आप विरोधियों पर हावी रहेंगे और आय में वृद्धि में होने की संभावना है। आपका सामाजिक दायरा भी सकारात्मक होने का वादा कर रहा है। वक्री के दौरान आपके अंदर सुझाव एवं उपदेश देने की प्रवृति दिखेगी, हालाँकि दूसरे लोग इसे कैसे लेंगे यह उन पर निर्भर करेगा। गुरुवार के दिन ध्यान से किसी से पैसे उधार लेने से बचें। यदि किसी की शादी में देरी हो रही है तो वे मायूस न हों, बल्कि उस पल का मज़ा लें। शादी शुदा लोग भी जीने का पूरा आनंद उठाएँ।

उपाय: नहाने के पानी में हल्दी का मिश्रण करके नहाएँ और गुरुमंत्र का रोज़ जाप करें।

धनु

गुरु वक्री के दौरान बृहस्पति आपके दसवें भाव में विराजमान होगा। ऐसे में आप नौकरी-पेशा में अपने तय लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। घरेलु जीवन में सामंजस्यपूर्ण परिस्थिति के साथ ख़ुशियों का माहौल बना रहेगा। आपकी दीर्घकाल से रुकी हई इच्छा भी पूर्ण हो पाएगी। इस दौरान आपका मन दान-दक्षिणा में ख़ूब लगेगा। आप किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं, हालाँकि कोई लंबी यात्रा आपके योग में है। कार्यक्षेत्र में आपकी कड़ी मेहनत आपको सफलता की सीढ़ियों पर पहुँचाएगी। परिस्थितियों में सुधार होगा और आप कोई नया वाहन ख़रीदने पर भी विचार कर सकते हैं। छात्रो को भी शिक्षाक्षेत्र में लाभ प्राप्त होगा।

उपाय: “ओम् ग्रां ग्रीङ्ग ग्रोङ्ग सः गुरुवै: नम:” का जाप करें।

मकर

वक्री के दौरान गुरु आपके 9वें भाव में होगा जिसके कारण आपको विदेशी सरज़मीं से आय प्राप्त होगी। निजी एवं पेशेवर जीवन में भाई-बहन का सहयोग प्राप्त होगा। सेवा भाव में आप दान भी कर सकते हैं। छात्रों को पढ़ाई में सफलता मिलेगी और आध्यात्म में भी आपकी रुचि जागेगी। आप अपनी जॉब में परिवर्तन करने पर भी विचार कर सकते हैं। साझेदारी में व्यापार आपके लिए मुनाफ़ा कारक होगा, हालाँकि आपकी आय में वृद्धि की संभावना के साथ-साथ ख़र्चा भी ज़्यादा है, इसलिए बुद्धिमानी से पैसा ख़र्च करें।

उपाय: भगवान विष्णु को कपूर चढ़ाएँ।

कुंभ

वक्री के दौरान गुरु आपके आठवें भाव में विराजमान होगा जिससे आपके द्वारा धन अधिक व्यय होगा। इसके अलावा आपको आर्थिक हानि भी हो सकती है। ससुराल में भी आपका व्यापक ख़र्चा हो सकता है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट देखी जा सकती है। आय में वृद्धि संभव तो है, परंतु इसके लिए आपको मेहनत करनी पड़ेगी। दूसरों से बात करते समय अपनी वाणी में धैर्य एवं संयम रखें। किसी के साथ ग़लत व्यवहार न करें। अन्यथा भविष्य के लिए यह आपके लिए हानि कारक सिद्ध हो सकती है। आपको कोई अनचाही यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है। अपने स्वास्थ्य का विशेष ख़्याल रखें। खाने-पीने की चीज़ों को लेकर किसी प्रकार की कोताही न बरतें। स्वस्थ्य भोजन ही करें। अचानक किसी अनचाही परिस्थितियों से भी आपको गुजरना पड़ सकता है, लिहाजा़ उसके लिए तैयार रहें।

उपाय: पीपल के वृक्ष की जड़ में शुद्ध जल, हल्दी, कपूर एवं नींबू चढ़ाएँ।

मीन

वक्री के दौरान गुरु आपके सातवें भाव में विराजमान होगा जिसके कारण आपकी मैरिड लाइफ़ के ख़ुशहाल रहने के योग हैं। आप अपने जीवनसाथी के प्रति ईमानदार रहेंगे। गुरु का कन्या में वक्री आपके लिए लाभकारी है। आर्थिक लाभ आपके योग में है और व्यापार में इसका फ़ायदा आपको दिखता हुआ नज़र आएगा। पार्टनरशिप बिजनेस में भी लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वक्री लाभकारी है। किसी बीमारी अथवा कोई चोट से आप उभर पाएंगे। आपका सामाजिक दायरा भी बढ़ेगा और नौकरी पेशा में भी सफलता हाथ लगेगी, बशर्ते आपको अपनी बुद्धि और परिश्रम का उपयोग करना होगा। आध्यात्म की ओर आपकी रुचि हो सकती है। बजाय निराशावादी होने के सकारात्मक व्यक्ति बनें और यही आपकी सोच होनी चाहिए।

उपाय: "ओम् ब्रिम बृहस्पते: नम:" का जाप करें।
  सधन्यवाद,
    आचार्य राजेश कुमार
    संपर्क सूत्र-9454320396/7607718546

आज गुरुदेव कन्या राशि में बक्री हुए

"दिव्यांश ज्योतिष् केंद्र"
            आज  कन्या राशि में गुरु वक्री हुए
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आज दिनांक 6 फ़रवरी 2017 को 12:12 बजे गुरु कन्या राशि में वक्री हो रहे हैं जो कि 9 जून 2017 को 19:35 बजे यहाँ से अग्रसर होंगे,  इस वक्री होने के दौरान गुरु का प्रभाव आपके जीवन पर कैसे पड़ेगी यह जानने के लिए अपनी राशिफल अवश्य पढ़े ।

मेष

वक्री के दौरान गुरु आपके छटे भाव में रहेगा। ऐसे में आप बेहतर परिणाम पाने के लिए बहुत मेहनत करेंगे। आपके स्वास्थ्य में भी वक्री के दौरान ज़बरदस्त सुधार देखने को मिलेगा। आप मोटापा के शिकार हो सकते हैं, लिहाज़ा इसका ख़्याल रखें। हालाँकि कुछ क़ानूनी मसले आपको परेशान कर सकते हैं, परंतु चिंता की कोई बात नहीं है उनका परिणाम आपके हित में होगा। वहीं जो छात्र उच्च शिक्षा का विचार कर रहे हैं किस्मत उनके साथ है। आप अपने जन्मस्थान को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। आप अपनी इनकम में वृद्धि को लेकर नए श्रोतों को खोजने में सफल रहेंगे, जो आपके भविष्य को संवारेगा। आपके पिता भी आप पर गर्व महसूस करेंगे।

उपाय: पानी में हल्दी डालकर नहाएँ।

वृषभ

वक्री के दौरान गुरु आपके पाँचवें भाव में रहेगा, जिससे आपको शिक्षाक्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। आर्थिक पक्ष के लिहाज से अचानक लाभ मिलेगा, जिससे आपकी आय में इज़ाफ़ा होगा, हालाँकि इसके लिए आपको कड़ी मेहनत भी करनी होगी। आपकी रुचि ज्ञान प्राप्त करने एवं कुछ सीखने के प्रति कुछ ज़्यादा होगी। पर्सनल रिलेशनशिप में आप बड़ा बदलाव पाएंगे। हो सकता है इस रिश्ते को आप शादी में बदलने का वादा करें। इस दौरान आप किसी विवाद आदि में न पड़े अन्यथा आपके लिए यह बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। बच्चों को लाभ मिलेगा। छात्र भी शिक्षा क्षेत्र में अपने लक्ष्यों को भेदेंगे। बड़े भाई-बहन से आपको निश्चित ही कोई लाभ मिलने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में यदि आपको कोई दिक़्क़त आएगी तो सीनियर्स की सहायता वह समस्या दूर हो जाएगी। आध्यात्म में आपकी रुचि बढ़ेगी।

उपाय: अपने दाहिने हाथ में सरसों के सात बीज पकड़ें और मुख को सात बार घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाएँ और बाद में बीज फेंक दें।

मिथुन

वक्री के दौरान गुरु की कृपा आपके चौथे भाव में होगी। ऐसे में आपके वैवाहिक जीवन में इसका सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। आप किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। पेशेवर जीवन में लाभ मिलेगा। साथ ही यदि आप साझेदारी में व्यवसाय कर रहे हैं तो आपको व्यापार में मुनाफ़ा देखने को मिलेगा। कार्यक्षेत्र में भी आपको बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। घर में सामंजस्य की स्थिति बनी रहेगी और प्रेम जीवन में तो और भी प्रगाढ़ता देखी जा सकती है। प्रोफ़ेशनल प्रयासों में भी आपको जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा और ससुराल पक्ष से भी रिश्ता मजबूत होगा। गुरु के आशीर्वाद से आपके घर पर कोई शुभ कार्य भी हो सकता है। स्वास्थ्य लाभ मिलने के योग हैं।

उपाय: जिस अंगुली में आप अंगूठी पहनते हैं उसके द्वारा केसर का तिलक लगाएँ। तिलक को पहले नाभी में फिर गले में, उसके बाद दोनों कानों में, फिर माथे में और अंत में जीभ पर लगाएँ।

कर्क

वक्री के दौरान गुरु आपके तीसरे भाव में विराजमान होगा। इससे आपकी किस्मत चमकेगी। धार्मिक क्रिया-क्लापों में आपका मन अधिक लगेगा। हो सकता है इस दरम्यान आप तीर्थ यात्रा पर भी निकल जाएँ। वैवाहिक जीवन भी सुख शांति दिख रही है। परंतु आप अपने ठाठ-बाट के कारण कुछ आलसी भी हो सकते हैं। इसके विपरीत देखा जाए तो आय आगमन के भी अच्छे योग हैं। समाज में पहचान तो मिलेगी ही उसके साथ सम्मान भी प्राप्त होगा। पेशेवर जीवन में उन्नति दिख रही है। पिताजी आपके प्रयासों में मदद करेंगे। भाई-बहन भी हरसंभव मदद को तैयार रहेंगे। ध्यान रखिए, आपके विरोधी इस दौरान आप पर हावी होने के बारे में सोचेंगे। यदि आप अपने आलसीपन को दूर करेंगे तो निश्चित ही सफलता आपके क़दम चूमेगी। मौज-मस्ती के लिए आप छोटी यात्रा पर भी निकल सकते हैं।

उपाय: भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी जी की आराधना करें। साथ ही उन्हें चंदन की लकड़ी और पीत पुष्प भेंट करें।

सिंह

वक्री के दौरान गुरु आपके दूसरे भाव में रहेंगे। ऐसे में धन संचयी हेतु आप कड़ी मेहनत करेंगे। नौकरी-पेशा में लाभ प्राप्त होगा। घर में कोई धार्मिक आयोजन भी हो सकता है। गुरु की कृपा से कोई पैतृक संपत्ति भी प्राप्त हो सकती है। ससुराल पक्ष से लाभ पाने का कोई ज़रिया सामने आएगा। शिक्षा क्षेत्र में भी अच्छे परिणामों की प्राप्ति संभव है। बच्चे अपने मार्ग पर आगे बढ़ेंगे, हालाँकि स्वास्थ्य को लेकर आपको थोड़ी चिंता हो सकती है। मिष्ठान आदि न खाएँ। कोई पुराना उधार आप चुक्ता कर सकते हैं। घर में ख़ुशियों का माहौल देखने को मिलेगा। वहीं जो लोग शिक्षा एवं फ़ाइनेंस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उन्हें बेतहाशा लाभ होने की उम्मीद है।

उपाय: प्रतिदिन भगवान राम की आराधना करें।

कन्या

वक्री के दौरान बृहस्पति कन्या राशि पर विराजमान रहेगा। ऐसे में आपके रिश्ते जीवनसाथी के साथ मधुर होंगे। आप एक-दूसरे की बख़ूबी मदद करेंगे, हालाँकि इस रिश्ते में किसी प्रकार की अनबन की भी गुंजाइश रहेगी। ख़र्च पर वृद्धि की संभावना है। रुके हुए क़ानूनी मसलों पर आपका समय व्यय हो सकता है, गुरु की कृपा से आपकी बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी। धार्मिक क्रिया-क्लाप की ओर आपका झुकाव हो सकता है। माताजी के स्वास्थ्य पर भी सुधार देखने को मिलेगा। पेशेवर जीवन में साझेदारी को थोड़ा रोकें। आपके विदेश यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं। अपने लक्ष्य को पाने के लिए आप कठिन परिश्रम से नहीं चूकेंगे।

उपाय: गुरुवार के दिन ज़रुरतमंदों को नमक वितरण करें।

तुला

गुरु की कृपा आपके 12वें भाव में बरसेगी। ऐसे में आपके ख़र्च पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। जेब से पैसा अधिक ख़र्च होगा, हालाँकि इसके साथ ही इनकम में वृद्धि होगी। कई श्रोतों से आय का आगमन संभव है। अपने व्यक्तिगत ख़र्चे के चलते हो सकता है आपको लोन लेने की आवश्यकता पड़े। ध्यान रखिए, आपके विरोधी आप पर हावी होने की फ़िराक़ में होंगे। स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है, लिहाज़ा अपने खाने-पीने की चीज़ों पर विशेष ग़ौर कीजिए। यदि कोर्ट-कचहरी का मामला है तो शायद आपको इसमें आशानुरुप परिणाम प्राप्त न हो पाए। धार्मिक क्रिया-क्लाप की ओर आपका झुकाव हो सकता है। भाई-बहन को लाभ प्राप्ति के संकेत हैं। विदेश श्रोत मुनाफ़ा हो सकता है।

उपाय: केले के वृक्ष अथवा भगवान विष्णु के मंदिर पर आलू चढ़ाएँ।

वृश्चिक

गुरु के कन्या में वक्री के दौरान बृहस्पति आपके ग्यारहवें भाव में होगा। इससे नौकरी-पेशा में आपको लाभ मिलेगा। घरेलू जीवन में भी शांति एवं सामंजस्य बना रहेगा। हाँ, ऑफ़िस आदि में सीनियर्स के साथ बहसबाज़ी करने से बचेंगे तो परिणाम आपके हित में होगा। बस अपने काम पर आपका ध्यान रहना चाहिए। आप विरोधियों पर हावी रहेंगे और आय में वृद्धि में होने की संभावना है। आपका सामाजिक दायरा भी सकारात्मक होने का वादा कर रहा है। वक्री के दौरान आपके अंदर सुझाव एवं उपदेश देने की प्रवृति दिखेगी, हालाँकि दूसरे लोग इसे कैसे लेंगे यह उन पर निर्भर करेगा। गुरुवार के दिन ध्यान से किसी से पैसे उधार लेने से बचें। यदि किसी की शादी में देरी हो रही है तो वे मायूस न हों, बल्कि उस पल का मज़ा लें। शादी शुदा लोग भी जीने का पूरा आनंद उठाएँ।

उपाय: नहाने के पानी में हल्दी का मिश्रण करके नहाएँ और गुरुमंत्र का रोज़ जाप करें।

धनु

गुरु वक्री के दौरान बृहस्पति आपके दसवें भाव में विराजमान होगा। ऐसे में आप नौकरी-पेशा में अपने तय लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। घरेलु जीवन में सामंजस्यपूर्ण परिस्थिति के साथ ख़ुशियों का माहौल बना रहेगा। आपकी दीर्घकाल से रुकी हई इच्छा भी पूर्ण हो पाएगी। इस दौरान आपका मन दान-दक्षिणा में ख़ूब लगेगा। आप किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं, हालाँकि कोई लंबी यात्रा आपके योग में है। कार्यक्षेत्र में आपकी कड़ी मेहनत आपको सफलता की सीढ़ियों पर पहुँचाएगी। परिस्थितियों में सुधार होगा और आप कोई नया वाहन ख़रीदने पर भी विचार कर सकते हैं। छात्रो को भी शिक्षाक्षेत्र में लाभ प्राप्त होगा।

उपाय: “ओम् ग्रां ग्रीङ्ग ग्रोङ्ग सः गुरुवै: नम:” का जाप करें।

मकर

वक्री के दौरान गुरु आपके 9वें भाव में होगा जिसके कारण आपको विदेशी सरज़मीं से आय प्राप्त होगी। निजी एवं पेशेवर जीवन में भाई-बहन का सहयोग प्राप्त होगा। सेवा भाव में आप दान भी कर सकते हैं। छात्रों को पढ़ाई में सफलता मिलेगी और आध्यात्म में भी आपकी रुचि जागेगी। आप अपनी जॉब में परिवर्तन करने पर भी विचार कर सकते हैं। साझेदारी में व्यापार आपके लिए मुनाफ़ा कारक होगा, हालाँकि आपकी आय में वृद्धि की संभावना के साथ-साथ ख़र्चा भी ज़्यादा है, इसलिए बुद्धिमानी से पैसा ख़र्च करें।

उपाय: भगवान विष्णु को कपूर चढ़ाएँ।

कुंभ

वक्री के दौरान गुरु आपके आठवें भाव में विराजमान होगा जिससे आपके द्वारा धन अधिक व्यय होगा। इसके अलावा आपको आर्थिक हानि भी हो सकती है। ससुराल में भी आपका व्यापक ख़र्चा हो सकता है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट देखी जा सकती है। आय में वृद्धि संभव तो है, परंतु इसके लिए आपको मेहनत करनी पड़ेगी। दूसरों से बात करते समय अपनी वाणी में धैर्य एवं संयम रखें। किसी के साथ ग़लत व्यवहार न करें। अन्यथा भविष्य के लिए यह आपके लिए हानि कारक सिद्ध हो सकती है। आपको कोई अनचाही यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है। अपने स्वास्थ्य का विशेष ख़्याल रखें। खाने-पीने की चीज़ों को लेकर किसी प्रकार की कोताही न बरतें। स्वस्थ्य भोजन ही करें। अचानक किसी अनचाही परिस्थितियों से भी आपको गुजरना पड़ सकता है, लिहाजा़ उसके लिए तैयार रहें।

उपाय: पीपल के वृक्ष की जड़ में शुद्ध जल, हल्दी, कपूर एवं नींबू चढ़ाएँ।

मीन

वक्री के दौरान गुरु आपके सातवें भाव में विराजमान होगा जिसके कारण आपकी मैरिड लाइफ़ के ख़ुशहाल रहने के योग हैं। आप अपने जीवनसाथी के प्रति ईमानदार रहेंगे। गुरु का कन्या में वक्री आपके लिए लाभकारी है। आर्थिक लाभ आपके योग में है और व्यापार में इसका फ़ायदा आपको दिखता हुआ नज़र आएगा। पार्टनरशिप बिजनेस में भी लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वक्री लाभकारी है। किसी बीमारी अथवा कोई चोट से आप उभर पाएंगे। आपका सामाजिक दायरा भी बढ़ेगा और नौकरी पेशा में भी सफलता हाथ लगेगी, बशर्ते आपको अपनी बुद्धि और परिश्रम का उपयोग करना होगा। आध्यात्म की ओर आपकी रुचि हो सकती है। बजाय निराशावादी होने के सकारात्मक व्यक्ति बनें और यही आपकी सोच होनी चाहिए।

उपाय: "ओम् ब्रिम बृहस्पते: नम:" का जाप करें।
  सधन्यवाद,
    आचार्य राजेश कुमार
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