Thursday 19 January 2017

जब जागो तभी सवेरा

             "दिव्यांश ज्योतिष् केंद्र"  
           
             "जब जागो तभी सबेरा"
              🌍🌍🌍🌍🌍🌍 ----------------------------------------------------------------------

मित्रों,
         "Divyansh jyotish kendra "आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता है।
        प्रिय मित्रों हर इंसान सर्वसुख से संपन्न नहीं हो सकता, अर्थात प्रत्येक इंसान के जीवन में कोई न कोई कमी,आभाव या समस्या अवश्य ही होती है।
🌞🌞🌞🌞🌞🌞                    
उसमे से कुछ समस्यायों का समाधान तो इंसान एन-केन प्रकारेण कर लेता है परंतु कुछ समस्याये  ऐसी होती हैं जिसका समाधान लाख चाहने के बावजूद हो ही नहीं पाता। जिस कारण वह ईश्वर की मर्ज़ी समझ कर उपर वाले पर छोड़ देता है। जैसे

   1 व्यवसाय/ नौकरी में असफलता

   2 विवाह नहीं होना

   3 संतान का नहीं होना

   4 लाख चाहने के बावजूद बचत नहीं कर पाना

   5 इनकम से अत्यधिक खर्च

   6 हमेशा स्वयं या घर के सदस्यों का बीमार रहना या दवा में अत्यधिक पैसे का खर्च होना।

   7 पति- पत्नी या अन्य सगे-संबंधी से  अत्यधिक मतभेद रहना

   8 शिक्षा या इक्षा के अनुरूप नौकरी/व्यवसाय का ना होना

   9 मुक़दमें बाज़ी में धन व्यय होना

   10 किसी विवाद का समाधान नहीं होना

   11 रोजगार में सफलता नहीं मिलना

   12 उलटे- पलटे स्वप्न आना।

   13 किसी भी चीज में मन न लगना

   14 बार- बार दुर्घटना का होना

   15 स्वयं की प्रॉपर्टी- मकान का नहीं होना या प्रॉपर्टी में विवाद उत्पन्न होना
 
   16 घर में बच्चों का व्यव्हार ठीक नहीं होना या गलत संगत/रास्ता होना

 17 पारिवारिक विवाद का नहीं सुलझना

 18 प्रेम विवाह होने में बाधा उत्पन्न होना या वैवाहिक जीवन में कड़वाहट का होना।

 19 मन के अनुरूप विवाह होने में कठिनाई

 20 घर में अप्रत्याशित घटनाओं का होना।

 21 नौकरी के क्षेत्र में अपने सीनियर से ताल- मेल ठीक नहीं होना

 22 पदोन्नति(प्रमोशन) में बाधा का आना।इत्यादि-इत्यादि
 🍃🍃🍃🍃🍃
         मित्रों उपरोक्त में से कोई न कोई समस्या से हर इंसान ग्रसित होता है ।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺      
            मित्रों  ज्योतिष विज्ञान में उक्त समस्याओं के बहुत ही सटीक समाधान शास्त्रों में उल्लेखित हैं बशर्ते एस्ट्रोलोजर यह पहचान ले की आपके जीवन में उक्त समस्या का मुख्य ( सटीक) कारन क्या है। मुख्य कारण की बिलकुल सही पहचान करना ही एस्ट्रोलोजर के लिए अत्यधिक टेढ़ी खीर होती है।
🐠🐠🐠🐠🐠🐠
   यदि आप या आपका कोई भी संबंधी किसी समस्या से पीड़ित है तो आप किसी सुयोग्य, विद्वान एवं एस्ट्रोलॉजी का "वैज्ञानिक आधार" का ज्ञान रखने वाले ज्योतिषी से संपर्क कर वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत होकर उक्त समस्या से निजात पाने की ओर अग्रसर हों। ताकि आपका जीवन सुदर सुखद एवं मंगलमई हो सके।

बिना किसी भ्रम भय एवं भ्रान्ति के आप एक बार सिर्फ एक बार astrological analysis अवश्य करा लीजिये।
🎯🎯🎯🎯🎯🎯
शुभ कामनाओं सहित।
     शुभ आशीर्वाद,
                              जय माता की,
 आचार्य राजेश कुमार
🙏🙏🙏🙏🙏🙏                      मोब-9454320396/7607718546

Wednesday 4 January 2017

कैसे ग्रह नक्षत्र मनुष्य के जीवन पर प्रभाव डालते हैं


ग्रह-नक्षत्र कैसे डालते हैं मानव जीवन पर प्रभाव:-
----------------------------------------------------
अक्सर यह सवाल मनुष्य के विचार में आता  है कि दूर बैठे ग्रह नक्षत्र कैसे मानव जीवन पर प्रभाव डाल सकते हैं?

       सूर्य और चंद्र सभी ओर एक साथ प्रकाशित होता है और यह सभी पर एक-सा प्रभाव डालते हैं। जब ऐसा है तो फिर कुंडली देखने या ज्योतिष द्वारा व्यक्ति विशेष पर ग्रहों के अच्छे या बुरे प्रभाव का विश्लेषण करना व्यर्थ है।
इस सवाल के उत्तर में विद्वान ज्योतिर्विद कहते हैं कि यह सही है कि सूर्य और चंद्र का प्रकाश इस धरती के एक विस्तृत भू-भाग पर एक-सा पड़ता है, लेकिन उसका प्रभाव भिन्न-भिन्न रूप में देखा जा सकता है। कहीं पर सूर्य के प्रकाश के कारण अधिक गर्मी है तो किसी ठंडे इलाके में उसके प्रकाश के कारण जीव-जंतुओं को राहत मिली हुई है। सूर्य का प्रकाश तो एक समान ही धरती पर प्रकाशित हो रहा है लेकिन धरती का क्षेत्र एक जैसा नहीं है। उसी प्रकाश से कुछ जीव मर रहे हैं तो कुछ जीव जिंदा हो रहे हैं। यदि हम यह मानें की एक क्षेत्र विशेष पर एक-सा प्रभाव होता है तो यह भी गलत है।

मान लो 100-200 किलोमीटर के एक जंगल में तूफान उठता है तो उस तूफान के चलते कुछ पेड़ खड़े रहते हैं और कुछ उखड़ जाते हैं, कुछ झुककर तुफान को निकल जाने देते हैं। इसी तरह जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है तो कुछ जीवों को इससे राहत मिलती है, कुछ जीव उससे बीमार पड़ जाता हैं और कुछ की उससे मृत्यु हो जाती है। इस सब के बीच धरती पर गुरुत्वाकर्षण की शक्ति का प्रत्येक क्षेत्र, प्रकृति और व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। वह इसलिये की प्रत्येक की प्रकृति अलग-अलग है।

इसी तरह समस्त ब्रह्मांड के ग्रह और नक्षत्र और उनकी अति सुक्ष्म हलचल का प्रभाव भी पृथ्वी पर पड़ता है। सूर्य और चंद्र के प्रभाव को तो प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है, लेकिन गुरु और शनि का प्रभाव दिखाई नहीं देता है इसलिए उसे नकारा जाना स्वाभाविक है

वैज्ञानिक कहते हैं कि सूर्य के प्रभाव से ऊर्जा और चन्द्रमा के प्रभाव से समुद्र में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है। चंद्र का प्रभाव जल पर अधिक पड़ता है। चंद्र के प्रभाव से समुद्र में अष्टमी के दिन लघु ज्वार और पूर्णिमा के दिन बृहद ज्वार उत्पन्न होता है। मनुष्य के भीतर स्थित जल पर भी चंद्र का प्रभाव स्पष्ट देखा जा सकता था। हमारा मस्तिष्क जल में ही डूबा हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति के भीतर जल की स्थिति भिन्न-भिन्न होती है। इस भिन्नता के कारण ही उस पर दूसरे से अलग प्रभाव होता है।

वैज्ञानिक शोधों से यह पता चला है कि पूर्णमासी के दिन अपराध, आत्महत्या और मानसिक तनाव में बढ़ोतरी हो जाती है। समुद्र में मछलियों के व्यवहार में भी परिवर्तन हो जाता है। यह भी देखा गया है कि इस दिन ऑपरेशन करने पर खून अधिक बहता है। शुक्ल पक्ष में वनस्पतियां अधिक बढ़ती है। सूर्योदय के बाद वनस्पतियों और प्राणियों में स्फूर्ति के प्रभाव को सभी भलिभांति जानते हैं।

सन 1920 में बहुत काल के शोध के बाद यह बताया कि हर 11 साल में सूर्य में विस्फोट होता है जो 1000 अणुबम के बराबर का होता है। इस विस्फोट के कारण धरती का वातारवण बदल जाता है। इस बदले हुए वातावरण के कारण धरती पर उथल-पुथल बढ़ जाती है। इस दौरान लडाई झगडे, मारकाट अधिक होते हैं। युद्ध भी इसी समय में होता है। जब ऐसा समय शुरू होता है तो फिर इस समय को शांत होने में भी समय लग जाता है। इसी दौरान पुरुषों का खून पतला हो जाता है, वृक्षों के तनों में स्थित वलय के आकार बड़े हो जाता है। इस दौरान कई तरह के घटनाक्रम देखे जा सकते हैं। तो यह कहना गलत है कि ग्रह और नक्षत्रों के मानव जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

प्राचीन काल में हमारे ऋषि मुनियों ने बहुत शोध, समझ और अनुभव के बाद यह जाना कि किस तरह प्रत्येक ग्रह और नक्षत्र का प्रभाव प्रत्येक मनुष्य पर कैसा होता है। सिर्फ ग्रह और नक्षत्रों का प्रभाव ही नहीं हमारे आसपास की प्रकृति और वातावरण से भी हमारे जीवन में उथल पुथल होती रहती है। उक्त सभी बातों को गहराई से समझने के बाद ही वास्तु अनुसार घरों का निर्माण होने लगा। योग और आयुर्वेद का सहारा लिया जाने लगा। नक्षत्रों की चाल समझकर मौसम का हाल जाना जाने लगा। जब धीरे धीरे समझ बड़ी तो ग्रहों के दुष्प्रवाव से बचने के अन्य उपाय भी ढूंढे जाने लगे। ज्योतिष जो उपाय बताते हैं वे अनुभूत सत्य पर आधारित और शास्त्र सम्मत होते हैं। यह अलग बात है कि कुछ मुट्ठीभर ज्योतिषियों के कारण इस विद्या पर संदेह किया जाता है।
    आचार्य राजेश कुमार

Saturday 24 December 2016

राजतंत्र

🍁 दुबई !


ऐसा राजतन्त्र

जिसे हम लोकतान्त्रिक प्राणी तानाशाही कहते है।




मैं भी तानाशाही में यकीन नही रखता था।


लेकिन अगर देखें तो तानाशाही ने दुबई को जन्नत बना दिया।



100 % रोजगार।


विश्व की सबसे अच्छी कानून व्यवस्था।


विश्व स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं , हर किसी के लिए।


करप्शन फ्री देश।


न्यूनतम रिश्वतखोरी।


विश्वस्तर की हर सुविधा।



न्यूनतम नशाखोरी।


कानून तक हर किसी की पहुँच।


बलात्कार की एक नाकाम कोशिश आखिरी बार 2007 में हुई थी।

 आरोपी पठान अगले शुक्रबार को चौराहे पे लटकता हुआ पाया गया था।




एक बैंक डकैती हुई थी (नाकाम ) 2005 में।

सब के सब आरोपियों को गोली मार दी गयी थी।




ज्यादातर शो रूम्स में कांच की ही दीवारें होती है।


लोहे के भरी भरकम शटर नही।




किसी भी पब्लिक ऑफिस में आप लाइन नही लगा सकते ,


अपनी आटोमेटिक अपॉइंटमेंट पर्ची लो और सोफे पे बैठकर इंतज़ार करो।


आपका नंबर बोलकर बुलाया जायेगा।


रोड एक्सीडेंट होने पे चंद ही मिंटो में एम्बुलेंस ,


फिर पुलिस ,

 सिविल डिफेन्स।

और अगर जरूरत पड़े तो

 हेलीकाप्टर एम्बुलेंस भी हाजिर।



आधी रात को भी पश्चिमी औरतें स्कर्ट में घूमती है

 लेकिन क्या मजाल कि कोई छेड़छाड़ हो जाये।


999 में बस फोन घुमा दो।


फोन काटने से पहले ही पुलिस हाजिर।




ये वो देश है


जहाँ का राष्ट्रपति भी बिना सुरक्षा के अकेला निकल जाता है।


ये वो देश है जहाँ लोग अपने मुल्क को अपना मुल्क समझते है।



पुलिस न भी मौजूद हो


लेकिन अगर आप कुछ भी गलत करते हुए पकड़े गए तो आपकी खैर नही।


यहाँ के निवासी इस मुल्क की हर चीज को अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी मानते है और उसका ख्याल रखते है।




और एक हमारा कथित लोकतंत्र है

 की खामिया ही खामिया।


आँखे बंद करके सोचना शुरू करदो।



अब साला दिल कहता काश ये सिस्टम भारत में भी होता।


 लोकतंत्र तो एक ढकोसला है।


हर पांच साल बाद एक लोल्लिपोप थमा देते है


और खुद नेता लोगो का खून चूसते है।
😳😳
कुछ सत्य पर कडवे सच
☺☺☺

1. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जो अपने देश में बैठे गद्दारो पर कोई कार्यवाही नहीं करता....
😊😊😊

2. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है. जहाँ अल्पसंख्यक समुदाय बहुसंख्यकँ समुदाय पर अत्याचार करता है....
😊😊😊

3. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है. जिसमें सरहद पर तैनात सिपाही को एकसाल तक छुट्टी नहीं मिलती. लेकिन जेल में बंद संजय दत्त को हर 2 महीने से पैरोल पर छुट्टी मिल जाती है.....
😊😊😊

4. भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहाँ लाखों अरबो का घोटाला करने वाले आजाद घूमते है. लेकिन जिसपे आरोप साबित नहीं हुआ है कैंसर पीडित ऐसी साध्वी को जेल मे रखते है
😊😊😊

5. भारत ऐसा देश है, जहाँ आतंकवादियों और बलात्कारियों के मानवाधिकारो के लिए लड़ने वाले मिल जाते है. लेकिन आतंकवादियों के हमलों में मरने वालों के लिए कोई मानवाधिकार की बात नहीं करता.....
😊😊😊

6. भारत ऐसा देश है जहां हिरन का शिकार करने पर कडी सजा का प्रावधान है लेकिन गौमाता जिसे हिन्दू मां मानते है की हत्या पर सब्सिडी दी जाती है
😊😊😊

7. भारत के सेकुलर नेता ऐसे है, जो आतंकवादियों को सम्मान देते है और राष्ट्रवादीयों को गालियां देते है....
😊😊😊

. 8. भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहाँ बाहरी घुसपैठियों का घर बैठे राशन कार्ड और वोटर कार्ड बन जाते है. लेकिन इन सब के लिए चक्कर काटते काटते अपने देश के आम नागरिक की चप्पल घिस जाती है......
😊😊😊

9. भारत दुनिया ऐसा देश है जहां पांचवी पास आदमी एक स्कूल का चपरासी तो नही बन सकता लेकिन नेता बन सकता है
😊😊😊

10. भारत दुनिया का ऐसा देश है जहां के इतिहास मे भगतसिंह को आतंकवादी और भारत पर हमला करने वाले  अकबर और सिकन्दर को महान बताया गया है
😊😊😊

11. भारत दुनिया का ऐसा देश है जहां 80% अंक पाने वाला बेरोजगा र घूम सकता है और 40% से भी कम अंक पाने वाला आरक्षण के माध्यम से डाक्टर या जज बन सकता है...
😊😊😊
👆   कृपया आगे भेजकर अपने भारतीय होने का फर्ज निभायें

Friday 23 December 2016

*वाह मोदी जी वाह क्या गजब का खेल खेले हो*
कसम से इस नोटबंदी की पिक्चर में मजा आ गया
😁😛😄😜😃😃😂😆😀
*कांग्रेसी खुद ही अपना गुनाह कबूल रहे*

जो कांग्रेसी चिल्ला चिल्ला कर बोलते आ रहे थे की कांग्रेस ने देश का खूब विकास किया है ।

*अब वो खुद अपनी विकास की मार्कशीट दिखा रहे*

केशलेस इकोनोमी के विरोध के में क्या-क्या बोल रहे

*विषय 1- गरीबी*
देश की 50% जनता गरीब हे उनके पास खाते नही ?(मनमोहन सिंह)

*विषय 2 - शिक्षा*
देश की 60% जनता अनपढ़ है ऑनलाइन पेमेंट कैसे करेगी ?(राहुल गाँधी)

*विषय 3 - बेरोजगारी*
जिस देश में रोजगार ही नही वो केशलेस कैसे हो सकता है ?(अय्यर)

*विषय 4 - बिजली*
देश के 50% गावों में आज भी बिजली नही और मोदीजी केशलेस इकोनोमी की बात कर रहे ?(पी चिदम्बरम)

*विषय 5 - सुरक्षा*
जिस देश में संडास का डिब्बा भी बांधकर रखना पड़ता हे वहा ऑनलाइन पेमेंट सुरक्षित नही ?

*कांग्रेसी विरोध के चक्कर में गलती से अपनी मार्कशीट दिखा बैठे*
😃😁😜😄😀😛😆😂😝

Saturday 17 December 2016

               "दिव्यांश ज्योतिष केंद्र"
                 ग्रहों की जानकारी :-
               
नवग्रह में राहु  ग्रह का स्थान:~
–------------------------

समुद्र मंथन के बाद जब भगवान विष्णु मोहिनी रूप में देवताओं को अमृत पिला रहे थे, उसी समय राहु देवताओं का भेष बना कर उनके बीच आ बैठा। पर उसको सूर्य और चन्द्रमा ने पहचान लिया और उसकी पोल खोल दी। तत्क्षण विष्णु भगवान ने सुदर्शन चक्र द्वारा उसकी गरदन काट डाली। पर तब तक उसने अमृत का घूंट भर लिया था, जिसकी वजह से वह अमर हो गया।
1 . शरीर के दो टुकड़े हो जाने पर सिर राहु कहलाया और धड़ केतु के नाम से जाना जाने लगा।

2. ब्रह्माजी ने उन्हें ग्रह बना दिया।

3. राहु का मुख भयंकर है। ये सिर पर मुकुट, गले में माला तथा काले रंग के वस्त्र धारण करता है।

4. इसके हाथों में क्रमश:- तलवार, ढ़ाल, त्रिशुल और वरमुद्रा है।

5. इसका वाहन सिंह है। राहु ग्रह मंडलाकार होता है।

6. ग्रहों के साथ ये भी ब्रह्माजी की सभा में बैठता है। पृथ्वी की छाया भी मंडलाकार होती है। राहु इसी छाया का भ्रमण करता है। ग्रह बनने के बाद भी वैर-भाव से राहु पुर्णिमा को चन्द्रमा और अमावस्या को सूर्य पर आक्रमण करता रहता है। इसे ही ग्रहण कहते हैं।

7. इसका रथ अंधकार रूप है। इसे कवच से सजे काले रंग के आठ घोड़े खींचते हैं।

8. इसकी महादशा 18 वर्ष की होती है। कुछ अपवादों को छोड़ कर यह क्लेशकारी ही सिद्ध होता है।

9. यदि कुंडली में इसकी स्थिति प्रतिकूल या अशुभ हो तो यह शारीरिक व्याधियों, कार्यसिद्धी में बाधा तथा दुर्घटनाओं का कारण बनता है। इसकी शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना श्रेयस्कर होता है।

10. इसका सामान्य मंत्र है : ॐ रां राहवे नम: इसका एक निश्चित संख्या में नित्य जप करना चाहिए। जप का समय रात्रिकाल है।
             आचार्य राजेश कुमार