Friday 20 January 2017

हस्तरेखाओं की कुछ रोचक जानकारी

आपके हाथ में उपस्थित रेखाओं की कुछ रोचक जानकारी
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प्रिय मित्रों,
समस्त उंगलियों पर चिन्हों के फल का संयुक्त सारांश
मित्रों हाथ की प्रत्येक उँगलियों मे तीन पर्व(खाने)होते हैं। उंगली के ऊपरी खाने को प्रथम पर्व,बीच के खाने को द्वितीय एवं तीसरे खाने को तृतीय पर्व कहते हैं।

1-तर्जनी उंगली एवं गुरु पर्वत पर विभिन्न चिन्हों का फलाफल:-

*तर्जनी उंगली के प्रथम पर्व पर यदि सितारे का निशान हो तो जातक के जीवन में एक गंभीर हादसा हो कर भाग्योदय होता है अर्थात उक्त गंभीर घटना ही भाग्य को बदल डालती है।

*प्रथम पर्व पर त्रिभुज का चिन्ह हो तो जातक योगी य जादूगर होगा।धर्म शास्त्र जादू टोना व गूढ़ विद्या का जानकर होता है।साथ ही विवेकी व निष्ठावान परम भक्त होता है।

*यदि प्रथम पर्व पर वक्र (~)रेखा है तो जातक नास्तिक बुद्धि का होता है।

*यदि (// + )रेखाएं हैं तो जातक धार्मिक उन्मादी ज़िहादी  होता है।

*यदि त्रिभुज(△) है तो यह नम्रता सज्जनता व सफलता का सूचक है। ऐसा व्यक्ति अपने कुल व खानदान को यश प्रतिष्ठा व मान दिलाता है।

*यदि प्रथम पर्व पर जाली(##) का निशान या तो सन्यासी बना कर एकांत जीवन व्यतीत करता है या तो जेहादी जूनून के कारण जेल की सज़ा दिलवाता है।

* यदि (×) का चिन्ह  पागलपन व आकस्मिक मृत्यु का सूचक है।
*द्वितीय खंड पर तारा(*) शुभव सफल प्रेमी का चिन्ह है।
*द्वितीय खंड पर त्रिभुज(△) का निशान सफल राजनीतिज्ञ बनाता है।

* द्वितीय खंड पर(//)हो तो ईर्ष्यालु प्रवित्ति का द्योतक है। (##)है तो विश्वास घाती बनाती हैं। (||||)रेखाएं आदर्श मनोवृति एवं मित्रमंडली वाला बनाती हैं।इनकी सभी आकांछाएं पूर्ण होती हैं।

नोट-उपरोक्त चिन्हों से फलादेश देखने के लिए उक्त के साथ ही साथ  अन्य पहलू भी देखने के बाद ही वास्तविक निर्णय पर पहुचा जा सकता है।

 हाथ मे बने विभिन्न त्रिभुज,तिल,सितारे,यव,वर्ग,जाली,त्रीशुलादि चिन्हों का फलाफल बताएंगे:-    
                 1.तिल का चिन्ह,हथेली पर जिस किसी ग्रह के क्षेत्र पर होगा,उसी के शुभफल की हानी करेगा। जैसे संतान रेखा पर तिल हो तो संतान हानि,विवाह रेखा पर तिल हो तो पति-पत्नी में अनबन या अमिलं या विलंब से विवाह इत्यादि।शुक्र पर्वत पर होने से यौन दुर्बलता इत्यादि समझना चाहिए।।    

                 2.यदि जातक की तर्जनी उंगली के प्रथम पर्व पर सितारे का निशान हो तो ,जातक के जीवन में एक गंभीर हादसा हो कर भाग्योदय होता है यानी गंभीर घटना ही भाग्य को बदल डालती है।।    


मित्रों हाथ की प्रत्येक उँगलियों मे तीन पर्व(खाने)होते हैं।

 उंगली के ऊपरी खाने को प्रथम पर्व,बीच के खाने को द्वितीय एवं तीसरे खाने को तृतीय पर्व कहते हैं।

1-तर्जनी उंगली एवं गुरु पर्वत पर विभिन्न चिन्हों का फलाफल:-

*तर्जनी उंगली के प्रथम पर्व पर यदि सितारे का निशान हो तो जातक के जीवन में एक गंभीर हादसा हो कर भाग्योदय होता है अर्थात उक्त गंभीर घटना ही भाग्य को बदल डालती है।

*प्रथम पर्व पर त्रिभुज का चिन्ह हो तो जातक योगी य जादूगर होगा।धर्म शास्त्र जादू टोना व गूढ़ विद्या का जानकर होता है।साथ ही विवेकी व निष्ठावान परम भक्त होता है।

*यदि प्रथम पर्व पर वक्र (~)रेखा है तो जातक नास्तिक बुद्धि का होता है।

*यदि (// + )रेखाएं हैं तो जातक धार्मिक उन्मादी ज़िहादी  होता है।

*यदि त्रिभुज(△) है तो यह नम्रता सज्जनता व सफलता का सूचक है। ऐसा व्यक्ति अपने कुल व खानदान को यश प्रतिष्ठा व मान दिलाता है।

*यदि प्रथम पर्व पर जाली(##) का निशान या तो सन्यासी बना कर एकांत जीवन व्यतीत करता है या तो जेहादी जूनून के कारण जेल की सज़ा दिलवाता है।
* यदि (×) का चिन्ह  पागलपन व आकस्मिक मृत्यु का सूचक है।

*द्वितीय खंड पर तारा(*) शुभव सफल प्रेमी का चिन्ह है।

*द्वितीय खंड पर त्रिभुज(△) का निशान सफल राजनीतिज्ञ बनाता है।

* द्वितीय खंड पर(//)हो तो ईर्ष्यालु प्रवित्ति का द्योतक है। (##)है तो विश्वास घाती बनाती हैं। (||||)रेखाएं
नोट-उपरोक्त चिन्हों से फलादेश देखने के लिए उक्त के साथ ही साथ  अन्य पहलू भी देखने के बाद ही वास्तविक निर्णय पर पहुचा ज सकता है।

तर्जनी उंगली के तृतीय खंड यानी मूल पर निशान

-तीसरे पर्व पर तारा(*)हो तो व्यक्ति को विद्वान किन्तु घमंडी व बेशर्म बनाता है।

- (△)त्रीभज का निशान  प्रकाशन कार्य द्वारा सफलता मिलती है।सभी महत्वकनछाओं की पूर्ति होती है।

-यदि क्रॉस(×)का निशान बुरी आदतें प्रदान करता है। मुकदमेबाजी,पाचन शक्ति कमजोर,पैतृक संपत्ति प्राप्त होती है।

-यदि (+×) का चिन्ह जिद्दीपन व हथीपं की आदत,कुतर्क करने की प्रवित्ति व बुरी आदतें दर्शाता है।
-वर्गाकार चिन्ह सामाजिक व राजनैतिक पद-प्रतिष्ठा का सूचक है।

गुरु पर्वत पर निशान-
-गुरु पर्वत पर सितारा(*) अचानक भाग्योदय,सफलता,बड़े-बड़े राजनेता प्रतिष्टित पदाधिकारी एवं पूज्य लोगों से विशेष संपर्क बनाता है।

-यदि(△)का निशान भाग्य व समृद्धि का सूचक है।

--स्वस्तिक का चिन्ह धनी सुखी ज्ञानी दानी व सौभाग्यशाली बनाता है।

-यदि⊙वृत्त का चिन्ह हो तो गूढ़ विद्या की प्राप्ति।
-पड़ी रेखाएं असफलता की सूचक हैं।

-उर्ध्व रेखाएं प्रत्येक कार्य मे सफलता की सूचक।

-यदि(#) जाली का चिन्ह परिश्रमी पर अहंकारी व नास्तिक बनाता है।

-यदि गुरु पर्वत पर दोनो हाथों में (×)का चिन्ह हो तो विवाह किसी धनी कन्या के साथ होकर प्रसिद्धि व दानी होता है।

मित्रों ,भाग-4 में मध्यमा उंगली के द्वितीय पर्व  की विवेचना की गयी थी अब आगे.....

 मध्यमा उंगली (शनि उंगली) के तीसरे पर्व पर निशान काफल :-
 1 यदि × का चिन्ह हो तो बांझ बनाता है। दो क्रास चोर थाग डाकू बनाता है।
 2 यदि वर्ग का चिंह हो तो निर्दयी व कंजूस बनाता है।
 3 यदि *  का चिन्ह है तो हत्यारा बनाता है।
 4 यदि ∆ त्रभुज का चिन्ह शंकालु भाग्यहीन व दुष्ट बनाता है।
 5 वृत्त का चिन्ह भौतिक शाश्त्रों का ज्ञाता सफलता व दार्शनिक बनाता है।

 शनि पर्वत का चिन्ह:-
 6 सितारा का चिन्ह दुरभज्ञासुचक है।
 7 ∆का चिन्ह बैज्ञानिक तार्किक रहस्यमयी विद्याओं का जानकार बताता है।
 8  (0) का चिन्ह शुभ ही शुभ।
 9 पड़ी रेखाएं शारीरिक कष्ट । खड़ी रेखाएं कठिन परिश्रम से सफलता।
 10 यदि * का चिन्ह संतानहीनता  एवं ठीक नही
11 वर्ग का चिन्ह आर्थिक सम्पन्नता।
मध्यमा(शनि) उंगली के दूसरे पर्व पर पड़ी रेखाएं ;गुप्त शत्रुओं से शारीरिक चोट ,विष भय , आत्महत्या का भय का संकेत।

2. माध्यम उंगली के दूसरे पर्व पर खड़ी ||| रेखाएं मित्रों से लाभ की सूचक परंतु कुछ उदासीनता।

मध्यमा उंगली का तीसरा पर्व:-

3.तीसरे पर्व पर × का चिन्ह बांझ बनाता है।

4. तीसरे पर्व पर वर्ग का चिन्ह निर्दयी तथा कंजूस बनाता है।

5- तीसरे पर्व पर स्टार का चिन्ह  प्रायः हत्यारा बनाता है।

6- तीसरे पर्व पर ∆ का चिन्ह शंकालु भाग्यहीन व दुष्ट बनाता है।

7. माध्यम उंगली के तीसरे पर्व पर वृत्त का चिन्ह भौतिक शाश्त्रो का ज्ञाता, सफलता एवं दार्शनिक बनाता है।

8. तीसरे पर्वत पर × का चिन्ह संतानहीनता या बांझ का सूचक।

9-तीसरे पर्वत पर वर्ग का चिन्ह निर्दयी कठोर एवं निर्दयी ,कंजूस प्रवृत्ति का बनाता है।

शनि पर्वत पर चिन्ह-

10. शनि पर्वत पर जाली का चिन्ह अस्थिर मति ,अधीर,एकांत प्रिय।

11. शनि पर्वत पर * का चिन्ह दुर्भाग्य सूचक, लकवा टीवी या अन्य कोई दीर्घकालिक बीमारी,शांप काटने का भय।

12. शनि पर्वत पर  ∆ का निशान बैज्ञानिक,तार्किक, विद्धान, कला जादू  इत्यादि का सूचक

13. शनि पर्वत पर वृत्त का निशान सफलता ,शुभ सूचक।

14. पड़ी रेखाएं शारीरिक कष्ट ,शत्रुता जीवन में बाधक होती हैं।

15.खड़ी रेखाएं कठिन परिश्रम से कुछ प्राप्ति का योग।

16. शनि पर्व पर × का चिन्ह संतान हीनता , रहस्यमय मृत्यु का संकेत।

17. शनि पर्वत पर वर्ग का चिन्ह आर्थिक एवं व्यवहारिक सफलता प्रदान करता है।

       
मध्यमा(शनि) उंगली के दूसरे पर्व पर पड़ी रेखाएं ;गुप्त शत्रुओं से शारीरिक चोट ,विष भय , आत्महत्या का भय का संकेत।

2. माध्यम उंगली के दूसरे पर्व पर खड़ी ||| रेखाएं मित्रों से लाभ की सूचक परंतु कुछ उदासीनता।

मध्यमा उंगली का तीसरा पर्व:-

3.तीसरे पर्व पर × का चिन्ह बांझ बनाता है।

4. तीसरे पर्व पर वर्ग का चिन्ह निर्दयी तथा कंजूस बनाता है।

5- तीसरे पर्व पर स्टार का चिन्ह  प्रायः हत्यारा बनाता है।

6- तीसरे पर्व पर ∆ का चिन्ह शंकालु भाग्यहीन व दुष्ट बनाता है।

7. माध्यम उंगली के तीसरे पर्व पर वृत्त का चिन्ह भौतिक शाश्त्रो का ज्ञाता, सफलता एवं दार्शनिक बनाता है।

8. तीसरे पर्वत पर × का चिन्ह संतानहीनता या बांझ का सूचक।

9-तीसरे पर्वत पर वर्ग का चिन्ह निर्दयी कठोर एवं निर्दयी ,कंजूस प्रवृत्ति का बनाता है।

शनि पर्वत पर चिन्ह-

10. शनि पर्वत पर जाली का चिन्ह अस्थिर मति ,अधीर,एकांत प्रिय।

11. शनि पर्वत पर * का चिन्ह दुर्भाग्य सूचक, लकवा टीवी या अन्य कोई दीर्घकालिक बीमारी,शांप काटने का भय।

12. शनि पर्वत पर  ∆ का निशान बैज्ञानिक,तार्किक, विद्धान, कला जादू  इत्यादि का सूचक

13. शनि पर्वत पर वृत्त का निशान सफलता ,शुभ सूचक।

14. पड़ी रेखाएं शारीरिक कष्ट ,शत्रुता जीवन में बाधक होती हैं।

15.खड़ी रेखाएं कठिन परिश्रम से कुछ प्राप्ति का योग।

16. शनि पर्व पर × का चिन्ह संतान हीनता , रहस्यमय मृत्यु का संकेत।

17. शनि पर्वत पर वर्ग का चिन्ह आर्थिक एवं व्यवहारिक सफलता प्रदान करता है
       
     
1.मध्यमा(शनि) उंगली के दूसरे पर्व पर पड़ी रेखाएं ;गुप्त शत्रुओं से शारीरिक चोट ,विष भय , आत्महत्या का भय का संकेत।

2. माध्यम उंगली के दूसरे पर्व पर खड़ी ||| रेखाएं मित्रों से लाभ की सूचक परंतु कुछ उदासीनता।

मध्यमा उंगली का तीसरा पर्व:-

3.तीसरे पर्व पर × का चिन्ह बांझ बनाता है।

4. तीसरे पर्व पर वर्ग का चिन्ह निर्दयी तथा कंजूस बनाता है।

5- तीसरे पर्व पर स्टार का चिन्ह  प्रायः हत्यारा बनाता है।

6- तीसरे पर्व पर ∆ का चिन्ह शंकालु भाग्यहीन व दुष्ट बनाता है।

7. माध्यम उंगली के तीसरे पर्व पर वृत्त का चिन्ह भौतिक शाश्त्रो का ज्ञाता, सफलता एवं दार्शनिक बनाता है।

8. तीसरे पर्वत पर × का चिन्ह संतानहीनता या बांझ का सूचक।

9-तीसरे पर्वत पर वर्ग का चिन्ह निर्दयी कठोर एवं निर्दयी ,कंजूस प्रवृत्ति का बनाता है।

शनि पर्वत पर चिन्ह-

10. शनि पर्वत पर जाली का चिन्ह अस्थिर मति ,अधीर,एकांत प्रिय।

11. शनि पर्वत पर * का चिन्ह दुर्भाग्य सूचक, लकवा टीवी या अन्य कोई दीर्घकालिक बीमारी,शांप काटने का भय।

12. शनि पर्वत पर  ∆ का निशान बैज्ञानिक,तार्किक, विद्धान, कला जादू  इत्यादि का सूचक

13. शनि पर्वत पर वृत्त का निशान सफलता ,शुभ सूचक।

14. पड़ी रेखाएं शारीरिक कष्ट ,शत्रुता जीवन में बाधक होती हैं।

15.खड़ी रेखाएं कठिन परिश्रम से कुछ प्राप्ति का योग।

16. शनि पर्व पर × का चिन्ह संतान हीनता , रहस्यमय मृत्यु का संकेत।

17. शनि पर्वत पर वर्ग का चिन्ह आर्थिक एवं व्यवहारिक सफलता प्रदान करता है
       
हस्तरेखाओं की जानकारी भाग -6
अनामिका(सूर्य) उंगली पर चिन्हों का फलादेश
प्रथम खंड:-
*प्रथम खंड पर तारा का निशान आध्यात्मिक उन्माद का सूचक है परंतु पागल नही बनाता।
* त्रिभुज का निशान सौंदर्य प्रसाधन एवं श्रेष्ट कलाकृतियों मे रुचि,सुंदरता का प्रेमी बनाता है।
* वृत्त का चिन्ह प्रत्येक क्षेत्र मे अद्वितीय सफलता। विदेशों से धन प्राप्ति  का अवसर।
* पड़ी रेखाओं का निशान कलाप्रिय मनोवृत्ति एवं ज्ञान होते हुए भी असफलताओं बाधाओं का सामना। अभिमान उसे पागल बना देता है।
* खड़ी रेखाएं भी कलाप्रिय मनोवृत्ति की अधिकता।
* (+) का निशान कारीगरी व हुनर के द्वारा पर्याप्त धन कमाते हुए भी धनाभाव।
रेखाओं का जाल हो तो निम्न स्तर का पागल बनाता है

हस्त रेखाओं की जानकारी भाग 7:-

पिछले भाग मे हम अनामिका उंगली के पर्वों पर निशान के फल की बात किये थे ।

अब हम कनिष्का उंगली(बुद्ध की उंगली) के पर्वों की बात:-
प्रथम खंड:-
1 प्रथम खंड पर( *)का चिन्ह हो तो जातक वक्ता ,अभिनेता,राजनीतिक व पंडित होता हुआ भी आर्थिक दृष्टिकोण से सम्पन्न नहीं होता।

2 त्रिभुज का चिंह हो तो गूढ़ विद्द्या का ज्ञानी ।

3 यदि वृत्त का चिन्ह हो तो  व्यापार के क्षेत्र मे अद्वितीय सफलता।

4 यदि पड़ी रेखाएं हों तो धूर्त, चोर, झूठ बोलने वाला,असफलताओं,बाधाओं का सामना।

5 खड़ी रेखाएं हों तो कुशल नेतृत्व शक्ति, सफलता व व्यापारिक मित्रता से लाभ पर दूसरों के काम मे दखल।

6 यदि(+×) का निशान हो तो शाश्त्रो का ज्ञाता परअन्य अशुभ चिन्हों के साथ हो तो मिथ्यभशी,चोर व कलहप्रिय।

7 यदि रेखाओं का जाल हो तो जादू-टोना का जानकार।
8  दो शाखाओ का चिन्ह व्यवसाय में पूरी सफलता नहीं देता।
       मित्रों समय-समय पर अपने जीवन में होने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं का विश्लेषण किसी सुयोग्य एवं प्रकांड "ज्योतिषी "से अवश्य कराते रहना चाहिये ताकि आप अपने बहुमूल्य लक्ष्य को समय रहते अवश्य प्राप्त कर सकें। वरना वही कहावत चरितार्थ होगी-
       "अब पछताए का हॉट है जब चिड़िया चुग गई खेत"
     

सधन्यवाद,
           
 जय माता की,
                आचार्य राजेश कुमार
                        9454320396/7607718546

20 जनवरी2017को चंद्रमा और मंगल के राशि परिवर्तन का आप पर प्रभाव

           
                   "Divyansh jyotish kendra"
                 
                गोचर चंद्रमा तुला राशि एवं मंगल मीन राशि में
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               होने से आपकी राशि पर असर
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शुक्रवार (20 जनवरी) को माघ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन स्वाती नक्षत्र होने से गद नाम का शुभ योग रहेगा। ग्रह-नक्षत्रों की बात की जाए तो 19 जनवरी की शाम 05.47 से चंद्रमा राशि परिवर्तन कर तुला में आ चुका है। वहीं 20 जनवरी की दोपहर 12.30 पर मंगल राशि बदलकर मीन राशि में आ जाएगा। चंद्रमा व मंगल के इस राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर अलग-अलग दिखाई देगा।

वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को हानिकारक माना जाता है। मंगल ग्रह अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इसे अंगारक (अंगारे जैसा रक्त वर्ण), भौम यानि भूमि पुत्र भी कहा जाता है। मंगल को युद्ध का देवता भी कहा जाता है। मंगल ग्रह शारीरिक ऊर्जा, आत्म विश्वास, अहंकार, क्रोध, वीरता और साहस जैसे गुणों को प्रतिनिधित्व करता है। मंगल के दुष्प्रभाव से रक्त, मांस पेशी और अस्थि जनित रोग होते हैं। मंगल ग्रह शुभत्व का प्रतीक भी है। इस ग्रह की मूलभूत प्रवृत्ति प्रजनन और बड़े बदलाव करना है। मंगल के प्रभाव से प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक मजबूती प्राप्त होती ह।

मेष

मंगल का मीन राशि में होने वाला गोचर मेष राशि के जातकों के लिए शुभ संकेत नहीं दे रहा है। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी उत्पन्न हो सकती है खासकर रक्त जनित रोगों की संभावना दिख रही है। जहां तक हो सके मानसिक तनाव लेने से बचें, बुरे वक्त में भी धैर्य के साथ काम लें। इस दौरान कुछ लोगों को कानूनी विवाद का सामना भी करना पड़ सकता है, हालांकि इस कानूनी लड़ाई में जीत आपकी ही होगी। पर्सनल और प्रोफेशनल कारणों की वजह से इच्छा नहीं होने के बाद भी आपको कुछ यात्राएं करनी पड़ सकती है। विदेशों में अच्छे संपर्क बनेंगे जो आपके लिए बेहद लाभकारी होंगे। मंगल के गोचर के अंतिम पड़ाव के दौरान आपके भाई को अच्छा लाभ हो सकता है।

उपाय: रोजाना हनुमान जी की आराधना करें।

वृषभ

वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल का मीन राशि में होने वाला गोचर मिले जुले परिणाम लेकर आएगा। आर्थिक मोर्चे पर तरक्की होगी लेकिन बच्चों की खराब सेहत आपकी चिंताएं बढ़ा सकती है। विदेशी ज़रियों से कमाई का अवसर मिलेगा। इस दौरान आय का कोई बहुत बड़ा साधन आपके हाथ लग सकता है, हालांकि ज्यादा से ज्यादा बचत करना आपके लिए लाभकारी रहेगा। आप कोई नई बीमा पॉलिसी भी खरीद सकते हैं। जीवन साथी या प्रोफेशनल पार्टनर के जरिये आपको लाभ प्राप्त हो सकता है। वहीं दूसरी ओर संतान पक्ष की सेहत से आप परेशान रहेंगे। इस दौरान आपके बच्चों की सेहत गड़बड़ा सकती है, बेचैनी बढ़ने की वजह से उनके व्यवहार में पल-पल परिवर्तन देखने को मिलेगा। वे बच्चे जो जल्द ही गुस्सा हो जाते हैं उनके स्वभाव की वजह से घर का माहौल प्रभावित हो सकता है। यह समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण होगा इसलिए बच्चों को समय दें और उनकी बातों को ध्यान से सुनें।

उपाय: मंगलवार को रक्त दान करना अच्छा होगा।

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों को मंगल के मीन राशि में होने वाले गोचर से नौकरी और व्यवसाय में सफलता व उन्नति मिलेगी, हालांकि इस दौरान पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल मची रहेगी। नौकरी पेशा लोगों के अधिकारों में वृद्धि होगी और वे नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे। मंगल के प्रभाव से आपका स्वभाव अनुशासनात्मक और प्रभावशाली रहेगा और इसका असर कामकाज में देखने को मिलेगा। कार्य स्थल पर आपके काम को सराहा जाएगा और उससे आपको लाभ मिलेगा। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में संतुलन बनाए रखें और दोनों जगहों पर क्रोध पर नियंत्रण रखने की कोशिश करें। ऐसा नहीं करने पर आपके रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है। मंगल के इस गोचर के दौरान बच्चों की सेहत प्रभावित रह सकती है।

उपाय: गाय को हरी घास खिलाएं। मंगलवार को गुड़ और दाल का दान करें।

कर्क

मंगल का मीन राशि में होने वाला गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए ढेर सारी सौगातें लेकर आने वाला है। क्योंकि इस गोचर के दौरान भाग्य पूरी तरह से कर्क राशि वालों के पक्ष में रहेगा। खासकर वे छात्र जो उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं उनकी मुराद पूरी होगी। लंबी दूरी की यात्रा की संभावना भी नज़र आ रही है। भविष्य में होने वाले आर्थिक नुकसान से बचने के लिए खर्चों पर नियंत्रण रखें। मंगल के गोचर के फलस्वरूप आपकी माता जी की सेहत प्रभावित हो सकती है इसलिए उनके स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें। संतान पक्ष की ओर से आपको खुशी मिलेगी। क्योंकि इस दौरान वे अपने क्षेत्र में बेहतर करेंगे, चाहे शिक्षा हो या व्यवसाय। भाई-बहनों के साथ रिश्तों में थोड़ी कड़वाहट आ सकती है।

उपाय: हनुमान जी की आराधना करें।

सिंह

मंगल के मीन राशि में होने वाले गोचर से जहां एक ओर सिंह राशि के जातकों को तगड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी ओर सेहत से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान सिंह राशि के जातक और उनके पिता का स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है। इनमें खून से जुड़ी बीमारी की संभावना है। इसके अलावा सड़क दुर्घटना में चोटिल भी हो सकते हैं, लिहाजा वाहन सावधानी से चलाएं। ससुराल पक्ष से कुछ मुद्दों पर मतभेद पैदा हो सकते हैं। निराशा के बीच आपको अचानक कोई बड़ा आर्थिक लाभ हो सकता है।

उपाय: सूर्य देव को जल चढ़ाएं।

कन्या

मंगल का मीन राशि में होने वाला गोचर कन्या राशि के जातकों की परेशानी बड़ा सकता है। क्योंकि इस दौरान आपके व्यवहार में क्रोध व उत्तेजना बढ़ेगी। ग़लतफहमी और मतभेद होने से वैवाहिक जीवन भी प्रभावित होगा। जीवन साथी की सेहत का ख्याल रखने की जरुरत है। बात अगर करियर और प्रोफेशनल लाइफ की करें तो दोनों क्षेत्रों में तरक्की होगी। नौकरी पेशा लोगों की आमदनी बढ़ेगी। मंगल का यह गोचर आपके भाई-बहनों के लिए लाभकारी रहेगा और वे इस समय का बेहतर उपयोग करेंगे।

उपाय: हर शुक्रवार को लक्ष्मी जी को लाल फूल चढ़ाएं।

तुला

मंगल का गोचर तुला राशि के जातकों के लिए आर्थिक नुकसान की ओर इशारा कर रहा है। इस गोचर के फलस्वरूप तुला राशि के लोगों को किसी बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि अच्छी बात यह है कि ग्रहों की चाल की वजह से आप इस समय में कठिन परिश्रम और पूरे समर्पण के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। इच्छा के विरुद्ध की गई यात्रा से आपको निराशा हाथ लगेगी। मंगल के गोचर के दौरान दुर्घटना में चोटिल होने के संकेत भी मिल रहे हैं इसलिए वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। 29 जनवरी के बाद जीवन साथी की सेहत बिगड़ने से आपकी चिंता बढ़ सकती है। वे जातक जिनकी बिजनेस में पार्टनरशिप है उनका अपने साथी के साथ टकराव हो सकता है। हालांकि आप अपने विरोधियों और प्रतिद्वंदियों पर हावी रहेंगे। लक्ष्यों का निर्धारण करने से व्यवसाय में सफलता मिलेगी। मन में नए विचारों आने पर स्वयं पहल करें। क्योंकि ये कोशिशें आपको बहुत आगे लेकर जाएगी।

उपाय: हर शुक्रवार को मिठाई व मीठे व्यंजन बालिकाओं को दें।

वृश्चिक

मंगल के गोचर के प्रभाव से वृश्चिक राशि के जातकों का झुकाव शैक्षाणिक पेशे की ओर बढ़ेगा। इस गोचर के दौरान आपके बच्चों की सेहत बुरा असर पड़ सकता है, लिहाजा उनका ध्यान रखें। इस गोचर के फलस्वरूप बच्चे ज्यादा शरारती और उपद्रवी होंगे। वहीं ग़लतफ़हमी की वजह से आपके प्रेम संबंध प्रभावित होंगे। आर्थिक समृद्धता आने से आप बहुत खुश होंगे। इस समय में आप नए लक्ष्यों का निर्धारण करेंगे और एक नई यात्रा की शुरुआत करेंगे। यदि आप पर कोई देनदारी या लोन बाकी है तो इस अवधि में उसका निपटारा हो जाएगा।

उपाय: घर के बाहर गार्डन में या मंदिर के पास अनार का वृक्ष लगाएं।

धनु

मंगल का मीन राशि में होने वाला गोचर धनु राशि के जातकों के पारिवारिक जीवन में तनाव पैदा करेगा। लिहाजा घरेलू मोर्चे पर धैर्य और संयम के साथ काम लें। परिवार में होने वाले टकराव और विचारों में असहमति पैदा होेने पर हालात को अच्छे से संभालने की कोशिश करें। इस दौरान आपका वैवाहिक जीवन भी कुछ समय के लिए प्रभावित रहेगा। पारिवारिक जीवन में तनाव और चुनौती के बीच प्रोफेशनल लाइफ में आपको कामयाबी मिलने के योग बन रहे हैं। नौकरी और व्यवसाय में सफलता व तरक्की होने से आपका मनोबल बढ़ेगा। आमदनी में बढ़ोतरी होगी साथ ही विदेशी जरियों से अप्रत्याशित लाभ होने के योग बन रहे हैं। मंगल के गोचर के दौरान एकाग्रता और ध्यान भंग होने से जीवन में तनाव बढ़ेगा। प्राणायाम और योग करने से आप स्वस्थ रहेंगे व मानसिक शांति प्राप्त होगी। मंगल के गोचर के दौरान धनु राशि के जातक घरेलू और भौतिक सुख-सुविधाओं से जुड़े सामानों पर खर्च कर सकते हैं।

उपाय: गाय को रोजाना गेहूं खिलाएं।

मकर

मंगल का मीन राशि होने वाला गोचर मकर राशि के जातकों के मनोबल में वृद्धि करेगा। इसके फलस्वरूप आप शिक्षा और कामकाज की दिशा में लक्ष्यों का निर्धारण कर आगे बढ़ेंगे। मंगल के प्रभाव से आपके अंदर नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा। आप स्वयं को बेहद ऊर्जावान महसूस करेंगे। पहले से तय किए स्थानों की यात्रा करेंगे। इसके अलावा आप विरोधियों और प्रतिद्वंदियों पर हावी रहेंगे। मंगल का यह गोचर आपके भाई-बहनों के लिए लाभकारी सिद्ध नहीं होगा। कार्य स्थल पर आपकी कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण की वजह से आपकी प्रशंसा होगी। पुरानी देनदारी और लोन चुकाने के लिए यह समय आपके पक्ष में रहेगा।

उपाय: नियमित रूप से शनि देव की आराधना करें।

कुंभ

मंगल के गोचर के प्रभाव से कुंभ राशि के जातकों का पारिवारिक जीवन प्रभावित होगा। परिवार के सदस्यों में कुछ मतभेद होने से तनाव पैदा होगा। आर्थिक मोर्चे पर आपको कामयाबी मिलेगी। भाई-बहनों की मदद से या उनके जरिये आपको लाभ प्राप्त होगा। इससे जीवन में आर्थिक समृद्धता आएगी। इसके अलावा किसी नजदीकी व्यक्ति से आर्थिक मदद मिलने की संभावना दिखाई दे रही है। मंगल के गोचर के दौरान आपके बच्चों के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है और यह समय उनके लिए अच्छा साबित नहीं होगा। छात्रों को परीक्षाओं में अप्रत्याशित नतीजे मिलने के पूरे योग बन रहे हैं, हालांकि अगर आपने थोड़ी मेहनत और की तो परिणाम और भी बेहतर होंगे। मंगल के प्रभाव से लक्ष्य प्राप्ति के लिए आप सतत प्रयास करते रहेंगे और इसमें कोई कमी नहीं आएगी।

उपाय: मां दुर्गा की आराधना करें।

मीन

मंगल का गोचर आपकी राशि में हो रहा है। इस गोचर के प्रभाव से मीन राशि के जातकों के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आएगा। इसके परिणामस्वरूप आप बात-बात पर विवाद करने लगेंगे। इस दौरान कामुक विचारों में वृद्धि होगी और यौन संबंधों की ओर आपका झुकाव बढ़ेगा। जीवन साथी और परिवार के लोगों के साथ मतभदे होंगे, इसलिए अपने क्रोधी स्वभाव पर नियंत्रण रखें और हर समस्या का शांति के साथ हल निकालने की कोशिश करें। हालांकि हालात ऐसे पैदा होंगे कि आपको अचानक गुस्सा आ जाएगा लेकिन फिर भी धैर्य बनाए रखें। गोचर के दौरान भाग्य आपका पूरा साथ देगा। गोचर के अंतिम पड़ाव के दौरान प्रोफेशनल लाइफ बेहद बेहतर रहेगी।

उपाय: सिर पर केशर का तिलक लगाएं।
                                                 टीम दिव्यांश ज्योतिष्
                                                 मोब 9454320396

Thursday 19 January 2017

जब जागो तभी सवेरा

             "दिव्यांश ज्योतिष् केंद्र"  
           
             "जब जागो तभी सबेरा"
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मित्रों,
         "Divyansh jyotish kendra "आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता है।
        प्रिय मित्रों हर इंसान सर्वसुख से संपन्न नहीं हो सकता, अर्थात प्रत्येक इंसान के जीवन में कोई न कोई कमी,आभाव या समस्या अवश्य ही होती है।
🌞🌞🌞🌞🌞🌞                    
उसमे से कुछ समस्यायों का समाधान तो इंसान एन-केन प्रकारेण कर लेता है परंतु कुछ समस्याये  ऐसी होती हैं जिसका समाधान लाख चाहने के बावजूद हो ही नहीं पाता। जिस कारण वह ईश्वर की मर्ज़ी समझ कर उपर वाले पर छोड़ देता है। जैसे

   1 व्यवसाय/ नौकरी में असफलता

   2 विवाह नहीं होना

   3 संतान का नहीं होना

   4 लाख चाहने के बावजूद बचत नहीं कर पाना

   5 इनकम से अत्यधिक खर्च

   6 हमेशा स्वयं या घर के सदस्यों का बीमार रहना या दवा में अत्यधिक पैसे का खर्च होना।

   7 पति- पत्नी या अन्य सगे-संबंधी से  अत्यधिक मतभेद रहना

   8 शिक्षा या इक्षा के अनुरूप नौकरी/व्यवसाय का ना होना

   9 मुक़दमें बाज़ी में धन व्यय होना

   10 किसी विवाद का समाधान नहीं होना

   11 रोजगार में सफलता नहीं मिलना

   12 उलटे- पलटे स्वप्न आना।

   13 किसी भी चीज में मन न लगना

   14 बार- बार दुर्घटना का होना

   15 स्वयं की प्रॉपर्टी- मकान का नहीं होना या प्रॉपर्टी में विवाद उत्पन्न होना
 
   16 घर में बच्चों का व्यव्हार ठीक नहीं होना या गलत संगत/रास्ता होना

 17 पारिवारिक विवाद का नहीं सुलझना

 18 प्रेम विवाह होने में बाधा उत्पन्न होना या वैवाहिक जीवन में कड़वाहट का होना।

 19 मन के अनुरूप विवाह होने में कठिनाई

 20 घर में अप्रत्याशित घटनाओं का होना।

 21 नौकरी के क्षेत्र में अपने सीनियर से ताल- मेल ठीक नहीं होना

 22 पदोन्नति(प्रमोशन) में बाधा का आना।इत्यादि-इत्यादि
 🍃🍃🍃🍃🍃
         मित्रों उपरोक्त में से कोई न कोई समस्या से हर इंसान ग्रसित होता है ।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺      
            मित्रों  ज्योतिष विज्ञान में उक्त समस्याओं के बहुत ही सटीक समाधान शास्त्रों में उल्लेखित हैं बशर्ते एस्ट्रोलोजर यह पहचान ले की आपके जीवन में उक्त समस्या का मुख्य ( सटीक) कारन क्या है। मुख्य कारण की बिलकुल सही पहचान करना ही एस्ट्रोलोजर के लिए अत्यधिक टेढ़ी खीर होती है।
🐠🐠🐠🐠🐠🐠
   यदि आप या आपका कोई भी संबंधी किसी समस्या से पीड़ित है तो आप किसी सुयोग्य, विद्वान एवं एस्ट्रोलॉजी का "वैज्ञानिक आधार" का ज्ञान रखने वाले ज्योतिषी से संपर्क कर वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत होकर उक्त समस्या से निजात पाने की ओर अग्रसर हों। ताकि आपका जीवन सुदर सुखद एवं मंगलमई हो सके।

बिना किसी भ्रम भय एवं भ्रान्ति के आप एक बार सिर्फ एक बार astrological analysis अवश्य करा लीजिये।
🎯🎯🎯🎯🎯🎯
शुभ कामनाओं सहित।
     शुभ आशीर्वाद,
                              जय माता की,
 आचार्य राजेश कुमार
🙏🙏🙏🙏🙏🙏                      मोब-9454320396/7607718546

Wednesday 4 January 2017

कैसे ग्रह नक्षत्र मनुष्य के जीवन पर प्रभाव डालते हैं


ग्रह-नक्षत्र कैसे डालते हैं मानव जीवन पर प्रभाव:-
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अक्सर यह सवाल मनुष्य के विचार में आता  है कि दूर बैठे ग्रह नक्षत्र कैसे मानव जीवन पर प्रभाव डाल सकते हैं?

       सूर्य और चंद्र सभी ओर एक साथ प्रकाशित होता है और यह सभी पर एक-सा प्रभाव डालते हैं। जब ऐसा है तो फिर कुंडली देखने या ज्योतिष द्वारा व्यक्ति विशेष पर ग्रहों के अच्छे या बुरे प्रभाव का विश्लेषण करना व्यर्थ है।
इस सवाल के उत्तर में विद्वान ज्योतिर्विद कहते हैं कि यह सही है कि सूर्य और चंद्र का प्रकाश इस धरती के एक विस्तृत भू-भाग पर एक-सा पड़ता है, लेकिन उसका प्रभाव भिन्न-भिन्न रूप में देखा जा सकता है। कहीं पर सूर्य के प्रकाश के कारण अधिक गर्मी है तो किसी ठंडे इलाके में उसके प्रकाश के कारण जीव-जंतुओं को राहत मिली हुई है। सूर्य का प्रकाश तो एक समान ही धरती पर प्रकाशित हो रहा है लेकिन धरती का क्षेत्र एक जैसा नहीं है। उसी प्रकाश से कुछ जीव मर रहे हैं तो कुछ जीव जिंदा हो रहे हैं। यदि हम यह मानें की एक क्षेत्र विशेष पर एक-सा प्रभाव होता है तो यह भी गलत है।

मान लो 100-200 किलोमीटर के एक जंगल में तूफान उठता है तो उस तूफान के चलते कुछ पेड़ खड़े रहते हैं और कुछ उखड़ जाते हैं, कुछ झुककर तुफान को निकल जाने देते हैं। इसी तरह जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है तो कुछ जीवों को इससे राहत मिलती है, कुछ जीव उससे बीमार पड़ जाता हैं और कुछ की उससे मृत्यु हो जाती है। इस सब के बीच धरती पर गुरुत्वाकर्षण की शक्ति का प्रत्येक क्षेत्र, प्रकृति और व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। वह इसलिये की प्रत्येक की प्रकृति अलग-अलग है।

इसी तरह समस्त ब्रह्मांड के ग्रह और नक्षत्र और उनकी अति सुक्ष्म हलचल का प्रभाव भी पृथ्वी पर पड़ता है। सूर्य और चंद्र के प्रभाव को तो प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है, लेकिन गुरु और शनि का प्रभाव दिखाई नहीं देता है इसलिए उसे नकारा जाना स्वाभाविक है

वैज्ञानिक कहते हैं कि सूर्य के प्रभाव से ऊर्जा और चन्द्रमा के प्रभाव से समुद्र में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है। चंद्र का प्रभाव जल पर अधिक पड़ता है। चंद्र के प्रभाव से समुद्र में अष्टमी के दिन लघु ज्वार और पूर्णिमा के दिन बृहद ज्वार उत्पन्न होता है। मनुष्य के भीतर स्थित जल पर भी चंद्र का प्रभाव स्पष्ट देखा जा सकता था। हमारा मस्तिष्क जल में ही डूबा हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति के भीतर जल की स्थिति भिन्न-भिन्न होती है। इस भिन्नता के कारण ही उस पर दूसरे से अलग प्रभाव होता है।

वैज्ञानिक शोधों से यह पता चला है कि पूर्णमासी के दिन अपराध, आत्महत्या और मानसिक तनाव में बढ़ोतरी हो जाती है। समुद्र में मछलियों के व्यवहार में भी परिवर्तन हो जाता है। यह भी देखा गया है कि इस दिन ऑपरेशन करने पर खून अधिक बहता है। शुक्ल पक्ष में वनस्पतियां अधिक बढ़ती है। सूर्योदय के बाद वनस्पतियों और प्राणियों में स्फूर्ति के प्रभाव को सभी भलिभांति जानते हैं।

सन 1920 में बहुत काल के शोध के बाद यह बताया कि हर 11 साल में सूर्य में विस्फोट होता है जो 1000 अणुबम के बराबर का होता है। इस विस्फोट के कारण धरती का वातारवण बदल जाता है। इस बदले हुए वातावरण के कारण धरती पर उथल-पुथल बढ़ जाती है। इस दौरान लडाई झगडे, मारकाट अधिक होते हैं। युद्ध भी इसी समय में होता है। जब ऐसा समय शुरू होता है तो फिर इस समय को शांत होने में भी समय लग जाता है। इसी दौरान पुरुषों का खून पतला हो जाता है, वृक्षों के तनों में स्थित वलय के आकार बड़े हो जाता है। इस दौरान कई तरह के घटनाक्रम देखे जा सकते हैं। तो यह कहना गलत है कि ग्रह और नक्षत्रों के मानव जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनियों ने बहुत शोध, समझ और अनुभव के बाद यह जाना कि किस तरह प्रत्येक ग्रह और नक्षत्र का प्रभाव प्रत्येक मनुष्य पर कैसा होता है। सिर्फ ग्रह और नक्षत्रों का प्रभाव ही नहीं हमारे आसपास की प्रकृति और वातावरण से भी हमारे जीवन में उथल पुथल होती रहती है। उक्त सभी बातों को गहराई से समझने के बाद ही वास्तु अनुसार घरों का निर्माण होने लगा। योग और आयुर्वेद का सहारा लिया जाने लगा। नक्षत्रों की चाल समझकर मौसम का हाल जाना जाने लगा। जब धीरे धीरे समझ बड़ी तो ग्रहों के दुष्प्रवाव से बचने के अन्य उपाय भी ढूंढे जाने लगे। ज्योतिष जो उपाय बताते हैं वे अनुभूत सत्य पर आधारित और शास्त्र सम्मत होते हैं। यह अलग बात है कि कुछ मुट्ठीभर ज्योतिषियों के कारण इस विद्या पर संदेह किया जाता है।
    आचार्य राजेश कुमार

Saturday 24 December 2016

राजतंत्र

🍁 दुबई !


ऐसा राजतन्त्र

जिसे हम लोकतान्त्रिक प्राणी तानाशाही कहते है।




मैं भी तानाशाही में यकीन नही रखता था।


लेकिन अगर देखें तो तानाशाही ने दुबई को जन्नत बना दिया।



100 % रोजगार।


विश्व की सबसे अच्छी कानून व्यवस्था।


विश्व स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं , हर किसी के लिए।


करप्शन फ्री देश।


न्यूनतम रिश्वतखोरी।


विश्वस्तर की हर सुविधा।



न्यूनतम नशाखोरी।


कानून तक हर किसी की पहुँच।


बलात्कार की एक नाकाम कोशिश आखिरी बार 2007 में हुई थी।

 आरोपी पठान अगले शुक्रबार को चौराहे पे लटकता हुआ पाया गया था।




एक बैंक डकैती हुई थी (नाकाम ) 2005 में।

सब के सब आरोपियों को गोली मार दी गयी थी।




ज्यादातर शो रूम्स में कांच की ही दीवारें होती है।


लोहे के भरी भरकम शटर नही।




किसी भी पब्लिक ऑफिस में आप लाइन नही लगा सकते ,


अपनी आटोमेटिक अपॉइंटमेंट पर्ची लो और सोफे पे बैठकर इंतज़ार करो।


आपका नंबर बोलकर बुलाया जायेगा।


रोड एक्सीडेंट होने पे चंद ही मिंटो में एम्बुलेंस ,


फिर पुलिस ,

 सिविल डिफेन्स।

और अगर जरूरत पड़े तो

 हेलीकाप्टर एम्बुलेंस भी हाजिर।



आधी रात को भी पश्चिमी औरतें स्कर्ट में घूमती है

 लेकिन क्या मजाल कि कोई छेड़छाड़ हो जाये।


999 में बस फोन घुमा दो।


फोन काटने से पहले ही पुलिस हाजिर।




ये वो देश है


जहाँ का राष्ट्रपति भी बिना सुरक्षा के अकेला निकल जाता है।


ये वो देश है जहाँ लोग अपने मुल्क को अपना मुल्क समझते है।



पुलिस न भी मौजूद हो


लेकिन अगर आप कुछ भी गलत करते हुए पकड़े गए तो आपकी खैर नही।


यहाँ के निवासी इस मुल्क की हर चीज को अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी मानते है और उसका ख्याल रखते है।




और एक हमारा कथित लोकतंत्र है

 की खामिया ही खामिया।


आँखे बंद करके सोचना शुरू करदो।



अब साला दिल कहता काश ये सिस्टम भारत में भी होता।


 लोकतंत्र तो एक ढकोसला है।


हर पांच साल बाद एक लोल्लिपोप थमा देते है


और खुद नेता लोगो का खून चूसते है।
😳😳
कुछ सत्य पर कडवे सच
☺☺☺

1. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जो अपने देश में बैठे गद्दारो पर कोई कार्यवाही नहीं करता....
😊😊😊

2. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है. जहाँ अल्पसंख्यक समुदाय बहुसंख्यकँ समुदाय पर अत्याचार करता है....
😊😊😊

3. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है. जिसमें सरहद पर तैनात सिपाही को एकसाल तक छुट्टी नहीं मिलती. लेकिन जेल में बंद संजय दत्त को हर 2 महीने से पैरोल पर छुट्टी मिल जाती है.....
😊😊😊

4. भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहाँ लाखों अरबो का घोटाला करने वाले आजाद घूमते है. लेकिन जिसपे आरोप साबित नहीं हुआ है कैंसर पीडित ऐसी साध्वी को जेल मे रखते है
😊😊😊

5. भारत ऐसा देश है, जहाँ आतंकवादियों और बलात्कारियों के मानवाधिकारो के लिए लड़ने वाले मिल जाते है. लेकिन आतंकवादियों के हमलों में मरने वालों के लिए कोई मानवाधिकार की बात नहीं करता.....
😊😊😊

6. भारत ऐसा देश है जहां हिरन का शिकार करने पर कडी सजा का प्रावधान है लेकिन गौमाता जिसे हिन्दू मां मानते है की हत्या पर सब्सिडी दी जाती है
😊😊😊

7. भारत के सेकुलर नेता ऐसे है, जो आतंकवादियों को सम्मान देते है और राष्ट्रवादीयों को गालियां देते है....
😊😊😊

. 8. भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहाँ बाहरी घुसपैठियों का घर बैठे राशन कार्ड और वोटर कार्ड बन जाते है. लेकिन इन सब के लिए चक्कर काटते काटते अपने देश के आम नागरिक की चप्पल घिस जाती है......
😊😊😊

9. भारत दुनिया ऐसा देश है जहां पांचवी पास आदमी एक स्कूल का चपरासी तो नही बन सकता लेकिन नेता बन सकता है
😊😊😊

10. भारत दुनिया का ऐसा देश है जहां के इतिहास मे भगतसिंह को आतंकवादी और भारत पर हमला करने वाले  अकबर और सिकन्दर को महान बताया गया है
😊😊😊

11. भारत दुनिया का ऐसा देश है जहां 80% अंक पाने वाला बेरोजगा र घूम सकता है और 40% से भी कम अंक पाने वाला आरक्षण के माध्यम से डाक्टर या जज बन सकता है...
😊😊😊
👆   कृपया आगे भेजकर अपने भारतीय होने का फर्ज निभायें

Friday 23 December 2016

*वाह मोदी जी वाह क्या गजब का खेल खेले हो*
कसम से इस नोटबंदी की पिक्चर में मजा आ गया
😁😛😄😜😃😃😂😆😀
*कांग्रेसी खुद ही अपना गुनाह कबूल रहे*

जो कांग्रेसी चिल्ला चिल्ला कर बोलते आ रहे थे की कांग्रेस ने देश का खूब विकास किया है ।

*अब वो खुद अपनी विकास की मार्कशीट दिखा रहे*

केशलेस इकोनोमी के विरोध के में क्या-क्या बोल रहे

*विषय 1- गरीबी*
देश की 50% जनता गरीब हे उनके पास खाते नही ?(मनमोहन सिंह)

*विषय 2 - शिक्षा*
देश की 60% जनता अनपढ़ है ऑनलाइन पेमेंट कैसे करेगी ?(राहुल गाँधी)

*विषय 3 - बेरोजगारी*
जिस देश में रोजगार ही नही वो केशलेस कैसे हो सकता है ?(अय्यर)

*विषय 4 - बिजली*
देश के 50% गावों में आज भी बिजली नही और मोदीजी केशलेस इकोनोमी की बात कर रहे ?(पी चिदम्बरम)

*विषय 5 - सुरक्षा*
जिस देश में संडास का डिब्बा भी बांधकर रखना पड़ता हे वहा ऑनलाइन पेमेंट सुरक्षित नही ?

*कांग्रेसी विरोध के चक्कर में गलती से अपनी मार्कशीट दिखा बैठे*
😃😁😜😄😀😛😆😂😝

Saturday 17 December 2016

               "दिव्यांश ज्योतिष केंद्र"
                 ग्रहों की जानकारी :-
               
नवग्रह में राहु  ग्रह का स्थान:~
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समुद्र मंथन के बाद जब भगवान विष्णु मोहिनी रूप में देवताओं को अमृत पिला रहे थे, उसी समय राहु देवताओं का भेष बना कर उनके बीच आ बैठा। पर उसको सूर्य और चन्द्रमा ने पहचान लिया और उसकी पोल खोल दी। तत्क्षण विष्णु भगवान ने सुदर्शन चक्र द्वारा उसकी गरदन काट डाली। पर तब तक उसने अमृत का घूंट भर लिया था, जिसकी वजह से वह अमर हो गया।
1 . शरीर के दो टुकड़े हो जाने पर सिर राहु कहलाया और धड़ केतु के नाम से जाना जाने लगा।

2. ब्रह्माजी ने उन्हें ग्रह बना दिया।

3. राहु का मुख भयंकर है। ये सिर पर मुकुट, गले में माला तथा काले रंग के वस्त्र धारण करता है।

4. इसके हाथों में क्रमश:- तलवार, ढ़ाल, त्रिशुल और वरमुद्रा है।

5. इसका वाहन सिंह है। राहु ग्रह मंडलाकार होता है।

6. ग्रहों के साथ ये भी ब्रह्माजी की सभा में बैठता है। पृथ्वी की छाया भी मंडलाकार होती है। राहु इसी छाया का भ्रमण करता है। ग्रह बनने के बाद भी वैर-भाव से राहु पुर्णिमा को चन्द्रमा और अमावस्या को सूर्य पर आक्रमण करता रहता है। इसे ही ग्रहण कहते हैं।

7. इसका रथ अंधकार रूप है। इसे कवच से सजे काले रंग के आठ घोड़े खींचते हैं।

8. इसकी महादशा 18 वर्ष की होती है। कुछ अपवादों को छोड़ कर यह क्लेशकारी ही सिद्ध होता है।

9. यदि कुंडली में इसकी स्थिति प्रतिकूल या अशुभ हो तो यह शारीरिक व्याधियों, कार्यसिद्धी में बाधा तथा दुर्घटनाओं का कारण बनता है। इसकी शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना श्रेयस्कर होता है।

10. इसका सामान्य मंत्र है : ॐ रां राहवे नम: इसका एक निश्चित संख्या में नित्य जप करना चाहिए। जप का समय रात्रिकाल है।
             आचार्य राजेश कुमार